कोरिया : जिले में एक ऐसा गांव है जहां कोई अपनी लड़की नहीं देना चाहता. गांव का नाम सुनते ही लड़की पक्ष वहां शादी के लिए मना कर देता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आजादी के 70 साल बाद भी इस गांव में बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था नही हो पाई है. जिस वजह से पूरा गांव आज भी जगमगाती दुनिया से कोसो दूर लालटेन (डिभरी) के भरोसे रहने को मजबूर है.
मनेन्द्रगढ़ तहसील के बांधपारा गांव की जनसंख्या लगभग डेढ़ सौ की है. जो शहरी क्षेत्र से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी में बसा है. ग्रामीणों ने बताया कि वे अब तक रात में एक डिभरी के भरोसे रहते आए है. उन्हें इतना केरोसिन भी नही मिलता है कि रोजाना लालटेन जला सके.
जंगली जानवरों का खतरा
उन्होंने बताया कि गांव में जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है. जिसकी वजह कोई अपनी बेटी का विवाह यहां नहीं करना चाहता.
आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला
हैरानी की बात यह है कि इस गांव के बीच से स्टेट हाइवे का निर्माण किया गया है.जो मनेंद्रगढ़ और चिरिमिरी को जोड़ता है। जहाँ से विधायकों, और अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है. लेकिन इसके बावजूद भी किसी का ध्यान इस गांव की ओर नहीं गया. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत कई बार जिले के अधिकारियों और कलेक्टर से की लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नही मिला.
इस सम्बंध में जब ETV भारत ने सरगुजा विकास प्राधिकरण, उपाध्यक्ष गुलाब कमरो से बात की तो उनका कहना है कि 'जानकारी मिली है. अभी आचार संहिता के वजह से काम नही हो पा रहा है. आचार संहिता जैसे ही खत्म होती है मैं सबसे पहले इस गांव की हर जरूरत की चीजें मुहैया करवाउंगा.