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इलाज के दौरान खत्म हुई ऑक्सीजन, बीमार बच्चे की अस्पताल में मौत

इलाज के दौरान ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से इलाज के जिला अस्पताल में भर्ती बच्ची की मौत हो गई है.

जिला अस्पताल
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Published : Aug 30, 2019, 1:39 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 2:10 PM IST

कोरिया: बैकुंठपुर में संचालित बाल गृह में रहने वाले एक किशोर को आधी रात उल्टी दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.

इलाज के दौरान हुई मौत

बैंकुठपुर में संचालित हॉस्टल में रहने वाले किशोर को आधी रात करीब 12:30 बजे उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल बैंकुठपुर लाया गया था. गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों बच्चे का इलाज शुरू किया.

पढ़ें: गांधीवाद पर अन्ना हजारे का विशेष साक्षात्कार, एक नजर

करीब 15 मिनट में खत्म हुई ऑक्सीजन
इस दौरान किशोर की हालत को देखते हुए उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया. लेकिन, डॉक्टर के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडर में बेहद कम ऑक्सीजन बची थी, जो महज 10 से 15 मिनट में ही खत्म हो गई.

इलाज के दौरान हुई मौत
कृतिम ऑक्सीजन नहीं मिलने से अस्पताल में भर्ती किशोर की हालत बिगड़ने लगी और आधी रात लगभग 3:20 बजे उसकी मौत हो गई. इधर बच्चे की गंभीर हालत की जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी मौके पर पहुंच गए.

क्यों दुरुस्त नहीं थी व्यवस्था
बड़ा सवाल ये है कि जब किशोर की हालत इतनी खराब थी, तो समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया गया. इसके साथ ही जो सिलेंडर बच्चे को लगाया गया, उसमें अगर आक्सीजन कम थी तो इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी थी.

ये भी पढें: बेमेतरा: 3 नकाबपोश बदमाशों ने पेट्रोल पंप के कर्मचारी को मारी गोली, CCTV में मामला कैद

कब होगी कार्रवाई
फिलहाल बच्चे की मौत होने की सूचना उसके परिजनों को दे दी गई है. अब देखना है कि इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन क्या रवैया अपनाता है.

कोरिया: बैकुंठपुर में संचालित बाल गृह में रहने वाले एक किशोर को आधी रात उल्टी दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.

इलाज के दौरान हुई मौत

बैंकुठपुर में संचालित हॉस्टल में रहने वाले किशोर को आधी रात करीब 12:30 बजे उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल बैंकुठपुर लाया गया था. गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों बच्चे का इलाज शुरू किया.

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करीब 15 मिनट में खत्म हुई ऑक्सीजन
इस दौरान किशोर की हालत को देखते हुए उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया. लेकिन, डॉक्टर के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडर में बेहद कम ऑक्सीजन बची थी, जो महज 10 से 15 मिनट में ही खत्म हो गई.

इलाज के दौरान हुई मौत
कृतिम ऑक्सीजन नहीं मिलने से अस्पताल में भर्ती किशोर की हालत बिगड़ने लगी और आधी रात लगभग 3:20 बजे उसकी मौत हो गई. इधर बच्चे की गंभीर हालत की जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी मौके पर पहुंच गए.

क्यों दुरुस्त नहीं थी व्यवस्था
बड़ा सवाल ये है कि जब किशोर की हालत इतनी खराब थी, तो समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया गया. इसके साथ ही जो सिलेंडर बच्चे को लगाया गया, उसमें अगर आक्सीजन कम थी तो इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी थी.

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कब होगी कार्रवाई
फिलहाल बच्चे की मौत होने की सूचना उसके परिजनों को दे दी गई है. अब देखना है कि इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन क्या रवैया अपनाता है.

Intro:एंकर
कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर में संचालित बाल गृह में रहने वाले एक किशोर को आधी रात उल्टी दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर भर्ती किया गया था जहां उपचार के दौरान किशोर ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मामले में जिला अस्पताल में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है
Body: बी.ओ -बैंकुठपुर में संचालित बाल गृह में रहने वाले एक बालक को आधी रात्रि लगभग 12:30 बजे उल्टी-दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल बैंकुठपुर लाया गया था ।बालक को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बच्चे का उपचार शुरू किया। इस दौरान बच्चे की स्थिति को देखते हुए उसे ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया। लेकिन जो ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया उसमें डॉक्टर के मुताबिक काफी कम ऑक्सीजन थी जो 10 से 15 मिनट में खत्म हो गई। बिना ऑक्सीजन के सिलेंडर के चलते अस्पताल में भर्ती बालक की हालत बिगड़ने लगी और आधी रात लगभग 3:20 बजे उसकी मौत हो गई ।इधर बच्चे की गंभीर हालत की जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी मौके पर पहुंच गए ।बड़ा सवाल ये है कि जब बच्चे की हालत इतनी खराब हो गई तो आखिर समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया गया ।और जो सिलेंडर बच्चे को लगाया गया उसमें अगर आक्सीजन कम थी तो इसे देखना किसकी जिम्मेदारी बनती है ।फिलहाल बच्चे की मृत्यु की सूचना उसके परिजनों को दे दी गई है। Conclusion:अब देखना है कि इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध जिला प्रशासन क्या रवैया अपनाता है।
बाइट-जिला अस्पताल के डाक्टर
Last Updated : Aug 30, 2019, 2:10 PM IST
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