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कई गुणों से भरपूर है महुआ, जानिए कैसे लाभ उठा रहे किसान

महुआ पेड़ से फूल के रूप में महुआ और फल के नाम से डोरी मिलता है. महुआ को ग्रामीण पकवान के रूप में प्रयोग करते हैं.

कई गुणों से भरपूर है महुआ
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Published : Jun 24, 2019, 10:25 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 12:20 PM IST

कोरिया: जिले में किसान इन दिनों महुआ की खेती कर काफी लाभ उठा रहे हैं. महुआ के पेड़ का हर हिस्सा किसी न किसी काम आता है. इतना ही नहीं बल्कि इसके रोपण और रखरखाव करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती.

कई गुणों से भरपूर है महुआ

ग्रामीण भरी गर्मी होने के बाद भी अपने परिवार के साथ महुआ चुनने जाते हैं. वहीं ठीक एक महीने बाद इसी पेड़ से डोरी निकालते हैं. इसे बेच कर ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई और कृषि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में आने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर लेते हैं. ग्रामीण इस दौरान फसल देने वाले प्रति पेड़ से 2 से 3 हजार तक की कमाई कर लेते हैं.

महुआ से लाभ
अच्छी बात ये है कि अन्य फसलों के उत्पादन में मेहनत करने की तरह इसमें मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती. न तो निराई, गुड़ाई करना पड़ता है और न ही तोड़ने की आवश्यकता पड़ती है. बल्कि महुआ के फल पकते ही पेड़ से अपने आप गिरने लगते हैं. इसे ग्रामीण चुनकर लाते हैं या महुआ को सुखाने और डोरी का छिलका निकालने के बाद बेचते हैं.

महुआ का उपयोग
महुआ पेड़ से फूल के रूप में महुआ और फल के नाम से डोरी मिलता है. महुआ को ग्रामीण पकवान के रूप में प्रयोग करते हैं. कई ग्रामीण डोरी से तेल निकालते हैं जिससे उन्हें साल भर के लिए घर में खर्च होने वाले तेल की पूर्ति हो जाती है.

हर हिस्से का होता है उपयोग
इतना ही नहीं बल्कि इस पेड़ का हर हिस्सा उपयोगी होता है. इसके पत्तों से जहां लोग दोना पत्तल बनाते हैं. वहीं इस पेड़ से इमारती लकड़ी भी बनती है. आयुर्वेद में भी इसका खास महत्व है. खाज-खुजली समेत अनेक चर्म रोगों में भी इसके छिलके को उबालकर बनाए गए पानी को इलाज के रूप में उपयोग करते हैं. इसके अन्य आयुर्वेदिक लाभ भी हैं.

कोरिया: जिले में किसान इन दिनों महुआ की खेती कर काफी लाभ उठा रहे हैं. महुआ के पेड़ का हर हिस्सा किसी न किसी काम आता है. इतना ही नहीं बल्कि इसके रोपण और रखरखाव करने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती.

कई गुणों से भरपूर है महुआ

ग्रामीण भरी गर्मी होने के बाद भी अपने परिवार के साथ महुआ चुनने जाते हैं. वहीं ठीक एक महीने बाद इसी पेड़ से डोरी निकालते हैं. इसे बेच कर ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई और कृषि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में आने वाले खर्च को आसानी से पूरा कर लेते हैं. ग्रामीण इस दौरान फसल देने वाले प्रति पेड़ से 2 से 3 हजार तक की कमाई कर लेते हैं.

महुआ से लाभ
अच्छी बात ये है कि अन्य फसलों के उत्पादन में मेहनत करने की तरह इसमें मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती. न तो निराई, गुड़ाई करना पड़ता है और न ही तोड़ने की आवश्यकता पड़ती है. बल्कि महुआ के फल पकते ही पेड़ से अपने आप गिरने लगते हैं. इसे ग्रामीण चुनकर लाते हैं या महुआ को सुखाने और डोरी का छिलका निकालने के बाद बेचते हैं.

महुआ का उपयोग
महुआ पेड़ से फूल के रूप में महुआ और फल के नाम से डोरी मिलता है. महुआ को ग्रामीण पकवान के रूप में प्रयोग करते हैं. कई ग्रामीण डोरी से तेल निकालते हैं जिससे उन्हें साल भर के लिए घर में खर्च होने वाले तेल की पूर्ति हो जाती है.

हर हिस्से का होता है उपयोग
इतना ही नहीं बल्कि इस पेड़ का हर हिस्सा उपयोगी होता है. इसके पत्तों से जहां लोग दोना पत्तल बनाते हैं. वहीं इस पेड़ से इमारती लकड़ी भी बनती है. आयुर्वेद में भी इसका खास महत्व है. खाज-खुजली समेत अनेक चर्म रोगों में भी इसके छिलके को उबालकर बनाए गए पानी को इलाज के रूप में उपयोग करते हैं. इसके अन्य आयुर्वेदिक लाभ भी हैं.

Intro:एंकर - महुए का पेड़ एक ही ऐसा पेड़ होता है जिससे फूल एवं फल के रूप में दो बार नगदी फसल मिलती है । वही पेड़ की हर चीजें लोगों के काम आती है जबकि इसके पेड़ों के रखरखाव या रोपण करने की आवश्यकता नहीं होती है पेड़ से गिरे बीजो से ही खुद ही किसानों के खेतों एवं जंगलों में इसके पौधे उगते हैं । इससे ग्रामीणों को बिना मेहनत के ही दो बार कीमती एवं नकदी फसल मिलती है । इन दिनों ग्रामीण डोरी जैसे नगदी फसल चुन रहे हैं । 1 माह पूर्व वे महुआ चुन के हजारों रुपए की कमाई कर चुके हैं ।


Body:ग्रामीण भरी गर्मी होने के बावजूद परिवार सहित महुआ चुने जाते हैं वही ठीक 1 महीने बाद इसी पेड़ से डोरी प्राप्त करते हैं जिसे ग्रामीण बिक्री कर स्कूली बच्चों की पढ़ाई एवं कृषि जैसे महत्वपूर्ण कार्य में आने वाले खर्च आसानी से पूरा करते हैं ग्रामीण इस दौरे फसल देने वाले प्रति पेड़ से 2 से 3 हजार तक की कमाई कर लेते हैं । अनेक ग्रामीणों के खेतों में दर्जनों पेड़ होते हैं वही जंगल के पेड़ों से मजदूर वर्ग के लोग इसका लाभ प्राप्त करते हैं। जिससे अच्छी बात यह है कि अन्य फसलों के उत्पादन में मेहनत करने की तरह इसमें मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती ना तो निराई गुड़ाई करना पड़ता है और ना तोड़ने की आवश्यकता पड़ती है बल्कि परिपक्व होते हैं पेड़ से अपने आप फल गिरने लगते हैं जिसे ग्रामीण चुनकर लाते हैं या महुआ को सुखाने एवं डोरी का छिलका निकालने के बाद बिक्री करते हैं महुआ पेड़ से फूल के रूप में महुआ एवं फल के नाम से डोरी मिलता है । महुआ को ग्रामीण पकवान के रूप में प्रयोग करते हैं । कई ग्रामीण डोरी के तेल निकालते हैं जिससे इनका साल भर के लिए घर में खर्च होने वाले तेल की पूर्ति हो जाती है ।


Conclusion:इतना ही नहीं इस पेड़ का हर अंग उपयोगी है । इसके पत्तों से जहां लोग दोना पत्तल बनाते हैं । वही इस पेड़ से इमारती लकड़ी भी प्राप्त करते हैं । आयुर्वेद में भी इसका खास महत्व है खाज खुजली सहित अनेक चर्म रोगों में भी इसके छिलके को उबालकर पानी इलाज के रूप में उपयोग करते हैं । इसके अन्य आयुर्वेदिक लाभ भी हैं।

बाइट रामलाल ग्रामीण
बाइट शांति ग्रामीण
Last Updated : Jun 25, 2019, 12:20 PM IST
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