कोरिया: छत्तीसगढ़ के कोरिया के गांव मेंड्रा का छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने दौरा किया. यहीं की पहाड़ियों से हसदेव नदी निकली है. ऐसी मान्यता प्रचलित है. हसदेव नदी छत्तीसगढ़ के 8 जिलों से गुजरते हुए इन क्षेत्रों में कृषि के साथ-साथ औद्योगिक संरचना को भी मजबूती प्रदान करती है. जिसके चलते हसदेव को छत्तीसगढ़ की लाइफ लाइन भी कहा जाता है. महाशिवरात्रि पर्व पर छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हसदेव उदगम स्थल पर पहुंचकर परिवार सहित विधि विधान से पूजा अर्चना की. वहीं श्रीफल और अन्य भेंट हसदेव नदी को अर्पित किया.
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हसदेव नदी का कर्ज नहीं चुकाया जा सकता: छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत का कहना है कि उदगम स्थल से छोटे रूप में निकलकर हसदेव आगे चलकर विराट स्वरूप में छत्तीसगढ़ को आर्थिक सामाजिक औद्योगिक रूप से मजबूती प्रदान करती है. जिस कारण इसका कर्ज तो नहीं चुकाया जा सकता, लेकिन मैं आकर यहां उनका ऋण चुकाने की कोशिश जरूर करता हूं. खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाये रखने की कामना करता हूं.
हर साल ऋण चुकाने आते हैं यहां: विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि," हमारे सिंहदेव साहब थे तब उन्होंने निर्णय लिया था कि क्यों न उनके उद्गम स्थान पर एक मंदिर बना दें. हम यहां ऋण चुकाने आते हैं. यहां के लोगों को पता नहीं होगा यहां के लिए हसदेव जीवनदायिनी नदी है. कोरबा, जांजगीर, रायगढ़ और बिलासपुर के लिए लाइफलाइन है. इससे बिजली पैदा होती है और धान की फसल पैदा होती है. यही वजह है कि हसदेव के लिए हमलोग ऋण चुकाने आते हैं, पूजा अर्चना करने आते हैं."
छत्तीसगढ़ की लाइफलाइन है हसदेव: हसदेव नदी छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की कैमूर पहाड़ियों से निकलकर कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर और रायगढ़ जिलों में बहती है और महानदी में जाकर मिल जाती है. इस नदी को छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा कहा जाता है. इसकी कुल लंबाई 176 किलोमीटर और प्रवाह क्षेत्र 7,210 वर्ग किलोमीटर का है.