मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: illegal sand mining भरतपुर विधानसभा के मवई नदी में बीते 10 दिन से अवैध रेत का खनन और परिवहन चल रहा है. लेकिन एसडीएम को इसकी जानकारी ही नहीं है. मामले में भरतपुर एसडीएम मूलचंद चोपड़ा ने बताया कि "नदियों से अवैध रेत खनन के मामले में ग्रामीणों ने कोई शिकायत नहीं की है. मुझे इसकी जानकारी भी नहीं थी. अब जानकारी मिलने पर माइनिंग अधिकारी से चर्चा कर मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगे." BJP targets Congress on illegal sand mining
ग्रामीणों के विरोध के बावजूद चल रहा अवैध रेत खनन: आपको बता दें कि नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर से भरतपुर के हरचोका नदी से रेत का अवैध खनन जोरों से चल रहा है. रेत माफिया अवैध कारोबार में जुट गए हैं. बगैर लीज और अनुमति के ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रेत माफिया मवई नदी में बुलडोजर उतार कर अवैध रेत खनन कर परिवहन कर रहें हैं. नदी से रेत खनन का ग्रामीण बीते 7-8 साल से विरोध कर रहे हैं. यही नहीं कई बार तो ग्रामीण आंदोलन कर चुके हैं. इसके बावजूद भी स्थिति नहीं सुधर रही है.
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कई गांव में चल रहा अवैध रेत खनन: ब्लॉक भरतपुर के ग्राम कोटाडोल की नेउर नदी, हरचोका ग्राम पंचायत की मवई और घटई ग्राम से बहने वाली ओदारी नदियों से अवैध रेत खनन और परिवहन का लगातार ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है. तीनों ही नदियां मध्यप्रदेश की सीमा से होकर बहती है. जिसकी वजह से आसानी से रेत माफिया यहां से रेत ले जाते हैं. फिलहाल मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा से लगे मवई नदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन बीते 10 से 12 दिन से कर रहे हैं. जिसे लेकर ग्रामीण अब अंदर ही अंदर विरोध करने लगे हैं. रेत माफिया का खौफ ऐसा है कि शासन-प्रशासन का रेत माफियाओं को डर ही नही है.
बीजेपी ने कांग्रेस विधायक पर लगाए आरोप: भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष पवन शुक्ला ने कहा: "जब गुलाब कमरो विधायक नहीं थे. तब यही रेत उत्खनन के लिए रेत से लगी हुई ट्रक के सामने लेट जाया करते थे. लेकिन आज कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस के विधायक गुलाब कमरो के राज में बेखौफ होकर रेत उत्खनन कारोबार चरम सीमा पर चल रहा है. जिस पर शासन प्रशासन किसी का नजर नहीं जा रहा है. इससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं शासन का दबदबा इस रेत माफिया पर है."
आम आदमी पार्टी ने भी बोला हमला: आम आदमी पार्टी के रामाशंकर मिश्रा ने कहा: "बड़े दुर्भाग्य की बात है चांद पखार के केवाई नदियों में पोकलेन लगाकर अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है. लेकिन इस पर शासन प्रशासन आंखों में पट्टी बांधकर मौन धारण कर बैठी हुई है. आखिर में इसका कारण क्या है, क्यों रेत माफिया पर कारवाई नहीं कर रही है. कहीं ना कहीं पर शासन का प्रशासन को डर बना हुआ है. या फिर कहीं ना कहीं मिली जुली सरकार है जो कि ऐसे रेत माफिया पर कार्रवाई करने से डरते हैं. आम ग्रामीण लोग कितने बार यहां पर धरना प्रदर्शन कर इस रेत माफिया को यहां से हटाने का प्रयास कर चुके हैं. लेकिन शासन प्रशासन इस पर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं देता है. अगर अभी ऐसा नहीं किया गया तो फिर एक बार बहुत बड़ा आंदोलन इन रेत माफिया के खिलाफ किया जाएगा."