बैकुंठपुर/कोरिया: कोरिया जिले के जिस झुमका डैम (Jhumka Dam) की मुख्यमंत्री दो बार तारीफ कर चुके हैं वह चार महीने में ही बदहाल हो गया. झुमका को पर्यटकों के लिए विकसित करने जिला प्रशासन ने डीएमएफ समेत अन्य मद से चार साल में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक राशि खर्च की है. लेकिन पार्क में टूटे झूले, बंद एक्वेरियम और चारों तरफ फैले कूड़े कचरे से लोग मायूस हो रहे हैं.
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मुख्यमंत्री ने की थी तारीफ, आज पार्क बदहाल: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 3 जुलाई को झुमका बोट क्लब में पहुंचे थे. बोट की राइडिंग करते हुए उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से तैयार किये गए. आईलैंड का लोकार्पण किया था. इससे पहले सीएम दिसंबर 2020 में फिश एक्वेरियम, बोट क्लब का लोकार्पण करने आए थे. दोनों ही दौरे में सीएम ने जिला प्रशासन के कार्य और झुमका की तारीफ करते हुए इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया था. जिसके बाद प्रदेशभर से लोग झुमका की खूबसूरती और मनोरंजन का लुत्फ उठाने के लिए यहां पहुंचने लगे थे. लेकिन चार महीने भी नहीं बीते झुमका पर्यटन समिति ने सफाई समेत अन्य मेंटेनेंस की ओर ध्यान देना छोड़ दिया.
टूटे झूले, एक्वेरियम की दुर्गंध, आई लव कोरिया सेल्फी जोन, फ्लोटिंग ब्रिज की हालत को देखकर लोग मायूस हैं. झुमका बोट क्लब में राेज सैकड़ाें लाेग मनाेरंजन के लिए घूमने पहुंच रहे हैं लेकिन यहां नियमित सफाई नहीं हाे रही है. पार्क में इधर उधर कचरा फैला है कहीं पाॅलीथिन पड़ी है, ताे कहीं डिस्पाेज गिलास, दाेने पत्तल, कुरकुरे, नमकीन, बिस्कुट और चिप्स के रैपर हैं. कचरा फेंकना दण्डनीय अपराध लिखा है, वहां भी कूड़े कचरे के ढेर हैं. गंदगी से झुमका तट की सुंदरता पर दाग लगा रही है.
पर्यटकों ने क्या कहा: पर्यटकों ने कहा कि "संबंधित विभाग ध्यान दें. पार्क के झूले टूटे हुए हैं. इससे बच्चाें को चाेट लगने का खतरा रहता है. पार्क में सुरक्षा के लिए गार्ड, गोताखोर भी नहीं है. बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाएं यहां आंवला और नवमीं मनाने के लिए पहुंची थी. संबंधित विभाग काे इस ओर ध्यान देना चाहिए. टूटी बैंच और बच्चाें के झूले ठीक कराएं जाएं."