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कोरिया : संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रहीं 1350 ईसवीं की ऐतिहासिक मूर्तियां

चिरमिरी के बरतुंगा स्थित सती नामक स्थान पर 1350 ईसवीं के ऐतिहासिक पुरातात्विक शिलालेख और पत्थर बिखरे अवस्था में पड़े हुए मिले थे, जो संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रहे हैं.

नष्ट हो रहीं 1350 ईसवीं की ऐतिहासिक मूर्तियां
नष्ट हो रहीं 1350 ईसवीं की ऐतिहासिक मूर्तियां
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Published : Nov 28, 2019, 11:54 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 9:29 AM IST

कोरिया: चिरमिरी में खुदाई के दौरान 1350 ईसवीं के प्राचीन पत्थरों की मूर्तियां निकली थी. साथ ही मंदिर के टूटे-फूटे अवशेष भी मिले थे, लेकिन प्राचीन मूर्तियां संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रही हैं.

वीडियो.

नगर निगम चिरमिरी के बरतुंगा स्थित सती नामक स्थान पर 1350 ईसवीं के ऐतिहासिक पुरातात्विक शिलालेख और पत्थर बिखरे अवस्था में पड़े हुए मिले थे. खुदाई के दौरान यहां मंदिर के अवशेष और प्राचीन मूर्तियां निकाली गई थी.

पत्थरों पर हिंदू-देवी देवताओं के चित्र उकेरे हुए हैं. साथ ही कुछ प्राचीन लिपि भी लिखी हुई है, जिसे स्थानीय लोग सहेजकर उसकी पूजा कर रहे हैं.

भारतीय संविधान की अनदेखी
प्रशासन की अनदेखी के कारण यहां की मूर्तियों की चोरी होने लगी और बची हुई मूर्तियां देखरेख के अभाव में खराब होती जा रही हैं जबकि प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल अवशेष अधिनियम 1958 धारा 2 में के अनुसार 100 वर्ष से अधिक कोई पुरानी चीज है, तो उसे संरक्षित ओर पुरातात्विक घोषित करना पड़ेगा, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ.

पढ़ें : छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस SPECIAL: पहला उपन्यास और पहली कहानी कौन सी है...

प्रशासन से गुहार
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 428 लोगों के हस्ताक्षर के साथ राज्य सरकार और कलेक्टर को एक पत्र लिखा था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए. मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया गया है. फिलहाल मामले की सुनवाई चल रही है.

कोरिया: चिरमिरी में खुदाई के दौरान 1350 ईसवीं के प्राचीन पत्थरों की मूर्तियां निकली थी. साथ ही मंदिर के टूटे-फूटे अवशेष भी मिले थे, लेकिन प्राचीन मूर्तियां संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रही हैं.

वीडियो.

नगर निगम चिरमिरी के बरतुंगा स्थित सती नामक स्थान पर 1350 ईसवीं के ऐतिहासिक पुरातात्विक शिलालेख और पत्थर बिखरे अवस्था में पड़े हुए मिले थे. खुदाई के दौरान यहां मंदिर के अवशेष और प्राचीन मूर्तियां निकाली गई थी.

पत्थरों पर हिंदू-देवी देवताओं के चित्र उकेरे हुए हैं. साथ ही कुछ प्राचीन लिपि भी लिखी हुई है, जिसे स्थानीय लोग सहेजकर उसकी पूजा कर रहे हैं.

भारतीय संविधान की अनदेखी
प्रशासन की अनदेखी के कारण यहां की मूर्तियों की चोरी होने लगी और बची हुई मूर्तियां देखरेख के अभाव में खराब होती जा रही हैं जबकि प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल अवशेष अधिनियम 1958 धारा 2 में के अनुसार 100 वर्ष से अधिक कोई पुरानी चीज है, तो उसे संरक्षित ओर पुरातात्विक घोषित करना पड़ेगा, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ.

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प्रशासन से गुहार
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने 428 लोगों के हस्ताक्षर के साथ राज्य सरकार और कलेक्टर को एक पत्र लिखा था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए. मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया गया है. फिलहाल मामले की सुनवाई चल रही है.

Intro:एंकर - कोरिया जिले के नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में खुदाई के दौरान 1350 ईसवी के प्राचीन पत्थरो की मूर्तियां निकली और टूटे फूटे मंदिर के अवशेष भी मिले। जो आज संरक्षण के अभाव में नस्ट होने के कगार पे है।

Body:वीओ - जिले के नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र के अंतर्गत बरतुंगा स्थित सती नामक स्थान पर 1350 ईसवी के ऐतिहासिक पुरातात्विक शिलालेख और पत्थर बिखरे अवस्था मे पड़े हुए मिले खुदाई के दौरान वहां पर मंदिर के अवसेस और और प्राचीन मुर्तिया भी निकली। इन पत्थरों पर हिंदू देवी देवताओं के चित्र उकेरे हुए हैं, साथ ही कुछ लिपि भी लिखी हुई है। जिसे स्थानीय लोगों के द्वारा सहेज कर उसकी पूजा पाठ भी की जा रही है। दिल्ली से आई पुरातात्विक टीम ने सर्वे में बताया था 1350 ईसवी की मूर्ति। 
लेकिन इसके बावजूद भी इस ओर शाशन प्रशासन ने ध्यान दिया। जिस वजह से यहाँ की मूर्तियां चोरी होने लगी और जो बची है वह भी देख रेख के अभाव में खराब होती जा रही है। जबकि प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल अवशेष अधिनियम 1958 धारा 2 का कहना है कि 100 वर्ष से अधिक कोई पुरानी चीज है तो उसे संरक्षित ओर पुरातात्विक घोसित करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा 428 लोगों के हस्ताक्षर के साथ राज्य सरकार और कलेक्टर कोरिया को एक पत्र लिखा गया था जिसमे क्षेत्र की सारी जनता की सहमति थी, तब भी राज्य सरकार द्वारा कुछ नही किया गया। छत्तीसगढ़ माननीय उच्च न्यायालय में एक रिक्त याचिका 35,19, 2019 पेस किया गया जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि इसपे केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाऐ तब केंद्र सरकार पार्टी बनी जिसके बाद सुनवाई सुरु हुई।

बाइट - राजकुमार मिश्रा - (सामाजिक कार्यकर्ता)

इस सम्बंध में जब हमने कोरिया कलेक्टर से बात की तो उनका कहना था, रिपोर्ट मेरे पास भी है और जिला प्रशासन ने प्लान बनाया हुआ है उसे संग्रहालय के रूप में विकसित करेंगे। हम एक महीने बाद उसपे काम करना सुरु कर देंगे।
Conclusion:सवाल यह उठता है कि जब पुरातात्विक विभाग द्वारा मूर्तियों को 1300 ईसवी का बताया गया, उसके बाद शासन प्रशासन द्वारा इस धरोहर को सहेजने में कोई दिलचस्पी क्यों नही दिखाई ?  और इसे सहेजने में ओर कितना समय लगेगा जिससे खराब हो रही पुरातात्विक मूर्तियों को बचाय जा सके।
Last Updated : Nov 29, 2019, 9:29 AM IST
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