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Khan Nursing Home Seal in Manendragarh: मनेंद्रगढ़ का खान नर्सिंग होम सील, बिना लाइसेंस चल रही थी क्लीनिक

मनेंद्रगढ़ जिले के सबसे बड़े खान नर्सिंग होम पर प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का छापा पड़ा है. इस कार्रवाई के बाद सोनोग्राफी कक्ष को सील कर दिया गया. यहां जांच के दौरान अनियमितता पाई गई थी. लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बावजूद पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई की है. नर्सिंग होम के पास 2020 तक का ही लाइसेंस था. पिछले दो सालों से बिना लाइसेंस के इस नर्सिंग होम में सोनोग्राफी की जा रही थी. बताया जा रहा है कि जब नर्सिंग होम के संचालक ने लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, तब स्वास्थ्य अमला हरकत में आया. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग दो साल तक आंखें मूंदकर बैठा हुआ था.

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मनेंद्रगढ़ का खान नर्सिंग होम सील
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Published : Jan 23, 2023, 7:20 PM IST

एमसीबी: खान नर्सिंग होम के पक्षकार अधिवक्ता अजहर खान ने बताया कि '' 2020 तक के लिए लाइसेंस बना हुआ था. नियमानुसार 24/12/2019 को नवीनीकरण के लिए डीडी वगैरह फार्म A के साथ जिला कार्यालय में जमा कर दिया गया था. कोविड लग जाने की वजह से वहां से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारे द्वारा जब पता किया गया तो वहां से बताया गया कि आपकी फाइल नहीं मिल रही है. ऐसा करते करते समय बीतता चला गया. जबकि 1996 के नियमानुसार यदि आपने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, और वहां से 90 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो अपने आप आगामी पांच वर्ष के लिए उसे नवीनीकरण मान लिया जाएगा.उस नियमानुसार नर्सिंग होम रिनुअल है.

ऑनलाइन आवेदन में खुला मामला : अजहर खान के मुताबिक ''पिछले साल नवंबर 22 में कलेक्टर ने एक मीटिंग बुलाई थी. जिसमें नए नियम अनुसार नर्सिंग होम नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की बात कही गई. उनकी बातों का सम्मान करते हुए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया गया. अभी दो दिन पहले जांच के लिए एक दल आया हुआ था, जिसमें जिला चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं थे. डीएमए से कोई डॉक्टर जायसवाल आए हुए थे. जब खान नर्सिंग होम ने जांच रिपोर्ट लेने के लिए लोगों से ऑथेंटिक लेटर दिखाने को कहा गया तो उनके द्वारा कोई पत्र नहीं दिखाई गया. बल्कि उनके द्वारा कहा गया कि हमें मौखिक रूप से जांच करने के लिए भेजा गया है. फिर भी जांच करने दिया गया.''

जांच के समय सही बर्ताव नहीं करने का आरोप :उनके द्वारा जांच के समय सही बर्ताव नहीं किया जा रहा था. मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया के लाइसेंस दिखाने पर उनके द्वारा कहा गया कि हम इस लाइसेंस को नहीं मानते हैं. उनके जाने के बाद कलेक्टर महोदय से मिलने के कई प्रयास किए गए. लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.कल ही उनसे मुलाकात हुई है. उनके द्वारा सभी दस्तावेज ले लिया गया है. हमें आश्वस्त किया गया है कि आपके साथ उचित न्याय होगा. अब रही नर्सिंग होम सील करने की बात तो हमें अभी तक कोई आदेश की कॉपी नहीं दी गई है कि किस आधार पर कार्रवाई किया गया है. सिर्फ पंचनामा कर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- भरतपुर में फिर लौटा तेंदुए का खौफ

क्या है प्रशासन का कहना : एसडीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि '' शमशेद परवेज मेमोरियल नर्सिंग होम पीसीपीएनडीटी एक्ट का उल्लघंन कर रहा था. कोरिया कलेक्टर ने इसे अथोराइज किया था. कुछ कमियां पाई गई है, जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई है. जो भी नियम का उल्लघंन हुआ है. रिपोर्ट में साफ जाहिर है.''

एमसीबी: खान नर्सिंग होम के पक्षकार अधिवक्ता अजहर खान ने बताया कि '' 2020 तक के लिए लाइसेंस बना हुआ था. नियमानुसार 24/12/2019 को नवीनीकरण के लिए डीडी वगैरह फार्म A के साथ जिला कार्यालय में जमा कर दिया गया था. कोविड लग जाने की वजह से वहां से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारे द्वारा जब पता किया गया तो वहां से बताया गया कि आपकी फाइल नहीं मिल रही है. ऐसा करते करते समय बीतता चला गया. जबकि 1996 के नियमानुसार यदि आपने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, और वहां से 90 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो अपने आप आगामी पांच वर्ष के लिए उसे नवीनीकरण मान लिया जाएगा.उस नियमानुसार नर्सिंग होम रिनुअल है.

ऑनलाइन आवेदन में खुला मामला : अजहर खान के मुताबिक ''पिछले साल नवंबर 22 में कलेक्टर ने एक मीटिंग बुलाई थी. जिसमें नए नियम अनुसार नर्सिंग होम नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की बात कही गई. उनकी बातों का सम्मान करते हुए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया गया. अभी दो दिन पहले जांच के लिए एक दल आया हुआ था, जिसमें जिला चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं थे. डीएमए से कोई डॉक्टर जायसवाल आए हुए थे. जब खान नर्सिंग होम ने जांच रिपोर्ट लेने के लिए लोगों से ऑथेंटिक लेटर दिखाने को कहा गया तो उनके द्वारा कोई पत्र नहीं दिखाई गया. बल्कि उनके द्वारा कहा गया कि हमें मौखिक रूप से जांच करने के लिए भेजा गया है. फिर भी जांच करने दिया गया.''

जांच के समय सही बर्ताव नहीं करने का आरोप :उनके द्वारा जांच के समय सही बर्ताव नहीं किया जा रहा था. मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया के लाइसेंस दिखाने पर उनके द्वारा कहा गया कि हम इस लाइसेंस को नहीं मानते हैं. उनके जाने के बाद कलेक्टर महोदय से मिलने के कई प्रयास किए गए. लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.कल ही उनसे मुलाकात हुई है. उनके द्वारा सभी दस्तावेज ले लिया गया है. हमें आश्वस्त किया गया है कि आपके साथ उचित न्याय होगा. अब रही नर्सिंग होम सील करने की बात तो हमें अभी तक कोई आदेश की कॉपी नहीं दी गई है कि किस आधार पर कार्रवाई किया गया है. सिर्फ पंचनामा कर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है.

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क्या है प्रशासन का कहना : एसडीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि '' शमशेद परवेज मेमोरियल नर्सिंग होम पीसीपीएनडीटी एक्ट का उल्लघंन कर रहा था. कोरिया कलेक्टर ने इसे अथोराइज किया था. कुछ कमियां पाई गई है, जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई है. जो भी नियम का उल्लघंन हुआ है. रिपोर्ट में साफ जाहिर है.''

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