कोरबा: लॉकडाउन 3.0 के लिए कलेक्टर किरण कौशल ने संशोधित आदेश जारी किया है. इसके तहत कुछ संस्थानों को आंशिक छूट दी गई है. इस आदेश में शहरी क्षेत्र में मंगलवार को मेडिकल स्टोर और इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को छोड़कर कंप्लीट लॉकडाउन लागू किया गया है. सरकारी संस्थानों को छोड़कर अन्य सभी निजी संस्थान बंद हैं. इस आदेश के पालन में मंगलवार को पूरा शहर वीरान रहा, खुली दिखी तो सिर्फ शराब की दुकानें और यहां मदिरा प्रेमियों का मजमा लगा रहा.
सोमवार को लॉकडाउन 3.0 के शुरू होते ही शहर के अधिकतर दुकानें खुलने लगी. ऐसा लगा जैसे पुराने दिन लौट आए हैं. लेकिन मंगलवार को जिले में फिर से कर्फ्यू जैसे हालात रहे. इस दौरान सिर्फ शराब दुकानें खुली रहीं. पहले दिन के बाद दूसरे दिन भी शराब दुकानों में मदिरा प्रेमियों की बेतरतीब भीड़ दिखी. लोग सोशल डिस्टेंसिंग को परे करते हुए शराब लेने घंटों कतार में लगे रहे.
कड़ी धूप के बावजूद रही लंबी लाइन
कड़ी धूप में भी लोग शराब लेने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए पाए गए. दूसरे दिन शराब दुकानों में स्वास्थ अमले की भी ड्यूटी लगाई गई है. जिन्होंने आबकारी विभाग के कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर जैसी कुछ वस्तुएं प्रदान की हैं. हालांकि स्वास्थ्यकर्मी खुद भी यह कबूल कर रहे हैं, कि ऐसी ही परिस्थितियां रही, तो यह सीधे तौर पर खतरे को आमंत्रण देने जैसा है.
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पहले दिन 83 लाख की हुई शराब बिक्री
40 दिन बाद खुले शराब दुकान में लोगों ने सिर्फ 5 घंटे में 83 लाख रुपए की शराब खरीद ली. सामान्य दिनों में जिले की कुल शराब दुकानों से 1 दिन में औसतन 70 से 75 लाख रुपये की शराब बेची जाती है. लेकिन सोमवार को शराब दुकानों के संचालन के पहले दिन ही सुबह 9 से 2 तक के निर्धारित समय में 83 लाख रुपये की शराब की बिक्री हुई. जिले में कुल 35 शराब दुकानें हैं, जिनमें से 25 दुकानों में ही बिक्री की अनुमति है.