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क्यों चिरमिरी के लोग बूंद-बूंद को हैं प्यासे ? - Koriya water augmentation plan incomplete

कोरिया के चिरमिरी नगर निगम में जल की किल्लत से लोग खासा परेशान (Drinking water problem in Chirmiri Municipal Corporation area) हैं. यहां जल आवर्धन योजना भी अधूरा है. ग्रामीणों को काफी मशक्कत के बाद पेयजल मिल पाता है.

Drinking water problem in Chirmiri Municipal Corporation area
चिरमिरी में क्यों है पेयजल किल्लत
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Published : May 17, 2022, 7:13 PM IST

Updated : May 17, 2022, 8:00 PM IST

कोरिया: कोरिया जिले के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में पेयजल की समस्या से लोग काफी परेशान(Drinking water problem in Chirmiri Municipal Corporation area) है. यहां जल आवर्धन योजना भी अधूरा है. निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण निगम के वार्ड 9 में अब तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची है. वार्डवासियों ने पेयजल की समस्याओं को लेकर कई बार निगम के महापौर और विधायक से गुहार लगाई है. हालांकि समस्या जस की तस बनी हुई है.

चिरमिरी नगर निगम में पानी की किल्लत: जिले के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की निधि भेजी जाती है. इसके अलावा लोगों के विकास के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं भी चलाई जा रही है. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र का विकास करना होता है. आलम यह है कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और निगम के अधिकारी कर्मचारियों के अभाव में चिरमिरी निगम के वार्ड 9 लोग विकास से कोसों दूर हैं.

चिरमिरी नगर निगम

जल आवर्धन योजना की लागत बढ़कर 50 करोड़ हुई: राज्य सरकार ने चिरमिरी निगम विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार साल 2010 में जलापूर्ति की 34 करोड़ की लागत वाली जल आवर्धन योजना की लागत बढ़कर 50 करोड़ लगभग हो गई है. इस योजना में अब तक चिरमिरी और एसईसीएल क्षेत्र में हेड ओवर टैंक का निर्माण किया जा रहा है, जो सप्लाई करने का काम करेगी. हेड ओवर टैंक में पानी तो पहुंच गया. जिन जगहों पर पीएचई, निगम की पाइप लाइन नहीं है वहां पाइपलाइन विस्तार करने प्लानिंग ही नहीं शुरू की गई है. 50 करोड़ के जिस जल आवर्धन का सालों से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने शहरवासियों को सपना दिखाया था. उस प्लान की तैयारी अब तक नहीं हो पायी है.

यह भी पढ़ें: दो साल बाद भी बिलासपुर में अमृत मिशन योजना का काम अधूरा

हैंडपंप लगाया गया लेकिन हो गया खराब: निगम वार्ड 9 के लोगों की मानें तो एक हैंड पंप लगाया गया, जो कि खराब है. निगम से एक हफ्ते में टैंकर आता है. उस पानी से आपूर्ति नहीं हो पाती. जब चुनाव आता है. जनप्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं. उसके बाद भूल जाते हैं. वार्ड वासियों का कहना है पीढ़ी दर पीढ़ी बीत चुकी है लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हुई.

महापौर ने स्वीकार किया जल संकट की बात: मामले में निगम की महापौर कंचन जयसवाल का कहना है "वार्ड नंबर 9 में पानी की समस्या बनी हुई है. हम बहुत कोशिश कर रहे हैं कि सर्वजनिक टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए. उसमें कुछ टेक्निकल दिक्कतें आ रही है. हफ्ते में दो बार तीन बार पानी टैंकर के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है."

लोगों को पानी पहुंचाया जा रहा: मामले में क्षेत्र के विधायक विनय जायसवाल कहते हैं, "कई वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है. हम लोग वार्डों में पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. भाजपा के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में सरकार के चिरमिरी जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी, जो पूरी नहीं हुई है. उस योजना में भ्रष्टाचार हुआ था, कई अधिकारी को निलंबित भी कराया गया था. उस योजना को पूरा कराने का काम किया जा रहा है."

निगम ने नहीं किया काम: मामले में पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल कहते हैं "चिरमिरी जल आवर्धन योजना के तहत हमने 44 करोड़ रुपए की लागत से चिरमिरी क्षेत्र में ओवरहेड टैंक बनाया गया. पूरा काम हमारी सरकार के द्वारा कराया गया है. चिरमिरी क्षेत्र में घर-घर पानी पहुंचाने का काम चिरमिरी नगर निगम को करना था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. 10 करोड़ के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करना है. निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं हो रहा है. ये योजना नहीं हुई थी. योजना नहीं हुई थी मुख्यमंत्री जी से लोकार्पण कराया गया."

कोरिया: कोरिया जिले के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में पेयजल की समस्या से लोग काफी परेशान(Drinking water problem in Chirmiri Municipal Corporation area) है. यहां जल आवर्धन योजना भी अधूरा है. निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण निगम के वार्ड 9 में अब तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची है. वार्डवासियों ने पेयजल की समस्याओं को लेकर कई बार निगम के महापौर और विधायक से गुहार लगाई है. हालांकि समस्या जस की तस बनी हुई है.

चिरमिरी नगर निगम में पानी की किल्लत: जिले के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की निधि भेजी जाती है. इसके अलावा लोगों के विकास के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं भी चलाई जा रही है. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र का विकास करना होता है. आलम यह है कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और निगम के अधिकारी कर्मचारियों के अभाव में चिरमिरी निगम के वार्ड 9 लोग विकास से कोसों दूर हैं.

चिरमिरी नगर निगम

जल आवर्धन योजना की लागत बढ़कर 50 करोड़ हुई: राज्य सरकार ने चिरमिरी निगम विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार साल 2010 में जलापूर्ति की 34 करोड़ की लागत वाली जल आवर्धन योजना की लागत बढ़कर 50 करोड़ लगभग हो गई है. इस योजना में अब तक चिरमिरी और एसईसीएल क्षेत्र में हेड ओवर टैंक का निर्माण किया जा रहा है, जो सप्लाई करने का काम करेगी. हेड ओवर टैंक में पानी तो पहुंच गया. जिन जगहों पर पीएचई, निगम की पाइप लाइन नहीं है वहां पाइपलाइन विस्तार करने प्लानिंग ही नहीं शुरू की गई है. 50 करोड़ के जिस जल आवर्धन का सालों से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने शहरवासियों को सपना दिखाया था. उस प्लान की तैयारी अब तक नहीं हो पायी है.

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हैंडपंप लगाया गया लेकिन हो गया खराब: निगम वार्ड 9 के लोगों की मानें तो एक हैंड पंप लगाया गया, जो कि खराब है. निगम से एक हफ्ते में टैंकर आता है. उस पानी से आपूर्ति नहीं हो पाती. जब चुनाव आता है. जनप्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं. उसके बाद भूल जाते हैं. वार्ड वासियों का कहना है पीढ़ी दर पीढ़ी बीत चुकी है लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हुई.

महापौर ने स्वीकार किया जल संकट की बात: मामले में निगम की महापौर कंचन जयसवाल का कहना है "वार्ड नंबर 9 में पानी की समस्या बनी हुई है. हम बहुत कोशिश कर रहे हैं कि सर्वजनिक टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए. उसमें कुछ टेक्निकल दिक्कतें आ रही है. हफ्ते में दो बार तीन बार पानी टैंकर के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है."

लोगों को पानी पहुंचाया जा रहा: मामले में क्षेत्र के विधायक विनय जायसवाल कहते हैं, "कई वार्डों में पानी की समस्या बनी हुई है. हम लोग वार्डों में पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं. भाजपा के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में सरकार के चिरमिरी जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी, जो पूरी नहीं हुई है. उस योजना में भ्रष्टाचार हुआ था, कई अधिकारी को निलंबित भी कराया गया था. उस योजना को पूरा कराने का काम किया जा रहा है."

निगम ने नहीं किया काम: मामले में पूर्व विधायक श्याम बिहारी जयसवाल कहते हैं "चिरमिरी जल आवर्धन योजना के तहत हमने 44 करोड़ रुपए की लागत से चिरमिरी क्षेत्र में ओवरहेड टैंक बनाया गया. पूरा काम हमारी सरकार के द्वारा कराया गया है. चिरमिरी क्षेत्र में घर-घर पानी पहुंचाने का काम चिरमिरी नगर निगम को करना था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. 10 करोड़ के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करना है. निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं हो रहा है. ये योजना नहीं हुई थी. योजना नहीं हुई थी मुख्यमंत्री जी से लोकार्पण कराया गया."

Last Updated : May 17, 2022, 8:00 PM IST
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