कोरिया: कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए किए गया लॉकडाउन किसानों के लिए आफत साबित हो रहा है. लॉकडाउन में परिवहन नहीं होने से किसानों की सब्जियां बाजार तक नहींं पहुंच पा रही हैं. कोरिया के वनांचल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मौथमोर के किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. देश का हर वर्ग परेशान है, लेकिन इस लॉकडाउन की सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ रही है.
खरीदने वाले नहीं
इस बार सब्जियों की खेती अच्छी हुई है, बावजूद इसके किसान हताश हैं. लॉकडाउन के कारण किसानों को खरीदार नहीं मिल पा रहे. स्थानीय स्तर पर भी अधिकतर बाजारों को बंद कर दिया गया है. इसका सीधा असर अब सब्जी उत्पादकों पर पड़ रहा है.
पढ़ें:Special: कोरोना संकट पर ग्रामीण सजग, गांव में लगाया कोरोना सुरक्षा कवच
नहीं मिल रही कीमत
लॉकडाउन के कारण किसानों के पास लोकल बाजार में सब्जियां बेचने का विकल्प है. बाजारों में इसकी खपत घट गई है, लिहाजा किसान सब्जियों को कम कीमत में बेचने को मजबूर हैं. उम्मीद से कम कीमत मिलने के कारण किसानों के सामने आर्थिक संकट मंडरा रहा है. जिले में 20 फीसदी किसान साग-सब्जियों की खेती करते हैं. इनमें से 15 फीसदी छोटे और मंझोले किसान हैं. इनके उत्पादन की अधिकतर खपत लोकल बाजार में होती है. कुछ किसान बड़े व्यापारियों से समझौता कर आसपास के जिलों में सप्लाई कर लेते हैं, लेकिन सीमा सील होने के कारण बाहर सप्लाई ठप है.
बड़े किसान ज्यादा परेशान
लॉकडाउन में राज्यों की सीमाएं सील हैं. प्रदेश के सब्जी व्यापारी दूसरे राज्यों में सब्जी की सप्लाई किया करते थे, इस कारण बड़ी मात्रा में सब्जियां उगाया भी करते थे, लेकिन इसे लोकल मार्केट में खपा पाना संभव नहीं है. ऐसे में उनकी सब्जी की फसल खेत में ही बर्बाद हो रही है.