कोरियाः वन परिक्षेत्र बहरासी मुख्यालय से महज 23 किलोमीटर की दूरी पर छपरा टोला ग्राम के जंगल में आग लगी हुई है. वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने आग लगने की बात को स्वीकार किया है. अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग आग बुझाने की कोशिश कर रहा है.
बहरासी के जंगलों के अंदर आग की लपटें दिखाई दे रही हैं. कई हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुका है. पहाड़ों के जंगल में आग लगने से धुआं पूरी तरह छाया रहता है. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगल आग में किस तरह से घिरा हुआ है. वन क्षेत्रों में जगह-जगह आग लगने से कीमती वनोपज और छोटे-छोटे पौधे जलकर खाक हो रहे हैं. वन्य प्राणी आग की वजह से इधर-उधर भटकने लगे हैं. जिसके चलते वन्य प्राणी गांव के आसपास शाम और सुबह के समय आसानी से दिखाई दे रहे हैं. जंगल में आग लगने की वजह से जान बचाने के लिए जानवर गांव की ओर रुख कर रहे हैं.
बचाव के लिए विभाग कर रहा प्रयास
जंगलों में आग से बचाव के लिए प्रत्येक बीट में एक फायर वॉचर की नियुक्ति की गई है. बीट काफी लंबा चौड़ा क्षेत्र होने के कारण एक फायर वॉचर की तरफ से जंगल को सुरक्षित रख पाना संभव ही नहीं है. पहले से यह क्षेत्र वन कर्मचारियाें की कमी से जूझ रहा है. शासन को यहा पर्याप्त वन विभाग के कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ प्रत्येक बीट में आगजनी की घटना को रोकने के लिए कम से कम तीन से चार फायर वॉचर की नियुक्ति करनी चाहिए.
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महुआ और तेंदूपत्ता के चलते जंगलों में लगती है आग
ग्रामीणों ने कहा कि जंगल के भीतर आग लगने के पीछे मुख्य कारण महुआ और तेंदूपत्ता है. दरअसल महुआ एकत्र करने के लिए पेड़ के नीचे आग लगाई जाती है. जिसके बाद उस आग को बुझाया नहीं जाता है, जिसका परिणाम लोगों के सामने है. तेंदूपत्ता संग्रहण के पहले भी जंगल क्षेत्र में आग लगने की बात को ग्रामीण इंकार नहीं करते. इधर वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि जंगल में लगी आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि लगातार सैटेलाइट से भी निगरानी रखी जा रही है.