कोरबा: दीपका नगर पालिका परिषद के मणिकंचन केंद्र में कचरे से खाद बनाने का काम स्वसहायता समूह की महिलाओं को मिला है. जीविकोपार्जन का साधन मिलने से 33 महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं.
खाद बनाने में जुटी महिलाओं को एक नियमित आय मिल रही है. इससे वे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घर का खर्च चलाने में भी सहयोग कर रही हैं. इन महिलाओं को नगर पालिका से 6 हजार रुपये मानदेय के रूप में मिलता है. साथ ही खाद बेचकर वे लगभग तीन हजार रुपये अतिरिक्त कमा लेती हैं.
मणिकंचन केंद्र में महिलाएं बनाती हैं कचरे से खाद
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पालिका दीपका में 2 अक्टूबर 2017 से मणिकंचन केंद्र की शुरुआत हुई है. यहां महिला समूह के सदस्य योजनाबद्ध तरीके से कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया पूरी करते हैं. इसके तहत दीपका निकाय के घरों से निकलने वाले कचरे से खाद बनाई जा रही है.
महिलाएं करती हैं डोर टू डोर कचरे का संग्रहण
वार्डों से कचरे के उठाव के लिए 2 जोन बनाए गए हैं. स्व-सहायता समूह की महिलाएं अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर कचरे का उठाव करती हैं. इसके लिए उन्हें 18 रिक्शों का आवंटन भी किया गया है. महिलाएं डोर टू डोर कचरे का संग्रहण करती हैं और उसे मणिकंचन केंद्र में लाती हैं. सूखे और गीले कचरों को अलग रखा जाता है, फिर यहां कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
कचरा बेचकर होती है अतिरिक्त आय
कचरा संग्रहण करने के लिए यूजर चार्जेस ₹ 20 प्रति घर के हिसाब से लिया जाता है जो अब तक तकरीबन 4 लाख 26 हजार जमा हो चुका है. वहीं सूखा कचरा बेचकर 4 लाख 84 हजार की अतिरिक्त आय भी हो चुकी है. लिहाजा दीपका नगर पालिका की ये पहल काफी सराहनीय है.