कोरिया : जनकपुर जनपद पंचायत में अनियमितता की शिकायत के बाद प्रशासन ने सरकारी राशन दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया. लोगों की शिकायत थी कि उन्हें निर्धारित वजन से कम राशन दिया जा रहा है. शिकायत मिलने को बाद खाद्य विभाग की टीम ग्राम पंचायत देवगढ़ और कंजिया पहुंचकर दुकानों का निरीक्षण किया और शिकायत सही पाए जाने पर शासकीय दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया.
देशभर में लॉकडाउन 4.0 लागू कर दिया गया है, जिसके कारण पूरे देश में काम बंद पड़ा है. ऐसे में सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों को राहत पहुंचाने के लिए 2 महीने का चावल एक साथ देने का निर्देश दिया है. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों की दुकानों तक राशन पहुंचा दिया गया है. बावजूद इसके अंदरूनी इलाकों में रहने वाले भोले भाले गरीब को छला जा रहा है. सरकार की ओर से तो गरीबों के लिए राशन का वितरण किया जा रहा है, लेकिन सरकारी राशन दुकान के संचालक गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं.
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कम दिया राशन
ग्रामीणों ने इसकी शिकायत करते हुए विक्रेता को बदलने की मांग उठाई है. जहां गरीबों को 90 किलो चावल दिया जाना था, उन्हें 80 किलो चावल ही दिया गया. जिन्हें 80 किलो चावल दिया जाना था उनको 65 किलो चावल दिया गया. जिनको 50 किलो मिलना था, उन्हें मात्र 35 किलो चावल दिया गया. इस तरह सभी गरीबों को मिलने चावल में कटौती की गई.
दुकान का लाइसेंस निलंबित
शिकायत पर खाद्य विभाग की टीम ने जांच की और कार्रवाई करते हुए शासकीय उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया. वहीं सरपंच का कहना है कि लोगों ने उनसे शिकायत की थी कि उन्हें दिए जाने वाले राशन में गड़बड़ी है. उनको दिए जाने वाले राशन में कटौती की गई है. उन्होंने अन्य दुकान में जाकर सामान का भार करवाया तो सभी सामान निर्धारित वजन से कम था.