दरअसल मामला मनेन्द्रगढ़ थाना क्षेत्र के चनवारीडांड़ का है. मृतक के पिता निरंजन प्रसाद रमानी की मानें तो बीते वर्ष 13 दिसंबर 2017 को अक्षय अपने मित्र अनुप मिंज के साथ घर से कही बाहर गया था. इसके बाद दूसरे दिन अनुप ने फोन करके बताया कि अक्षय की तबीयत खराब हो गई है. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आनन-फानन में पिता परिवारजनों के साथ अस्पताल पहुंचे. जहां पता चला कि उनका बेटा कोमा में है. अक्षय की हालत में सुधार ना होने के कारण उसे रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद 1 नवंबर 2017 को बेटे ने दम तोड़ दिया.
सही सलामत घर से गया था उसका 'लाल', एक साल बाद भी भटक रहा लाचार बाप - undefined
कोरियाः करीब एक वर्ष पहले अक्षय कुमार रामानी नामक युवक की अचानक कोमा में जाने के बाद मौत हो गई थी. युवक के पिता इस मामले में करीब एक वर्ष से जांच की मांग कर रहे हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही.
दरअसल मामला मनेन्द्रगढ़ थाना क्षेत्र के चनवारीडांड़ का है. मृतक के पिता निरंजन प्रसाद रमानी की मानें तो बीते वर्ष 13 दिसंबर 2017 को अक्षय अपने मित्र अनुप मिंज के साथ घर से कही बाहर गया था. इसके बाद दूसरे दिन अनुप ने फोन करके बताया कि अक्षय की तबीयत खराब हो गई है. उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आनन-फानन में पिता परिवारजनों के साथ अस्पताल पहुंचे. जहां पता चला कि उनका बेटा कोमा में है. अक्षय की हालत में सुधार ना होने के कारण उसे रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद 1 नवंबर 2017 को बेटे ने दम तोड़ दिया.
Body:मनेन्द्रगढ़ थाना क्षेत्र के चनवारीडाँड़ में रहने वाली निरंजन प्रसाद रमानी ने बताया कि बीते वर्ष 13 दिसंबर 2017 को उसके बेटे अक्षय कुमार रामानी को उसका मित्र अनूप मिंज घर से लेकर गया था । उसके दूसरे दिन 14 दिसंबर को अनूप ने फोन करके बताया कि अक्षय की तबीयत खराब हो गई है । उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है । इस खबर के बाद अच्छा के पिता परिवारजनों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे जहां । उन्होंने देखा कि उनका बेटा कोमा की स्थिति में है । जिला अस्पताल में अक्षय की हालत में सुधार ना होने के बाद उसे रायपुर के वी केअर अस्पताल में ले जाया गया ।जहां 1 नवंबर 2017 को उसने दम तोड़ दिया । जवान बेटे की मौत से गमजदा पिता ने इस मामले में फरियाद लगाते हुए कहा है कि उसका बेटा सही सलामत हालत में अनुज मिंज के साथ घर से निकला था । उसके बाद ऐसा क्या हुआ कि वह कोमा में चला गया और उसके बाद उसकी मौत हो गई । इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार पिता ने जिला के आला अधिकारियों से लेकर संभाग के अधिकारियों से पत्राचार किया , उनसे मिलकर इस मामले की जांच की गुहार लगाई लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई । वहीं दूसरी ओर मृतक के जिस दोस्त पर पिता ने संदेह जाहिर किया है । उसका भी डेढ़ वर्षों से कोई नहीं है ।
बाइट निरंजन प्रसाद रमानी (मृतक का पिता ,सफेद शर्ट)
बाइट - अनुज गुप्ता (एसडीओपी मनेन्द्रगढ़,कोट पहने हुये)
Conclusion:ऐसे में साफ है कि अक्षय की मौत के पीछे कहीं ना कहीं कोई बड़ा राज छुपा है । अब देखना यह है कि इस मामले में संभाग आयुक्त क्या रवैया अपनाते हैं ।
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