कोरिया: खाद चोरी और जब्ती के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. 758 बोरी खाद चोरी के मामले में पुलिस ने 100 बोरी खाद जब्त कर ली लेकिन 658 बोरी खाद कहां है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है. वहीं मामले में जिस व्यापारी की संलिप्तता सामने आई है, वो भी पुलिस गिरफ्त से दूर है.
पिछले महीने सोनहत की सोसाइटी में रखे 758 बोरी खाद चोरी का मामला थाने में दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में कई और भी तथ्य सामने आए हैं.
पुलिस पर क्या हैं आरोप-
- बताया जाता है कि पुलिस ने चोरी के मामले में एक युवक को लंबे समय से थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी. इस मामले में युवक के परिजनों ने न्यायालय में शरण ली. नियम के मुताबिक किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा पुलिस अपनी कस्टडी में नहीं रह सकती है.
- पुलिस द्वारा जिस स्थान से खाद बरामद करना बताया जा रहा है, वहां के लोगों का कहना है कि यहां तो खाद रखी ही नहीं गई थी और ना ही पुलिस ने खाद जब्ती का पंचनामा तैयार करवाया है.
- सोनहत समिति ने जिस खाद की चोरी का मामला दर्ज कराया गया है वह जनवरी व फरवरी माह के दो तारीख को अंतिम बार समिति में आई थी, समिति में आई खाद की बोरियो में खाद की मैन्युफैक्चरिंग जनवरी 2019 अंकित है. जो जनवरी ओर फरवरी में समिति में पहुंची है.
- वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने जिस खाद की बोरियों को बरामद किया है उन सभी खाद की बोरियों पर मेन्युफैक्चरिंग तिथि मार्च एव अप्रैल 2019 अंकित है, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस ने जो खाद की बोरियों को बरामद किया है वह समिति से चोरी गई खाद की बोरिया नहीं है.
- ऐसे में समिति से चोरी गई उन खाद की बोरियों में जिनमे जनवरी अंकित है मार्च-अप्रैल की मैन्युफैक्चरिंग डेट कैसे डाली जा सकती ह.
- कुल मिलाकर यह पूरा मामला किसी बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है. वहीं खुद थाना प्रभारी को भी यह बताने में पसीने छूट गए कि खाद जब्ती कब हुई है.
- एक तरफ पुलिस का गोलमोल जवाब तो दूसरी तरफ गवाह भी सही तरीके से पूरी जानकारी नहीं दे पा रहा है.