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छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मौली धागा,चावल और मोतियों से बनी खास राखियां - जनकपुर न्यूज

कोरिया के जनकपुर में विहान योजना से जुड़ी महिला गृह उद्योग की बहनों ने मौली धागा, रेशम,कुंदन, चावल, मोतियों और स्थानीय सजावटी वस्तुओं से बेहद आकर्षक राखियां तैयार की है.

rakhi
राखी
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Published : Jul 18, 2020, 9:31 PM IST

कोरिया: पूरे देश में 3 अगस्त को राखी का पवित्र त्योहार मनाया जाता है. राखी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. राखी के त्योहार से पहले मार्केट में अलग-अलग तरह की राखियां सज गई है. बजारों में अलग-अलग तरह की राखियां बिकने लगी है. इस बीच कोरिया के जनकपुर में विहान योजना से जुड़ी महिला गृह उद्योग की बहनों ने मौली धागा, रेशम,कुंदन ,उन, चावल, मोतियों और स्थानीय सजावटी वस्तुओं से बेहद आकर्षक राखियां तैयार की है.

देसी राखी बनाने में जुटी महिलाएं

राखियों को बनाने के लिए समूह ने अपने पास उपलब्ध फंड जुटाए और सामान स्थानीय बाजार से एकत्रित लेकर अपनी रचनात्मकता और मेहनत से मनमोहक डिजाइन और स्वरूप वाली राखियां तैयार की है. इन राखियों की लागत कम होने से इनकी कीमत भी बेहद कम है और सबसे खास बात इसमें अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. जनकपुर में महिला गृह उद्योग की दीदीयों सहायता समूह की महिलाओं ने राखियां बनाने के लिए कोई खास प्रशिक्षण नहीं लिया है. समूह की महिलाएं बताती हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया की मदद से ऑनलाइन राखी बनाना सीखा है.

पढ़ें: कोरबा: गांव की सौंधी मिट्टी की महक वाली खास है ये छत्तीसगढ़ी 'राखी'

राखी के साथ मास्क तैयार कर रही महिलाएं

इन राखियों का विक्रय ग्राम स्तर पर करने के साथ ही जनपद पंचायत में स्टाल भी लगाया जाएगा. इसके अलावा महिला गृह उद्योग द्वारा मास्क भी तैयार किया जा रहा है. समूह की महिलाएं बताती है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण मास्क की कमी हो गई है. लोगों को बाजार में मास्क नहीं मिल रहा है जिसे देखते हुए मास्क बनाया गया है. वे बताती हैं कि कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए मास्क बनाया गया है जिससे अच्छा फायदा हुआ है.

कोरिया: पूरे देश में 3 अगस्त को राखी का पवित्र त्योहार मनाया जाता है. राखी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. राखी के त्योहार से पहले मार्केट में अलग-अलग तरह की राखियां सज गई है. बजारों में अलग-अलग तरह की राखियां बिकने लगी है. इस बीच कोरिया के जनकपुर में विहान योजना से जुड़ी महिला गृह उद्योग की बहनों ने मौली धागा, रेशम,कुंदन ,उन, चावल, मोतियों और स्थानीय सजावटी वस्तुओं से बेहद आकर्षक राखियां तैयार की है.

देसी राखी बनाने में जुटी महिलाएं

राखियों को बनाने के लिए समूह ने अपने पास उपलब्ध फंड जुटाए और सामान स्थानीय बाजार से एकत्रित लेकर अपनी रचनात्मकता और मेहनत से मनमोहक डिजाइन और स्वरूप वाली राखियां तैयार की है. इन राखियों की लागत कम होने से इनकी कीमत भी बेहद कम है और सबसे खास बात इसमें अपनी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. जनकपुर में महिला गृह उद्योग की दीदीयों सहायता समूह की महिलाओं ने राखियां बनाने के लिए कोई खास प्रशिक्षण नहीं लिया है. समूह की महिलाएं बताती हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया की मदद से ऑनलाइन राखी बनाना सीखा है.

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राखी के साथ मास्क तैयार कर रही महिलाएं

इन राखियों का विक्रय ग्राम स्तर पर करने के साथ ही जनपद पंचायत में स्टाल भी लगाया जाएगा. इसके अलावा महिला गृह उद्योग द्वारा मास्क भी तैयार किया जा रहा है. समूह की महिलाएं बताती है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण मास्क की कमी हो गई है. लोगों को बाजार में मास्क नहीं मिल रहा है जिसे देखते हुए मास्क बनाया गया है. वे बताती हैं कि कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए मास्क बनाया गया है जिससे अच्छा फायदा हुआ है.

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