कोरिया: बैकुंठपुर में संचालित बाल गृह में रहने वाले एक किशोर को आधी रात उल्टी दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.
बैंकुठपुर में संचालित हॉस्टल में रहने वाले किशोर को आधी रात करीब 12:30 बजे उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल बैंकुठपुर लाया गया था. गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों बच्चे का इलाज शुरू किया.
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करीब 15 मिनट में खत्म हुई ऑक्सीजन
इस दौरान किशोर की हालत को देखते हुए उसे ऑक्सीजन मास्क लगाया गया. लेकिन, डॉक्टर के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडर में बेहद कम ऑक्सीजन बची थी, जो महज 10 से 15 मिनट में ही खत्म हो गई.
इलाज के दौरान हुई मौत
कृतिम ऑक्सीजन नहीं मिलने से अस्पताल में भर्ती किशोर की हालत बिगड़ने लगी और आधी रात लगभग 3:20 बजे उसकी मौत हो गई. इधर बच्चे की गंभीर हालत की जानकारी मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी मौके पर पहुंच गए.
क्यों दुरुस्त नहीं थी व्यवस्था
बड़ा सवाल ये है कि जब किशोर की हालत इतनी खराब थी, तो समय रहते ध्यान क्यों नहीं दिया गया. इसके साथ ही जो सिलेंडर बच्चे को लगाया गया, उसमें अगर आक्सीजन कम थी तो इसे देखने की जिम्मेदारी किसकी थी.
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कब होगी कार्रवाई
फिलहाल बच्चे की मौत होने की सूचना उसके परिजनों को दे दी गई है. अब देखना है कि इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन क्या रवैया अपनाता है.