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कोरिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचा कोरोना - rural areas of koriya are also getting infected by corona

कोरिया में दूरस्थ ग्रामीण अंचल में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे है. जिससे बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

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Published : Apr 30, 2021, 3:18 PM IST

कोरिया: प्रदेशभर में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमण के प्रसार में बढ़ोतरी हो रही है. कोरिया जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र जिन्हें बेहद सुरक्षित समझा जाता था, वहां भी संक्रमण के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. कोरिया के शहरी क्षेत्रों में लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे. अब ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों का आंकड़ा

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में 95 पॉजिटिव मरीज मिले. वहीं बुधवार को यह आंकड़ा सर्वाधिक 97 था. इधर 27 अप्रैल को भी 75 पॉजिटिव मरीज मिले. इस तरह मात्र 3 दिनों में 267 मरीजों का मिलना चिंताजनक है.

खंडगवा क्षेत्र में गुरूवार को 76 पॉजिटिव मरीज मिले. जबकि 27 अप्रैल को 54 और 28 अप्रैल को 49 पॉजिटिव मरीज मिले थे. महज 3 दिनों में 179 मरीज मिले. सोनहत क्षेत्र में 29 अप्रैल को सर्वाधिक 39 मरीज मिले. यहां 3 दिनों में 75 पॉजिटिव मरीज मिले.

'गरीबों और पिछड़ों को पहले मिले कोरोना का टीका, वैक्सीन नहीं मिलेगी तो दिक्कत होगी'

दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र जनकपुर में 3 दिनों की अवधि में 35 पॉजिटिव मरीज मिले. सोनहत और जनकपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन भारी संख्या में पॉजिटिव मरीजों का मिलना यह साबित करता है कि इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के साथ ही जागरूकता लाने और कोरोना से बचाव के प्रयासों पर अमल करने की जरूरत है. मनेंद्रगढ़ ग्रामीण क्षेत्र में भी 3 दिनों में लगभग 110 पॉजिटिव मरीज मिले. यह आंकड़े जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लगातार बढ़ते ग्राफ को स्पष्ट कर रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजर और फेस मास्क का उपयोग बहुत कम किया जा रहा है. ग्रामीणों की धारणा है कि उनका क्षेत्र स्वच्छ है. इसलिए उन्हें कुछ नहीं होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में शादियां भी अधिक हो रही हैं. जहां कोरोना गाइडलाइन फॉलो नहीं किया जा रहा है.

जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जिसके लिए गांव के सरपंच, उप सरपंच, सचिव पंच और गणमान्य नागरिकों की टीम बनाकर जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त बेहतर कार्य करने वाले ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की योजना भी बननी चाहिए. सुनियोजित तरीके और टीमवर्क से काम करने पर ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

कोरिया: प्रदेशभर में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमण के प्रसार में बढ़ोतरी हो रही है. कोरिया जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र जिन्हें बेहद सुरक्षित समझा जाता था, वहां भी संक्रमण के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. कोरिया के शहरी क्षेत्रों में लगातार कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे. अब ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ गए हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों का आंकड़ा

जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में 95 पॉजिटिव मरीज मिले. वहीं बुधवार को यह आंकड़ा सर्वाधिक 97 था. इधर 27 अप्रैल को भी 75 पॉजिटिव मरीज मिले. इस तरह मात्र 3 दिनों में 267 मरीजों का मिलना चिंताजनक है.

खंडगवा क्षेत्र में गुरूवार को 76 पॉजिटिव मरीज मिले. जबकि 27 अप्रैल को 54 और 28 अप्रैल को 49 पॉजिटिव मरीज मिले थे. महज 3 दिनों में 179 मरीज मिले. सोनहत क्षेत्र में 29 अप्रैल को सर्वाधिक 39 मरीज मिले. यहां 3 दिनों में 75 पॉजिटिव मरीज मिले.

'गरीबों और पिछड़ों को पहले मिले कोरोना का टीका, वैक्सीन नहीं मिलेगी तो दिक्कत होगी'

दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र जनकपुर में 3 दिनों की अवधि में 35 पॉजिटिव मरीज मिले. सोनहत और जनकपुर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन भारी संख्या में पॉजिटिव मरीजों का मिलना यह साबित करता है कि इन क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के साथ ही जागरूकता लाने और कोरोना से बचाव के प्रयासों पर अमल करने की जरूरत है. मनेंद्रगढ़ ग्रामीण क्षेत्र में भी 3 दिनों में लगभग 110 पॉजिटिव मरीज मिले. यह आंकड़े जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लगातार बढ़ते ग्राफ को स्पष्ट कर रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजर और फेस मास्क का उपयोग बहुत कम किया जा रहा है. ग्रामीणों की धारणा है कि उनका क्षेत्र स्वच्छ है. इसलिए उन्हें कुछ नहीं होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में शादियां भी अधिक हो रही हैं. जहां कोरोना गाइडलाइन फॉलो नहीं किया जा रहा है.

जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जिसके लिए गांव के सरपंच, उप सरपंच, सचिव पंच और गणमान्य नागरिकों की टीम बनाकर जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त बेहतर कार्य करने वाले ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की योजना भी बननी चाहिए. सुनियोजित तरीके और टीमवर्क से काम करने पर ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

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