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korea latest news: विवादों के घेरे में पाइपलाइन विस्तार का काम, ठेकेदार पर मनमानी के आरोप - पीएचई विभाग के अधिकारी चंद्र बदन सिंह

एमसीबी के भरतपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत घटई में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन विस्तार का काम विवादों के घेरे में आ गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचई विभाग के ठेकेदार पर मनमाने तरीके से मजदूरों के बजाए मशीनों से काम कराया जा रहा है. रोजगार ना देकर मशीनों से काम कराये जाने का ग्रामीणों ने विरोध किया है. वहीं इस पूरे मामले में अधिकारी कहीं ना कहीं अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

Pipeline expansion work controversies in korea
पाइपलाइन के काम में ठेकेदार पर गंभीर आरोप
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Published : Jan 22, 2023, 8:39 PM IST

पाइपलाइन के काम में ठेकेदार पर गंभीर आरोप

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने की बात कहती है, लेकिन पीएचई विभाग के द्वारा ग्रामीणों से उनका रोजगार छीना जा रहा है. एमसीबी जिले के घटई गांव में पीएचई विभाग द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन विस्ताल का काम कराया जा रहा है. हर गांव में शुद्ध पीने की पानी की व्यवस्था के लिये पाइपलाइन का विस्तार किया जा रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण दिहाड़ी मजदूरों का हक मारने का आरोप विभाग पर लगा है.

ठेकेदार पर मनमानी करने का आरोप: इस संबंध में ईटीवी भारत ने गांव की सरपंच से बात की, तो उनका कहना है कि "मेरे मना करने पर भी ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी करते हुए जेसीबी लगाकर पाइप लाइन का काम कराया जा रहा है. उसे मजदूर लगाकर काम कराना चाहिए, लेकिन वह मजदूर नहीं लगा रहा है. काम को हमारे द्वारा जब रोका गया, तो उल्टा ही हमसे मजदूर की मांग ठेकेदार के द्वारा किया गया कि आप मजदूर लाके दोगे, तो मैं मजदूर से काम करा लूंगा. नहीं तो मैं जेसीबी मशीन लगाकर काम करूंगा. मुझे काम कराना है और इस काम को जल्द खत्म करना है."

"लेबर नहीं मिलने पर मजदूरों से कराया काम": इस संबंध में जब हमने पीएचई विभाग के अधिकारी चंद्र बदन सिंह से बात की, तो उनका कहना है कि "खेतीबाड़ी के चलते मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं, इसलिए काम को अतिशीघ्र पूरा करना है. इसी कारण ठेकेदार के द्वारा जेसीबी मशीन से काम को जल्दी करवाया जा रहा है. जल जीवन मिशन के तहत जो काम कराया जा रहा है, इस पर लेबर से काम कराना होता है. लेकिन लेबर नहीं मिल रहे हैं. इसलिए ठेकेदार मशीन से काम करा रहा है."

यह भी पढ़ें: Generic Medicine Vs Branded Medicine : जेनेरिक मेडिसिन कितनी सुरक्षित, क्यों फैली हैं भ्रांतियां, जानें

रोजगार की कमी से मजदूर पलायन को मजबूर: ग्रामीणों का कहना है कि "पीएचई विभाग के ठेकेदार द्वारा गांव में जो पाइप लाइन बिछाई जा रही है, उसमें मजदूरों से काम ना कराकर मशीनों से काम किया जा रहा है. वनांचल क्षेत्र भरतपुर में रोजगार की कमी होने के कारण मजदूर अपना जीवन यापन करने काम की तलाश में भटक रहे हैं." छत्तीसगढ़ सरकार मजदूरों का पलायन रोकने के लिये उन्हें गांव में ही रोजगार देने की योजना बनाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से शासन की योजनाओं पर ग्रहण लगने लगा है.

मामले में अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आये: इस पूरे मामले में अधिकारी कहीं ना कहीं अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. पूरे जिले में पीएचई विभाग के द्वारा गांव में जहां भी पाइपलाइन बिछाया जा रहा, पूरा काम मजदूरों से ना करा कर जेसीबी मशीन से काम कराया जा रहा है. जहां ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देना चाहिए, वहां उनसे ही रोजगार छीन लिया जा रहा है. इस पर अभी तक प्रशासन आंख बंद कर ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. अब देखना यही है कब तक मजदूरों का शोषण अधिकारी और ठेकेदारों के द्वारा किया जाता रहेगा.

पाइपलाइन के काम में ठेकेदार पर गंभीर आरोप

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने की बात कहती है, लेकिन पीएचई विभाग के द्वारा ग्रामीणों से उनका रोजगार छीना जा रहा है. एमसीबी जिले के घटई गांव में पीएचई विभाग द्वारा जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन विस्ताल का काम कराया जा रहा है. हर गांव में शुद्ध पीने की पानी की व्यवस्था के लिये पाइपलाइन का विस्तार किया जा रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण दिहाड़ी मजदूरों का हक मारने का आरोप विभाग पर लगा है.

ठेकेदार पर मनमानी करने का आरोप: इस संबंध में ईटीवी भारत ने गांव की सरपंच से बात की, तो उनका कहना है कि "मेरे मना करने पर भी ठेकेदार द्वारा अपनी मनमानी करते हुए जेसीबी लगाकर पाइप लाइन का काम कराया जा रहा है. उसे मजदूर लगाकर काम कराना चाहिए, लेकिन वह मजदूर नहीं लगा रहा है. काम को हमारे द्वारा जब रोका गया, तो उल्टा ही हमसे मजदूर की मांग ठेकेदार के द्वारा किया गया कि आप मजदूर लाके दोगे, तो मैं मजदूर से काम करा लूंगा. नहीं तो मैं जेसीबी मशीन लगाकर काम करूंगा. मुझे काम कराना है और इस काम को जल्द खत्म करना है."

"लेबर नहीं मिलने पर मजदूरों से कराया काम": इस संबंध में जब हमने पीएचई विभाग के अधिकारी चंद्र बदन सिंह से बात की, तो उनका कहना है कि "खेतीबाड़ी के चलते मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं, इसलिए काम को अतिशीघ्र पूरा करना है. इसी कारण ठेकेदार के द्वारा जेसीबी मशीन से काम को जल्दी करवाया जा रहा है. जल जीवन मिशन के तहत जो काम कराया जा रहा है, इस पर लेबर से काम कराना होता है. लेकिन लेबर नहीं मिल रहे हैं. इसलिए ठेकेदार मशीन से काम करा रहा है."

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रोजगार की कमी से मजदूर पलायन को मजबूर: ग्रामीणों का कहना है कि "पीएचई विभाग के ठेकेदार द्वारा गांव में जो पाइप लाइन बिछाई जा रही है, उसमें मजदूरों से काम ना कराकर मशीनों से काम किया जा रहा है. वनांचल क्षेत्र भरतपुर में रोजगार की कमी होने के कारण मजदूर अपना जीवन यापन करने काम की तलाश में भटक रहे हैं." छत्तीसगढ़ सरकार मजदूरों का पलायन रोकने के लिये उन्हें गांव में ही रोजगार देने की योजना बनाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से शासन की योजनाओं पर ग्रहण लगने लगा है.

मामले में अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आये: इस पूरे मामले में अधिकारी कहीं ना कहीं अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. पूरे जिले में पीएचई विभाग के द्वारा गांव में जहां भी पाइपलाइन बिछाया जा रहा, पूरा काम मजदूरों से ना करा कर जेसीबी मशीन से काम कराया जा रहा है. जहां ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देना चाहिए, वहां उनसे ही रोजगार छीन लिया जा रहा है. इस पर अभी तक प्रशासन आंख बंद कर ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. अब देखना यही है कब तक मजदूरों का शोषण अधिकारी और ठेकेदारों के द्वारा किया जाता रहेगा.

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