एमसीबी: एमसीबी के भरतपुर विधानसभा से सटा रमदहा जलप्रपात सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. इस जलप्रपात को देखने के लिए दूर-दराज से सैलानी आते हैं. घने जंगलों के बीच कई फीट की ऊंचाई से गिरता पानी देख सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते है.
क्यों खास है ये जल प्रपात: घने जंगलों और नदी नालों से घिरा रमदहा जलप्रपात दूर से ही काफी खूबसूरत दिखता है.भले ही यहां सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ हो, लेकिन यहां की खूबसूरती छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी प्रांत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपनी ओर खींच लाता है. प्रकृति ने रमदहा जलप्रपात और उसके आसपास के क्षेत्रों को इस तरह सजाया और संवारा है कि पहली नजर में आपको इस जल प्रपात से प्यार हो जाएगा. यही वजह है कि इस झरने को देख सैलानियों को भा जाता है. कई फीट की ऊंचाई से नदी का अनवरत गिरता पानी और आसपास के घने जंगल इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं. यही कारण है कि छुट्टी के दिनों में लोग पूरे परिवार के साथ यहां प्रकृति का आनंद उठाने आते हैं.
स्थानीय लोगों ने यहां सुविधाएं बढ़ाने की मांग की: स्थानीय लोगों का कहना है कि रमदहा जलप्रपात में आने जाने के लिये जो रास्ता वन विभाग द्वारा बनाया जा रहा है. वह ठीक नहीं है. ऐसा लगता है कि सिर्फ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करने के लिये ही सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
क्या कहते हैं सैलानी: ईटीवी भारत ने यहां पहुंचे सैलानियों से बातचीत की. सैलानियों का कहना है कि" हमने यूट्यूब के माध्यम से इस जगह को देखा था. झरने की खूबसूरती देखकर यहां आने का प्रोग्राम बनाया. झरने से कई फीट से पानी गिरता देखकर हम इसकी खूबसूरती में खो गये. इसी खूबसूरती को देखने के लिए हम करीब 400 किलोमीटर दूर से यहां आये हैं. लेकिन जलप्रपात तक पहुंचने के लिये जो रास्ता बनाया गया है, वह काफी जर्जर है. इस पर स्थानीय प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. ताकि यहां आने वाले सैलानियों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो."
हर दिन पहुंचते हैं हजारों सैलानी: हर दिन हजारों की तादाद में सैलानी रमदहा जलप्रपात पहुंचते हैं. हालांकि यहां जाने का रास्ता सही नहीं है. जर्जर रास्ते होने के कारण यहां पहुंचने पर लोगों की सांसें ऊपर-नीचे होने लगती है. जो भी लोग यहां आते हैं प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर खुश हो जाते हैं. हालांकि प्रशासन की तरफ से उचित इंतजाम न होने के कारण लोगों को निराशा भी होती है.