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फर्जी मामले में फंसाकर व्यापारी से लूटे थे 8.25 लाख, तत्कालीन DSP पर भी केस दर्ज करने के आदेश - koriya news

संजय अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 में जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विष्णु सिंह ने उनके खिलाफ हत्या और डकैती का मामला दर्ज कराया था. दो साल बाद कोर्ट ने मामले में पीड़ित को राहत देते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है.

प्रेसवार्ता
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Published : May 7, 2019, 3:47 PM IST

Updated : May 7, 2019, 3:57 PM IST

कोरियाः बैंकुठपुर में जमीन पर अवैध कब्जा मामले में एक कारोबारी संजय अग्रवाल पर हत्या और डकैती का झूठा मामला दर्ज कराया गया था. दो साल बाद कोर्ट ने मामले में पीड़ित को राहत देते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. तत्कालीन डीएसपी पर भी मामले में शामिल होने का आरोप है.

फर्जी मामले में फंसाकर व्यापारी से लूटे थे 8.25 लाख, तत्कालीन डीएसपी पर भी केस दर्ज करने के आदेश

संजय अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 में जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विष्णु सिंह ने उनके खिलाफ हत्या और डकैती का मामला दर्ज कराया था. संजन ने बताया कि मामले में तत्कालीन डीएसपी आरपी तिवारी ने विष्णु सिंह से साठगांठ कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर, उससे विष्णु सिंह को 8 लाख 25 हजार रुपये भी दिलवाए गए थे. मामले में कहीं सुनवाई न होने से परेशान संजय अग्रवाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

आरपी तिवारी और विष्णु सिंह को कोर्ट ने माना दोषी
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विवेचना अधिकारी तत्कालिक डीएसपी आरपी तिवारी और विष्णु सिंह को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. संजय ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर तत्कालिक डीएसपी ने प्रतिवेदन तैयार किया था. जिसमें डकैती हत्या जैसे अपराध को शामिल कर झूठी धारा लगा दी गई थी.

कोरियाः बैंकुठपुर में जमीन पर अवैध कब्जा मामले में एक कारोबारी संजय अग्रवाल पर हत्या और डकैती का झूठा मामला दर्ज कराया गया था. दो साल बाद कोर्ट ने मामले में पीड़ित को राहत देते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. तत्कालीन डीएसपी पर भी मामले में शामिल होने का आरोप है.

फर्जी मामले में फंसाकर व्यापारी से लूटे थे 8.25 लाख, तत्कालीन डीएसपी पर भी केस दर्ज करने के आदेश

संजय अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 में जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विष्णु सिंह ने उनके खिलाफ हत्या और डकैती का मामला दर्ज कराया था. संजन ने बताया कि मामले में तत्कालीन डीएसपी आरपी तिवारी ने विष्णु सिंह से साठगांठ कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर, उससे विष्णु सिंह को 8 लाख 25 हजार रुपये भी दिलवाए गए थे. मामले में कहीं सुनवाई न होने से परेशान संजय अग्रवाल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

आरपी तिवारी और विष्णु सिंह को कोर्ट ने माना दोषी
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विवेचना अधिकारी तत्कालिक डीएसपी आरपी तिवारी और विष्णु सिंह को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. संजय ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर तत्कालिक डीएसपी ने प्रतिवेदन तैयार किया था. जिसमें डकैती हत्या जैसे अपराध को शामिल कर झूठी धारा लगा दी गई थी.

Intro:एंकर - कोरिया जिला मुख्यालय बैंकुठपुर में एट्रोसिटी एक्ट का झूठा मामला बनाकर जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में हत्या व मौत बता कर 8,25,000 राहत राशि निकालने का मामला प्रकाश में आया है ।इस मामले में पीड़ित द्वारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में वाद दायर करने पर तत्कालीन वर्तमान में सेवानिवृत्त डीएसपी आरपी तिवारी और प्रार्थी विष्णु सिंह के खिलाफ कई कई धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया है। Body:
वी ओ- इस मामले में जानकारी देते हुए बैकुंठपुर निवासी कारोबारी संजय अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2017 में जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर विष्णु सिंह ने उसके खिलाफ हत्या व डकैती का मामला दर्ज कराया था। इस कूट रचित मामले में तत्कालीन डीएसपी ने सांठगांठ कर एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज कराकर विष्णु सिंह को 825000 भी दिलवा दिए। कहीं सुनवाई न होने पर इस पूरे मामले में संजय अग्रवाल ने कोर्ट में गुहार लगाई थी ।यहां मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विवेचना अधिकारी तत्कालिक डी एस पी आर पी तिवारी और प्रार्थी विष्णु सिंह को दोषी माना और उनके खिलाफ सिटी कोतवाली में केस दर्ज करने का आदेश दिया है। इस आदेश से उन लोगों को जरूर राहत मिलेगी जिन्हें इस तरह
के मामले में फंसा कर परेशान किया जाता है। दरअसल कोरिया जिले में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली
राहत राशि में लगभग ₹800000 गबन किये जाने का मामला 2018 में सामने आया था। मामले की जांच करने तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा ने भी आदेश दिया था ।प्रेस वार्ता
के दौरान संजय अग्रवाल ने बताया कि जांच के बाद 5 फरवरी 2019 को जारी आदेश में तत्कालीन कलेक्टर ने लिखा था कि डीएसपी अजा प्रकोष्ठ बैंकुठपुर के प्रतिवेदन के तहत
विष्णु सिंह पिता स्वर्गी धनुषधारी सिंह निवासी प्रेमाबाग को ₹825000 राहत राशि का भुगतान कार्यालय आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया गया ।लेकिन पूरे प्रतिवेदन को देखने से स्पष्ट होता है कि किसी व्यक्ति की घटना में मृत्यु अथवा हत्या नहीं हुई है ,जो गलत है और इस वजह से राशि की वसूली किया जाना चाहिए। एट्रोसिटी एक्ट के तहत अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग राहत राशि प्राथी को देने का प्रावधान है लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर तत्कालिक डीएसपी ने प्रतिवेदन तैयार कर दिया और डकैती हत्या जैसे अपराध को शामिल कर धारा लगा दी जब कि घटनास्थल पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

बाईट -1 संजय अग्रवाल(व्यवसायी)
बाईट-2 अजय सिंह (एडवोकेट)
बाईट-3 अमिताभ गुप्ता (संयोजक क्रांति दल)Conclusion:इसी एक्ट में नियम 45 के तहत हत्या मृत्यु होने पर पीड़ित को 825000 देने का प्रावधान है जिसमे पोस्टमार्टम के बाद 50% तथा आरोपपत्र न्यायालय में भेजे जाने पर 50 दिन राशि दी जाती है लेकिन किसी की हत्या नहीं हुई तो आखिर इतनी बड़ी राहत राशि कैसे दे दी गई।
Last Updated : May 7, 2019, 3:57 PM IST
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