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कोरिया सरकारी अस्पताल में बच्चों को मिल रहा मौत का सर्टिफिकेट, लापरवाही से 21 दिनों में दूसरे नवजात की मौत - बैकुंठपुर जिला अस्पताल

कोरिया सरकारी अस्पताल में लापरवाही की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं. यही कारण है कि पिछले करीब 25 दिनों के भीतर दो नवजातों की मौत हो गई. रविवार को हृदय विदारक घटना में फिर से एक नवजात की अस्पताल परिसर में झुलसकर मौत हो गई. आरोप है कि बच्चे की सिंकाई के दौरान लापरहवाही बरती गई और उसकी मौत हो गई.

child dies due to negligence in koriya government hospital
कोरिया सरकारी अस्पताल में लापरवाही से बच्चे की मौत
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Published : Jan 16, 2022, 1:35 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 2:26 PM IST

कोरियाः बैकुंठपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती बच्चे की सिंकाई लैंप से जलकर मौत हो गई. ऐसा ही आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को लापरवाह बताया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले जब बच्चे को देखा था तो पूरी तरह से सही सलामत था. लेकिन रविवार को उन्हें झुलसा और मरा हुआ बच्चा थमाया. इस घटना के बाद पीड़ित गरीब के परिवार में लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.

कोरिया सरकारी अस्पताल में लापरवाही से बच्चे की मौत

चिलका के रहने वाले परिवार के सदस्यों ने बच्चे की इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया था. रविवार को परिजनों को बुरी तरह से झुलसा हुआ बच्चा थमाया गया. आरोप है कि बंद शिशु वार्ड में बच्चे की सिंकाई में लापरवाही बरती गई. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. बच्चे का झुलसा शरीर देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. हद तो तब हो गई कि जब अस्पताल प्रबंधन ने मृत बच्चे को परिवार के साथ घर जाने के लिए वाहन तक मुहैया नहीं कराया.

गरीब परिवार की वाहन की मांग करने पर साफ कहा गया कि अस्पताल में बैठकर बच्चे को जोहते रहो. वाहन नहीं मिलेगा. अब गरीब परिवार बच्चे की शव के साथ अस्पताल परिसर में बैठा है और दहाड़े मार रहा है.

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21 दिनों में दूसरी घटना

इससे पहले मनेंद्रगढ़ सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी. यहां 26 दिसंबर को एक कुत्ता नवजात शिशु को उठा ले गया. अस्पताल के बाहर लेकर कुत्ता भाग रहा था, जिसे कुछ लोगों ने देख लिया. कुत्ते को खदेड़ा गया लेकिन तबतक बच्चे ने दम तोड़ दिया था. सरकारी अस्पताल में लापरवाही की यह घटना अभी तक लोगों की जेहन से उतर भी नहीं पाया था कि रविवार को इसी तरह की दूसरी घटना सामने आ गया.

कोरियाः बैकुंठपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती बच्चे की सिंकाई लैंप से जलकर मौत हो गई. ऐसा ही आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को लापरवाह बताया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले जब बच्चे को देखा था तो पूरी तरह से सही सलामत था. लेकिन रविवार को उन्हें झुलसा और मरा हुआ बच्चा थमाया. इस घटना के बाद पीड़ित गरीब के परिवार में लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.

कोरिया सरकारी अस्पताल में लापरवाही से बच्चे की मौत

चिलका के रहने वाले परिवार के सदस्यों ने बच्चे की इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया था. रविवार को परिजनों को बुरी तरह से झुलसा हुआ बच्चा थमाया गया. आरोप है कि बंद शिशु वार्ड में बच्चे की सिंकाई में लापरवाही बरती गई. जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. बच्चे का झुलसा शरीर देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. हद तो तब हो गई कि जब अस्पताल प्रबंधन ने मृत बच्चे को परिवार के साथ घर जाने के लिए वाहन तक मुहैया नहीं कराया.

गरीब परिवार की वाहन की मांग करने पर साफ कहा गया कि अस्पताल में बैठकर बच्चे को जोहते रहो. वाहन नहीं मिलेगा. अब गरीब परिवार बच्चे की शव के साथ अस्पताल परिसर में बैठा है और दहाड़े मार रहा है.

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21 दिनों में दूसरी घटना

इससे पहले मनेंद्रगढ़ सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई थी. यहां 26 दिसंबर को एक कुत्ता नवजात शिशु को उठा ले गया. अस्पताल के बाहर लेकर कुत्ता भाग रहा था, जिसे कुछ लोगों ने देख लिया. कुत्ते को खदेड़ा गया लेकिन तबतक बच्चे ने दम तोड़ दिया था. सरकारी अस्पताल में लापरवाही की यह घटना अभी तक लोगों की जेहन से उतर भी नहीं पाया था कि रविवार को इसी तरह की दूसरी घटना सामने आ गया.

Last Updated : Jan 16, 2022, 2:26 PM IST
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