एमसीबी: मनेंद्रगढ़ में मवेशियों के शिकार के बाद तेंदुए की दहशत लौट आई है. तमोर पिंगला की 10 सदस्यीय हाथी टीम और स्थानीय वन विभाग टीम तेंदुए की खोज और विचरण एरिया का पता लगाने जंगल पहुंची है. टीम लगातार पेट्रोलिंग कर तेंदुए के पद चिह्न के आधार पर उसके एरिए की पहचान कर रही है. जनकपुर वनपरिक्षेत्र के ग्राम छरछा निवासी रामप्रसाद बैगा की बकरी को चरते समय और ग्राम मेहदौली निवासी दादूराम बैगा की बकरी को रात के समय शिकार कर लिया था, जिसके बाद विभाग ने लोगों को अंधेरे में बाहर निकलने से मना किया है.
एक्सपर्ट टीम को मिले थे और भी तेंदुओं के पैरों के निशान: खूंखार तेंदुए को पकड़ने कांकेर से चार सदस्यीय टीम आई थी. करीब पांच दिन तक अलग-अलग एरिया का सर्वे कराने पर अन्य तेंदुए के भी पद चिह्न मिले थे. मामले में वन विभाग टीम एलर्ट और ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की समझाइश देने की मुनादी करा रही है. इस दौरान तेंदुए के पद चिह्न के आधार पर विचरण एरिया का चिह्नांकन किया जाएगा.
हाथी के आसपास नहीं फटकता है तेंदुआ: एक्सपर्ट बोले "तेंदुआ हाथी के आसपास नहीं फटकता है. इसलिए हाथी की मदद से जंगल में तेंदुए के लोकेशन को ट्रेस कर सकते हैं. फिलहाल तेंदुए द्वारा दो बकरी को शिकार बनाने के बाद वन अमला अलर्ट है. हाथी की मदद से विचरण एरिया चिह्नित करने में जुटा हुआ है।
Leopard Caught In Manendragarh: मनेंद्रगढ़ में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ
राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है इलाका: जनकपुर परिक्षेत्र की सीमा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और संजय टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश से लगा हुआ है. इस कारण जंगली जानवर रेगुलर वनपरिक्षेत्र में पहुंचते रहते हैं.
जनकपुर से 10 किमी दूर शहडोल में दिखा बाघ: वनमंडल मनेंद्रगढ़ के परिक्षेत्र जनकपुर-कुंवारपुर में तेंदुए के दहशत के बाद अब एमपी-सीजी बॉर्डर के उस पार बाघ नजर आया है. शहडोल जिले के ग्राम बनसुकली शारदपुर स्थित ओदारी नदी में शाम को पानी पीते देखा गया. वहीं दो दिन बाद जनकपुर-शहडोल मार्ग के बीच ग्राम छोटी सीधी में नजर आया है. हालांकि यह एरिया वनपरिक्षेत्र जनकपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर और बॉर्डर के उस पार है. लेकिन ग्रामीणों ने अब बाघ के बॉर्डर पार कर जनकपुर जंगल में पहुंचने की आशंका जताई है. कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पांच बाघ हैं, जो संजय गांधी टाइगर रिजर्व सीधी एरिया तक विचरण करते रहते हैं.
तेंदुए को लेकर क्या बोले ग्रामीण: ग्रामीण फूलचंद अहिरवार ने बताया कि "फसल देखरेख करने के लिए उन्हें खेत की तरफ जाना पड़ता है. प्रशासन जल्दी ही उसे पकड़ कर दूर ले जाकर छोड़े ताकि लोग सुरक्षित रह सकें." ग्रामीण चक्कू ने बोले कि "रात में डर के कारण घर से निकलने में ही भय लगा रहता है. कब कहां से आदमखोर तेंदुआ आ जाए पता नहीं चलता." बुद्धू लाल बैगा बोले "शासन प्रशासन से यही मांग है कि इस तेंदुआ को पकड़ा जाए या फिर इसे मार दिया जाए. हम लोग मजदूर आदमी हैं. अगर घर से नहीं निकलेंगे तो घर कैसे चलेगा."
इलाके में अधिक है तेंदुओं की संख्या: वन मंडल मनेंद्रगढ़ के डीएफओ लोकनाथ पटेल ने बताया कि "सभी स्टाफ को सतर्क कर दिया गया है. टीम गश्त करके सूचना देती है. इसी के आधार पर जांच पड़ताल की जाएगी. तेंदुआ जनरली किसी इंसान पर हमला नहीं करता है. मवेशी और बकरी को मारा है तो हो सकता है कि वह तेंदुआ ही हो. क्योंकि तेंदुआ की जनसंख्या वहां ज्यादा है. अभी हाथी को लेकर सर्चिंग की जा रही है, जो कि तमोर पिंगला से मंगाया गया है."