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कोरिया: नवजात के बाद महिला की मौत का मामला, ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर निलंबित

नवजात के बाद प्रसूता की मौत के मामले में कलेक्टर ने आरोपी नर्स को निलंबित करने का निर्देश जारी किया.

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Published : Jun 9, 2019, 7:47 PM IST

राज्यमंत्री ने किया औचक निरीक्षण

कोरिया: जिला अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. दो दिन पहले सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान जहां नवजात की मौत हुई थी, वहीं बच्चे को जन्म देने वाली महिला ने भी दम तोड़ दिया है.

आरोपी डॉक्टर निलंबित


निरीक्षण के दौरान मौजूद नहीं थी डॉक्टर
लापरवाही यहीं खत्म हो जाती तो गनीमत थी. दरअसल महिला की मौत के बाद जब कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल का दौरा किया तो खबर मिलने के बावजूद हॉस्पिटल में पदस्थ महिला डॉक्टर वहां मौजूद नहीं थीं.


रिश्वत लेने के भी लगे हैं आरोप
महिला चिकित्सक पर मरीजों से रिश्वत लेने के भी आरोप लगे हैं. जहां एक ओर 2 दिन पहले महिला डॉक्टर की ओर से किए गए सिजेरियन ऑपरेशन के बाद नवजात की मौत भी हो गई थी, वहीं रविवार को प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया.


मनेंद्रगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया था भर्ती
वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाली नेहा को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेन्द्रगढ़ में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार को अचानक महिला की तबीयत बिगड़ने लगी, इस दौरान अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ मंजू बताया गया कि महिला का बल्डप्रेशर बढ़ा हुआ है और तत्काल ऑपरेशन करना होगा.


मृत बच्चे को दिया था जन्म
परिजनों की इजाजत मिलने के बाद महिला चिकित्सक ने नेहा का ऑपरेशन किया और इस दौरान महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया. बच्चे को जन्म देने के बाद से ही महिला बेहोश रही, इसके बाद आनन फानन में शुक्रवार को उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.


इलाज के दौरान तोड़ा दम
नेहा के परिजन प्रसूता को बिलासपुर अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान प्रसूता की भी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद भरतपुर विधायक और राज्यमंत्री गुलाब कमरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.


निलंबित करने के निर्देश
इसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दी. जानकारी मिलते ही कलेक्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मनेन्द्रगढ़ पहुंचे और उन्होंने मामले की जांच करने के साथ ही महिला डॉक्टर को फौरन सस्पेंड करने के निर्देश दिए.


दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति के निर्देश
इसके साथ ही कलेक्टर अस्पताल में जल्द ही दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति के निर्देश भी जारी किए. इसके साथ ही उन्होंने मृतिका के परिजन को फौरन 10 हजार रुपये की नकद की सहायता भी दी.


कार्रवाई नहीं होने से बुलंद हैं हौंसले
घटना ने एक बार फिर मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में चल रही लापरवाही को सामने ला दिया है. स्वास्थ्य महकमा काम में किस लापरवाही से अपने काम को अंजाम दे रहा है, इसका अंदाजा लोगों को पहले से ही है, लेकिन लगातार इस तरह की घटना सामने आने के बाद किसी प्रकार की कार्रवाई न होने से यहां पदस्थ चिकित्सकों और स्टाफ के हौसले बुलंद हैं. अब देखना यह होगा की प्रशासन की कार्रवाई के बाद अस्पताल के हालातों में किस कदर सुधार आता है.

कोरिया: जिला अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. दो दिन पहले सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान जहां नवजात की मौत हुई थी, वहीं बच्चे को जन्म देने वाली महिला ने भी दम तोड़ दिया है.

आरोपी डॉक्टर निलंबित


निरीक्षण के दौरान मौजूद नहीं थी डॉक्टर
लापरवाही यहीं खत्म हो जाती तो गनीमत थी. दरअसल महिला की मौत के बाद जब कलेक्टर और जिला चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल का दौरा किया तो खबर मिलने के बावजूद हॉस्पिटल में पदस्थ महिला डॉक्टर वहां मौजूद नहीं थीं.


रिश्वत लेने के भी लगे हैं आरोप
महिला चिकित्सक पर मरीजों से रिश्वत लेने के भी आरोप लगे हैं. जहां एक ओर 2 दिन पहले महिला डॉक्टर की ओर से किए गए सिजेरियन ऑपरेशन के बाद नवजात की मौत भी हो गई थी, वहीं रविवार को प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया.


मनेंद्रगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया था भर्ती
वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाली नेहा को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेन्द्रगढ़ में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार को अचानक महिला की तबीयत बिगड़ने लगी, इस दौरान अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ मंजू बताया गया कि महिला का बल्डप्रेशर बढ़ा हुआ है और तत्काल ऑपरेशन करना होगा.


मृत बच्चे को दिया था जन्म
परिजनों की इजाजत मिलने के बाद महिला चिकित्सक ने नेहा का ऑपरेशन किया और इस दौरान महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया. बच्चे को जन्म देने के बाद से ही महिला बेहोश रही, इसके बाद आनन फानन में शुक्रवार को उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.


इलाज के दौरान तोड़ा दम
नेहा के परिजन प्रसूता को बिलासपुर अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान प्रसूता की भी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद भरतपुर विधायक और राज्यमंत्री गुलाब कमरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.


निलंबित करने के निर्देश
इसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर को दी. जानकारी मिलते ही कलेक्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मनेन्द्रगढ़ पहुंचे और उन्होंने मामले की जांच करने के साथ ही महिला डॉक्टर को फौरन सस्पेंड करने के निर्देश दिए.


दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति के निर्देश
इसके साथ ही कलेक्टर अस्पताल में जल्द ही दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति के निर्देश भी जारी किए. इसके साथ ही उन्होंने मृतिका के परिजन को फौरन 10 हजार रुपये की नकद की सहायता भी दी.


कार्रवाई नहीं होने से बुलंद हैं हौंसले
घटना ने एक बार फिर मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में चल रही लापरवाही को सामने ला दिया है. स्वास्थ्य महकमा काम में किस लापरवाही से अपने काम को अंजाम दे रहा है, इसका अंदाजा लोगों को पहले से ही है, लेकिन लगातार इस तरह की घटना सामने आने के बाद किसी प्रकार की कार्रवाई न होने से यहां पदस्थ चिकित्सकों और स्टाफ के हौसले बुलंद हैं. अब देखना यह होगा की प्रशासन की कार्रवाई के बाद अस्पताल के हालातों में किस कदर सुधार आता है.

Intro:कोरिया- जिले के सरकारी अस्पतालों में बदिन्तजामी किस कदर हावी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शासकीय अस्पताल में कलेक्टर व जिला चिकित्सा अधिकारी के आने की खबर मिलने के बाद भी चिकित्सालय में पदस्थ महिला डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंची। आपको बता दें कि इसी महिला चिकित्सक पर मरीजों से कई बार पैसे लेने का भी आरोप लगाया है वही 2 दिन पहले उक्त महिला चिकित्सक द्वारा किए गए सिजेरियन ऑपरेशन के बाद नवजात की मौत हो चुकी है वहीं आज प्रसूता महिला ने भी दम तोड़ दिया।Body:वी ओ- वार्ड क्रमांक 3 में रहने वाली नेहा को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेन्द्रगढ़ में भर्ती कराया गया था ।यहां बुधवार को अचानक महिला की हालत बिगड़ने लगी तब अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ मंजू द्वारा बताया गया कि महिला का बीपी बढ़ा हुआ है तत्काल ऑपरेशन करना होगा। परिजनों की अनुमति मिलने के बाद महिला चिकित्सक ने नेहा का ऑपरेशन किया जहां नेहा ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया। बच्चे को जन्म देने के बाद से ही महिला बेहोश रही तब आनन फानन में शुक्रवार को महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया ।लेकिन महिला के परिजन प्रसूता को बिलासपुर अस्पताल लेकर गए जहां उपचार के दौरान प्रसूता की भी मौत हो गई ।इस घटना की जानकारी मिलने के बाद भरतपुर विधायक व राज्य मंत्री गुलाब कमरों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली ।इसके बाद उन्होंने इस पूरे मामले से कलेक्टर कोरिया को अवगत कराया। कोरिया कलेक्टर घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मनेन्द्रगढ़ पहुंचे ।यहां उन्होंने पूरे मामले की जांच की और तत्काल महिला चिकित्सक को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अस्पताल में जल्द ही दूसरी गायनिक डॉक्टर की नियुक्ति करने के भी निर्देश जारी किए। कोरिया कलेक्टर भोसकर विलास संदीपान ने तत्काल मृतिका के परिजनों को ₹10000 नगद की सहायता भी दी। इस घटना ने एक बार फिर मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में चल रही भर्राशाही को उजागर किया है ।यहां पर स्वास्थ्य महकमा किस प्रकार अपने कार्य को अंजाम देता है इसका अंदाजा लोगों को पहले से ही हैं लेकिन लगातार इस तरह की घटना सामने आने के बाद किसी प्रकार की कार्रवाई ना होने से यहां पदस्थ चिकित्सकों व स्टाफ के हौसले बुलंद हैं ।
बाइट - गुलाब कमरों (उपाध्यक्ष , सरगुजा विकास प्राधिकरण, राज्यमंत्री)
बाइट - भोसले विलास संदिपान, कलेक्टर, कोरिया)Conclusion: अब देखना है कि इस कार्रवाई के बाद इस अस्पताल में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी किस तरह का रवैया अपनाते हैं।
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