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कोरबा में अनुकंपा नौकरी के लिए विधवा चंद्रिका ने शुरू किया आंदोलन, किसान सभा का समर्थन - चंद्रिका बाई कंवर

एशिया की सबसे बड़े खुली कोयला खदान में अपनी जमीन देने वाले बेचू सिंह कंवर की विधवा पत्नी आज नौकरी के लिए आंदोलन कर रही है. इस मामले में एसईसीएल प्रबंधन ने कहा है कि इस प्रकरण का जांच करना होगा. पति की मृत्यु कब हुई, आवेदन कब दिया सारे दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कह सकेंगे.

Chandrika
विधवा चंद्रिका ने शुरू किया आंदोलन
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Published : Mar 21, 2022, 6:30 PM IST

कोरबा : एशिया की सबसे बड़े खुली कोयला खदान में अपनी जमीन देने वाले बेचू सिंह कंवर की विधवा पत्नी आज नौकरी के लिए आंदोलन कर रही है. गांव आमगांव का अधिग्रहण एसईसीएल की गेवरा खदान के लिए किया गया था. जमीन अधिग्रहण के बदले में बेचू सिंह को गेवरा में नौकरी मिली थी. 2 साल पूर्व उनकी मृत्यु हो गई. अब उनकी पत्नी अनुकंपा नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रही है. इस आंदोलन को वामपंथी किसान संगठन किसान सभा ने भी अपना समर्थन दिया है. सोमवार से ही गेवरा खदान के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने टेंट लगाकर आंदोलन शुरू किया गया है.

यह भी पढ़ें: रायपुर धर्म संसद में विवादित टिप्पणी मामला : ढाई माह से अधिक समय से रायपुर जेल में बंद है कालीचरण, फिर बढ़ी रिमांड

ये है पूरा मामला
चंद्रिका बाई कंवर आदिवासी वर्ग से आती हैं. जिन्होंने बताया कि वह दो साल से अनुकंपा नियुक्ति की मांग के लिए एसईसीएल के कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. जिनकी कृषि भूमि गेवरा खदान विस्तार में अधिग्रहित होने के बाद उनके पति बेचू सिंह को नौकरी दी गई थी. ग्राम अमगांव, हरदीबाजार निवासी इस आदिवासी महिला के पति की दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. उसके बाद से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटकना पड़ रहा है. जबकि नियमानुसार सभी आवश्यक दस्तावेज अपने आवेदन के साथ एसईसीएल में जमा भी कर दिया है.

चंद्रिका ने 21 मार्च से अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की थी. लेकिन एसईसीएल प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया. इसकी सूचना जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी दे दी गई थी. आज किसान सभा नेताओं के साथ पीड़ित परिवार ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. किसान सभा नेताओं ने अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों से पीड़ित सभी लोगों को इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है, ताकि सभी प्रकरणों को एक साथ उठाया जा सके.

यह भी पढ़ें: विधानसभा में गूंजा मनरेगा घोटाला मामला : 15 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित, रिटायर्ड डीएफओ से भी हो सकती है वसूली

किसान सभा का आरोप 400 से अधिक आवेदन लंबित
एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू हो गया है. चन्द्रिका बाई, प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन सिंह कंवर भूख हड़ताल पर बैठे है. साथ ही सैकड़ों किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित है. छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आरोप लगाया है कि पूरे एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति के लगभग 400 प्रकरण लंबित हैं. जिन्हें नौकरी देने में जानबूझकर देरी की जा रही है. पीड़ितों में अधिकांश आदिवासी और महिलाएं हैं.

परीक्षण के बाद ही कुछ कह सकेंगे
चंद्रिका बाई की अनुकंपा नियुक्ति वाले प्रकरण में एसईसीएल प्रबंधन ने कहा है कि इस प्रकरण का जांच करना होगा. पति की मृत्यु कब हुई, आवेदन कब दिया सारे दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कह सकेंगे.

कोरबा : एशिया की सबसे बड़े खुली कोयला खदान में अपनी जमीन देने वाले बेचू सिंह कंवर की विधवा पत्नी आज नौकरी के लिए आंदोलन कर रही है. गांव आमगांव का अधिग्रहण एसईसीएल की गेवरा खदान के लिए किया गया था. जमीन अधिग्रहण के बदले में बेचू सिंह को गेवरा में नौकरी मिली थी. 2 साल पूर्व उनकी मृत्यु हो गई. अब उनकी पत्नी अनुकंपा नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रही है. इस आंदोलन को वामपंथी किसान संगठन किसान सभा ने भी अपना समर्थन दिया है. सोमवार से ही गेवरा खदान के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने टेंट लगाकर आंदोलन शुरू किया गया है.

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ये है पूरा मामला
चंद्रिका बाई कंवर आदिवासी वर्ग से आती हैं. जिन्होंने बताया कि वह दो साल से अनुकंपा नियुक्ति की मांग के लिए एसईसीएल के कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. जिनकी कृषि भूमि गेवरा खदान विस्तार में अधिग्रहित होने के बाद उनके पति बेचू सिंह को नौकरी दी गई थी. ग्राम अमगांव, हरदीबाजार निवासी इस आदिवासी महिला के पति की दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है. उसके बाद से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटकना पड़ रहा है. जबकि नियमानुसार सभी आवश्यक दस्तावेज अपने आवेदन के साथ एसईसीएल में जमा भी कर दिया है.

चंद्रिका ने 21 मार्च से अपने छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की थी. लेकिन एसईसीएल प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया. इसकी सूचना जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी दे दी गई थी. आज किसान सभा नेताओं के साथ पीड़ित परिवार ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. किसान सभा नेताओं ने अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों से पीड़ित सभी लोगों को इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है, ताकि सभी प्रकरणों को एक साथ उठाया जा सके.

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किसान सभा का आरोप 400 से अधिक आवेदन लंबित
एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू हो गया है. चन्द्रिका बाई, प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन सिंह कंवर भूख हड़ताल पर बैठे है. साथ ही सैकड़ों किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित है. छत्तीसगढ़ किसान सभा ने आरोप लगाया है कि पूरे एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति के लगभग 400 प्रकरण लंबित हैं. जिन्हें नौकरी देने में जानबूझकर देरी की जा रही है. पीड़ितों में अधिकांश आदिवासी और महिलाएं हैं.

परीक्षण के बाद ही कुछ कह सकेंगे
चंद्रिका बाई की अनुकंपा नियुक्ति वाले प्रकरण में एसईसीएल प्रबंधन ने कहा है कि इस प्रकरण का जांच करना होगा. पति की मृत्यु कब हुई, आवेदन कब दिया सारे दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कह सकेंगे.

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