कोरिया: विकासखंड भरतपुर में कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण कर भवन का चयन किया, जहां दूसरे राज्य में फंसे लोगों के आने पर उन्हें परिवार समेत क्वॉरेंटाइन किया गया, लेकिन कई जगह भवन की हालत काफी जर्जर है.
बताया जा रहा है ग्राम पंचायत भरतपुर के आदिवासी कन्या आश्रम क्वॉरेंटाइन सेंटर का भवन जर्जर हालत में हैं. यहां भवन के छत से आए दिन प्लास्टर का टुकड़ा गिरता रहता है जिससे क्वॉरेंटाइन परिवार डर के साये में है. छत के नीचे सोने पर इन परिवारों के रातों की नींद उड़ गई है.
![Quarantine family scared due to roof plaster collapse in Koriya](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kra-01-quarantine-pkg-cgc10075_05062020091139_0506f_1591328499_348.jpg)
बच्चों के बगल में गिरा छत से प्लास्टर का टुकड़ा
भरतपुर में पिछले तीन-चार सालों से ये आदिवासी कन्या आश्रम संचालित हो रहा है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. कोरोना महामारी के चलते इस भवन को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.यहां रुके परिवार में छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे थे कि छत से प्लास्टर का मलबा बच्चों के बगल में गिरा जिससे दुर्घटना होते-होते बची.
![Quarantine family scared due to roof plaster collapse in Koriya](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-kra-01-quarantine-pkg-cgc10075_05062020091139_0506f_1591328499_913.jpg)
क्वॉरेंटाइन सेंटर में डर का साया
वहीं बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले यहां शॉर्ट सर्किट से आग भी लगी थी. जैसे-तैसे लोगों ने आग पर काबू पा लिया. आश्रम अधिक्षिका से बात करने पर उन्होंने बताया कि भवन की हालत के बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जुलाई से शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में उच्च अधिकरियो के संज्ञान में होते हुए भी भवन की मरम्मत नहीं कराई जा रही है, जिससे हमेशा जान का खतरा बना रहता है.
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अब ऐसे में क्वॉरेंटाइन सेंटर के लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन ने सब जानने के बावजदू भी उन्हें यहां क्यों रुकवाया गया. भवन की ऐसी हालत में कोई भी हादसा हो सकता है.