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खाद चोरी के मामले में चोर पर नहीं पुलिस पर सवाल क्यों उठ रहे हैं - गिरफ्तार

पिछले महीने सोनहत की सोसाइटी में रखे 758 बोरी खाद चोरी का मामला थाने में दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरी ओर इस मामले में कई और भी तथ्य सामने आए हैं.

खाद चोरी के मामले में चोर पर नहीं पुलिस पर सवाल क्यों उठ रहे हैं
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Published : Jun 10, 2019, 3:21 PM IST

कोरिया: खाद चोरी और जब्ती के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. 758 बोरी खाद चोरी के मामले में पुलिस ने 100 बोरी खाद जब्त कर ली लेकिन 658 बोरी खाद कहां है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है. वहीं मामले में जिस व्यापारी की संलिप्तता सामने आई है, वो भी पुलिस गिरफ्त से दूर है.

खाद चोरी के मामले में चोर पर नहीं पुलिस पर सवाल क्यों उठ रहे हैं

पिछले महीने सोनहत की सोसाइटी में रखे 758 बोरी खाद चोरी का मामला थाने में दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में कई और भी तथ्य सामने आए हैं.

पुलिस पर क्या हैं आरोप-

  • बताया जाता है कि पुलिस ने चोरी के मामले में एक युवक को लंबे समय से थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी. इस मामले में युवक के परिजनों ने न्यायालय में शरण ली. नियम के मुताबिक किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा पुलिस अपनी कस्टडी में नहीं रह सकती है.
  • पुलिस द्वारा जिस स्थान से खाद बरामद करना बताया जा रहा है, वहां के लोगों का कहना है कि यहां तो खाद रखी ही नहीं गई थी और ना ही पुलिस ने खाद जब्ती का पंचनामा तैयार करवाया है.
  • सोनहत समिति ने जिस खाद की चोरी का मामला दर्ज कराया गया है वह जनवरी व फरवरी माह के दो तारीख को अंतिम बार समिति में आई थी, समिति में आई खाद की बोरियो में खाद की मैन्युफैक्चरिंग जनवरी 2019 अंकित है. जो जनवरी ओर फरवरी में समिति में पहुंची है.
  • वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने जिस खाद की बोरियों को बरामद किया है उन सभी खाद की बोरियों पर मेन्युफैक्चरिंग तिथि मार्च एव अप्रैल 2019 अंकित है, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जो खाद की बोरियों को बरामद किया है वह समिति से चोरी गई खाद की बोरिया नहीं है.
  • ऐसे में समिति से चोरी गई उन खाद की बोरियों में जिनमे जनवरी अंकित है मार्च-अप्रैल की मैन्युफैक्चरिंग डेट कैसे डाली जा सकती ह.
  • कुल मिलाकर यह पूरा मामला किसी बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. वहीं खुद थाना प्रभारी को भी यह बताने में पसीने छूट गए कि खाद जब्ती कब हुई है.
  • एक तरफ पुलिस का गोलमोल जवाब तो दूसरी तरफ गवाह भी सही तरीके से पूरी जानकारी नहीं दे पा रहा है.

कोरिया: खाद चोरी और जब्ती के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. 758 बोरी खाद चोरी के मामले में पुलिस ने 100 बोरी खाद जब्त कर ली लेकिन 658 बोरी खाद कहां है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है. वहीं मामले में जिस व्यापारी की संलिप्तता सामने आई है, वो भी पुलिस गिरफ्त से दूर है.

खाद चोरी के मामले में चोर पर नहीं पुलिस पर सवाल क्यों उठ रहे हैं

पिछले महीने सोनहत की सोसाइटी में रखे 758 बोरी खाद चोरी का मामला थाने में दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में कई और भी तथ्य सामने आए हैं.

पुलिस पर क्या हैं आरोप-

  • बताया जाता है कि पुलिस ने चोरी के मामले में एक युवक को लंबे समय से थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी. इस मामले में युवक के परिजनों ने न्यायालय में शरण ली. नियम के मुताबिक किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा पुलिस अपनी कस्टडी में नहीं रह सकती है.
  • पुलिस द्वारा जिस स्थान से खाद बरामद करना बताया जा रहा है, वहां के लोगों का कहना है कि यहां तो खाद रखी ही नहीं गई थी और ना ही पुलिस ने खाद जब्ती का पंचनामा तैयार करवाया है.
  • सोनहत समिति ने जिस खाद की चोरी का मामला दर्ज कराया गया है वह जनवरी व फरवरी माह के दो तारीख को अंतिम बार समिति में आई थी, समिति में आई खाद की बोरियो में खाद की मैन्युफैक्चरिंग जनवरी 2019 अंकित है. जो जनवरी ओर फरवरी में समिति में पहुंची है.
  • वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने जिस खाद की बोरियों को बरामद किया है उन सभी खाद की बोरियों पर मेन्युफैक्चरिंग तिथि मार्च एव अप्रैल 2019 अंकित है, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जो खाद की बोरियों को बरामद किया है वह समिति से चोरी गई खाद की बोरिया नहीं है.
  • ऐसे में समिति से चोरी गई उन खाद की बोरियों में जिनमे जनवरी अंकित है मार्च-अप्रैल की मैन्युफैक्चरिंग डेट कैसे डाली जा सकती ह.
  • कुल मिलाकर यह पूरा मामला किसी बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. वहीं खुद थाना प्रभारी को भी यह बताने में पसीने छूट गए कि खाद जब्ती कब हुई है.
  • एक तरफ पुलिस का गोलमोल जवाब तो दूसरी तरफ गवाह भी सही तरीके से पूरी जानकारी नहीं दे पा रहा है.
Intro:एंकर -कोरिया जिले के सोनहत सोसाइटी में रखी खाद चोरी के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लिया है इस मामले में पुलिस ने भले ही सुलझाने का दावा किया है लेकिन 758 बोरी खाद में से 100 बोरी खाद की बरामदगी और जप्ती अभी तक हो पाई है ऐसे बड़ा सवाल ये है कि बाकी की खाद जमीन निकल गई या आसमा ।वहीं जिस दूसरी जगह से भी 4 बोरी खाद जब्ती की बात कही गई है वहाँ का आरोपी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है साथ ही सूरजपुर के जिस व्यापारी की सलिप्तता की बात सामने आई है वह भी पुलिस गिरफ्त से दूर है।Body:बी ओ- बीते माह सोनहत की सोसाइटी में रखे 758 बोरी खाद चोरी का मामला थाने में दर्ज कराया गया था। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है वहीं दूसरी ओर इस मामले में कई और भी तथ्य सामने आए हैं। बताया जाता है कि पुलिस ने चोरी के मामले में एक युवक को लंबे समय से थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी । इस मामले में युवक के परिजनों ने न्यायालय में शरण ली जिसके बाद कोर्ट से नोटिस आने पर पुलिस ने कार्यवाही की। नियमानुसार किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ऊपर पुलिस अपनी कस्टडी में नहीं रह सकती है ।
बाईट-मानसाय (समिति प्रबंधक)
बाइट--1- जे आर कुर्रे (थाना प्रभारी सोनहत)

बी ओ-इस मामले में दूसरी हैरत करने वाली बात यह है कि पुलिस द्वारा जिस स्थान से खाद बरामद करना बताया जा रहा है वहां के लोगों का कहना है कि यहां तो खाद रखी ही नहीं गई थी और ना ही पुलिस ने खाद जब्ती का पंचनामा तैयार करवाया है।वही पुलिस की खाद जप्ती की खबर किसी को भी नही लगी। इसके साथ ही साथ सोनहत समिति के जिस खाद की चोरी का मामला दर्ज कराया गया है वह जनवरी व फरवरी माह के दो तारीख को अंतिम बार समिति में आई थी ,समिति में आई खाद की बोरियो में खाद की मैन्युफेक्चरिंग जनवरी 2019 अंकित है,जो जनवरी ओर फरवरी में समिति में पहुँचा है। वही दूसरी और पुलिस ने जिस खाद की बोरियो को बरामद किया है उन सभी खाद की बोरियो पर मेन्युफेक्चरिंग तिथि मार्च एव अप्रैल 2019 अंकित है । इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जो खाद की बोरियो को बरामद किया है वह समिति से चोरी गई खाद की बोरिया नही है। ऐसे में समिति से चोरी गई उन खाद की बोरियों में जिनमे जनवरी अंकित है मार्च-अप्रैल की मैन्युफैक्चरिंग डेट कैसे डाली जा सकती है ।कुल मिलाकर यह पूरा मामला किसी बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं।वहीं खुद थाना प्रभारी को भी यह बताने में पसीने छुट गए कि खाद की जप्ती कब हुई है।ऐसे में इस मामले का खुलासा कब हो पायेगा यह देखने वाली बात होगी।

बाइट--2-जे आर कुर्रे थाना प्रभारी
बाइट--3--इस्लाम खान आरोपी के पिता
विओ-3--पुलिस के अनुसार खाद की वोरियो को मेनरोड सोनहत स्थित वेल्डिग दुकान के पीछे से खाद को बरामद करना पहले तीस जुन को शाम के वक्त और बाद मे ईकत्तीस जुन के रात दस बजे जप्त करना बताया जा रहा,लेकिन पुलिस ने खाद जप्ती का आसपास के लोगो को बुलाकर कोई भी पंचनामा नही बनाया.वही पुलिस के अनुसार दो लोगो रामलाल और जनार्दन की मौजुदगी में खाद बरामद करने की बात कह रही है.
बाइट--4-सोनू
बाइट--5-रामलाल (खाद जप्ती के गवाह)Conclusion:रामलाल से पूछे जाने पर उसने भी कैमरे के सामने गोलमोल जवाब दिया,खाद की बरामदगी को कही और से होना बताया ,खाद को सुरजपुर विकासखंड के घुईडिह से एव चार बोरी शब्बीर के यहां से जप्त होना बताया जा रहा .
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