एमसीबी: चिरमिरी के इस बस स्टैंड को लेकर ऐसे में अब कई सवाल उठते हैं कि Manendragarh Bharatpur Chirmiri News क्या बस स्टैंड बनने से पहले सर्वे नहीं कराया गया था. chirmiri pratiksha bus stand shambles शहर से दस किलोमीटर दूर इसे क्यों बनाया गया. क्या निगम के पास शहर में जमीन नहीं थी. पांच हजार दो सौ पचास वर्ग फिट एरिया में फैला यह बस स्टैंड उदासीन रवैये के कारण बेकार पड़ा है. chirmiri news update
बाजार में लग रहा जाम:इसी बस स्टैंड के सामने से यात्री बसें हल्दीबाड़ी होकर बड़ी बाजार तक रोजाना जा आ रही हैं. Municipal Corporation Chirmiri जिसके चलते हल्दीबाड़ी और बड़ी बाजार में जाम लग जाता है. साथ ही दुर्घटनाएं भी होती रहती है. बड़ी बाजार में बसे खड़ी होती है. traffic jam in chirmiri जो अस्थायी बस स्टैंड बना हुआ है. लेकिन पचास लाख की लागत से बने बस स्टैंड का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते सिटी बसें भी निगम के स्टोर में खड़ी हैं. लोग बस स्टैंड को शुरू करने की मांग कर रहे हैं. वहीं निगम के नेता प्रतिपक्ष संतोष सिंह प्रशासन पर उदासीन रवैया बरतने की बात कह रहे हैं. कलेक्टर पी एस ध्रुव से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने जल्द इसे शुरू करवाने की बात कही.Manendragarh Bharatpur Chirmiri News
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चिरमिरी के कई गावों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने शायद ये सोच कर तीन नए राज्यों का गठन किया था कि छोटे राज्य गठन के बाद पिछड़े हुए लोगों का विकास होगा . लेकिन क्या छोटे राज्यों में रहनें वाले आदिवासियों का समुचित विकास हो सका?. ऐसा ही एक राज्य है छत्तीसगढ़. जिसे आदिवासी बाहुल्य राज्य का दर्जा प्राप्त है. यहां भारतीय जनता पार्टी के पंद्रह साल और मौजूदा समय में कांग्रेस का शासन है. लेकिन आज भी आदिवासी ग्रामीण खुद को विकास के नाम पर ठगा सा महसूस कर रहे हैं. इसकी जीती जागती तस्वीर चिरमिरी निगम में देखने को मिल रही है. Municipal Corporation Chirmiri