एमसीबी : एक तरफ सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके जल मिशन नल जल योजना संचालित कर रही है.ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पानी पहुंचाया जा सके. लेकिन इस योजना के ठेकेदार अपने मनमाने तरीके से लो क्वॉलिटी का काम कर रहे हैं. जिस जगह भी नल जल योजना का काम चल रहा है. उस जगह पीएचई विभाग के ना एसडीओ और ना ही इंजीनियर उसकी जांच पड़ताल करने के लिए जाते हैं.
योजना में भ्रष्टाचार : अफसरों के दौरा नहीं करने से ठेकेदार मनमानी से काम कर रहे हैं.जिसकी वजह से घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है. ऐसे में ठेकेदारों को संबंधित अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के आरोप लग रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ''अधिकारी काम पर आते नहीं और ठेकेदार मनमाने ढंग से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कर रहे हैं. पाइपलाइन गलत ढंग से बिछाने के कारण यह योजना कमजोर साबित हो रही है.''
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग प्रमुख चंद्र बदन सिंह का कहना है कि ''शासन के निर्देशानुसार नल जल योजना का कार्य सफलतम रूप में करने का प्रयास किया जा रहा है.जहां भी गुणवत्ता या निर्माण संबंधी शिकायत सामने आ रही है. वहीं ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस देकर तत्काल जल्द से जल्द कार्य को सुधारने की कोशिश की जा रही है.''
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ग्रामीणों के सामने जल संकट : ग्रामीण अब स्तरहीन काम का विरोध करके काम रुकवा रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. परेशान ग्रामीणों की माने तो पाइप लाइन तो बिछाई जा रही हैं. बड़ी-बड़ी टंकियां भी बनकर खड़ी कर दी गई है.लेकिन ना तो टंकी में पानी है और ना ही इस ओर कोई ध्यान दे रहा है. जिससे आने वाले गर्मी में फिर से ग्रामीणों को पानी के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों पर निर्भर होना पड़ेगा.