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कोरिया में आकाशीय बिजली से मौत

Lightning death in Koriya: कोरिया के मनेंद्रगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से दो की मौत हो गई. एक मवेशी भी बिजली की चपेट में आ गया. मवेशी चराने के लिए दोनों जंगल में गए हुए थे. वहां से लौटने के दौरान बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़े हो गए. इसी दौरान बिजली की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. Koriya latest news

Lightning death in Koriya
कोरिया में आकाशीय बिजली से मौत
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Published : Sep 20, 2022, 12:19 PM IST

कोरिया: जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र भरतपुर में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत हो गई. एक मवेशी भी बिजली की चपेट में आने से झुलस गया. दोनों मवेशी चराने गए थे. इसी दौरान बिजली की चपेट में आ गए. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. ग्रामीणों को कई बार जानकारी देने के बाद भी वे बारिश और बिजली चमकने के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े हो जाते हैं. जिससे इनकी जान चली जाती है. Lightning after heavy rain in Koriya

कोरिया में आकाशीय बिजली से मौत: भरतपुर के भगवानपुर में रहने वाला 55 साल का माधव यादव और 15 साल का नाबालिग द्वारिका प्रसाद कोल रोज की तरह सोमवार को भी बंधवारपारा जंगल में मवेशी चराने गए हुए थे. शाम को जब लोग वापस लौट रहे थे तो इसी दौरान तेज बारिश होने लगी. बरसात बढ़ता देख वे लोग एक सागौन पेड़ के नीचे खड़े हो गए. इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. जैसे ही ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल घटना की सूचना जनकपुर थाने में दी. उसके बाद जनकपुर थाना प्रभारी एम एल शुक्ला ने तत्काल पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा. पुलिस टीम ने दोनों शव का मर्ग पंचनामा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

Lightning in Surajpur: सूरजपुर में साप्ताहिक बाजार में गिरी बिजली, दो युवकों की मौत

सोमवार को ही सूरजपुर जिले में भी आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों को मौत हो गई. तीन घायल है. जिनका प्रतापपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों युवक साप्ताहिक बाजार आए थे. इसी दौरान बिजली उन पर गिरी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. Death due to lightning in Surajpur

क्या है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच टक्कर यानी घर्षण होने या जल चक्र की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले बादलों के टकराने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलता है, जिससे ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. धरती पर यह केवल 0.02 सेकेंड में पहुंचती है. इस दौरान ध्वनि से ज्यादा प्रकाश की गति तेज होने के कारण चमक पहले दिखाई देती है और कड़कने का आवाज बाद में सुनाई देती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

दामिनी एप से मिलती है आकाशीय बिजली की चेतावनी: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) पुणे ने 'दामिनी' नाम का एप डेवलप किया है. जिसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. जिससे समय रहते जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है. वहीं किसानों के लिए मेघदूत एप भी बनाया गया है, जिससे किसानों को 5 दिनों के मौसम की जानकारी मिल जाती है.

आकाशीय बिजली से बचाव के तरीके: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आकाशीय बिजली जिसे गाज भी कहा जाता है, उससे बचने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान या खुले में काम करने वाले लोग आते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान या उससे पहले थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए, तो उससे बचा जा सकता है.

बारिश के मौसम में बरतें सावधानी

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो, तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभों के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • खेत में यदि कोई हो तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए.
  • लोहे समेत धातु से बने सामान, साइकिल, ऊंची बिल्डिंग से दूर रहना चाहिए.


कोरिया: जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र भरतपुर में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत हो गई. एक मवेशी भी बिजली की चपेट में आने से झुलस गया. दोनों मवेशी चराने गए थे. इसी दौरान बिजली की चपेट में आ गए. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. ग्रामीणों को कई बार जानकारी देने के बाद भी वे बारिश और बिजली चमकने के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े हो जाते हैं. जिससे इनकी जान चली जाती है. Lightning after heavy rain in Koriya

कोरिया में आकाशीय बिजली से मौत: भरतपुर के भगवानपुर में रहने वाला 55 साल का माधव यादव और 15 साल का नाबालिग द्वारिका प्रसाद कोल रोज की तरह सोमवार को भी बंधवारपारा जंगल में मवेशी चराने गए हुए थे. शाम को जब लोग वापस लौट रहे थे तो इसी दौरान तेज बारिश होने लगी. बरसात बढ़ता देख वे लोग एक सागौन पेड़ के नीचे खड़े हो गए. इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. जैसे ही ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल घटना की सूचना जनकपुर थाने में दी. उसके बाद जनकपुर थाना प्रभारी एम एल शुक्ला ने तत्काल पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा. पुलिस टीम ने दोनों शव का मर्ग पंचनामा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

Lightning in Surajpur: सूरजपुर में साप्ताहिक बाजार में गिरी बिजली, दो युवकों की मौत

सोमवार को ही सूरजपुर जिले में भी आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों को मौत हो गई. तीन घायल है. जिनका प्रतापपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि दोनों युवक साप्ताहिक बाजार आए थे. इसी दौरान बिजली उन पर गिरी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. Death due to lightning in Surajpur

क्या है आकाशीय बिजली: आकाश में बादलों के बीच टक्कर यानी घर्षण होने या जल चक्र की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले बादलों के टकराने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलता है, जिससे ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है. धरती पर यह केवल 0.02 सेकेंड में पहुंचती है. इस दौरान ध्वनि से ज्यादा प्रकाश की गति तेज होने के कारण चमक पहले दिखाई देती है और कड़कने का आवाज बाद में सुनाई देती है. इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं.

दामिनी एप से मिलती है आकाशीय बिजली की चेतावनी: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) पुणे ने 'दामिनी' नाम का एप डेवलप किया है. जिसके माध्यम से आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी की जाती है. जिससे समय रहते जान-माल के नुकसान से बचा जा सकता है. वहीं किसानों के लिए मेघदूत एप भी बनाया गया है, जिससे किसानों को 5 दिनों के मौसम की जानकारी मिल जाती है.

आकाशीय बिजली से बचाव के तरीके: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आकाशीय बिजली जिसे गाज भी कहा जाता है, उससे बचने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसकी चपेट में ज्यादातर खेतों में काम करने वाले किसान या खुले में काम करने वाले लोग आते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि आकाशीय बिजली गिरने के दौरान या उससे पहले थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए, तो उससे बचा जा सकता है.

बारिश के मौसम में बरतें सावधानी

  • जब बिजली तेज कड़क रही हो, तो पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • बिजली के खंभों के आसपास नहीं खड़ा होना चाहिए.
  • खेत में यदि कोई हो तो कोशिश करें कि सूखे स्थान पर चले जाएं.
  • उकड़ू बैठकर दोनों घुटनों को जोड़कर सिर झुकाकर बैठना चाहिए.
  • लोहे समेत धातु से बने सामान, साइकिल, ऊंची बिल्डिंग से दूर रहना चाहिए.


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