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कोरबा: लॉकडाउन में सप्लाई ठप, छोटे-बड़े सभी व्यापारी परेशान

लॉकडाउन के कारण परिवहन बंद है. इसके कारण बड़े व्यापारियों से छोटे व्यापारियों को आवश्यक सामान नहीं मिल पा रहा है. यही हाल बड़े व्यापारियों का भी है. यहां भी समय और परिवहन की कमी ने हालात खाराब कर दिए हैं. जिससे धीरे-धीरे बाजारों में सामानों की कमी देखी जा रही है.

Lack of supply in Korba market
कोरबा बाजार में सप्लाई की कमी
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Published : Apr 25, 2020, 12:41 PM IST

Updated : Apr 25, 2020, 1:31 PM IST

कोरबा: लॉकडाउन में परिवहन न होने से थोक व्यापारियों से होकर खुदरा व्यापारियों के जरिए लोगों तक पहुंचने वाले राशन की चेन टूट गई है. छोटे खुदरा व्यापारियों तक आवश्यक राशन का सामान न पहुंच पाने के कारण लोगों को सामान नहीं मिल रहा है. सामान पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट के ज्यादातर साधन बंद हैं. इसके कारण थोक व्यापारियों से लेकर लोगों तक सभी की चिंता बढ़ गई है.

लॉकडाउन में सप्लाई ठप

छोटे व्यापारियों के पास नहीं है सप्लाई

लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहने के निर्देश हैं. अब लोग बड़े दुकानों को छोड़कर गलियों के छोटे दुकानों से सामान ले रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन की समय अवधि को बढ़ाने के बाद से छोटे व्यापारी परेशान हैं. दरअसल राशन समाग्रियों की सही सप्लाई बड़े व्यापारियों से छोटे व्यापारियों तक नहीं हो पा रही है. छोटी दुकानों तक आवश्यक सामानों की आपूर्ति हो या फिर अंतर्राज्यीय परिवहन सभी फिलहाल बेहद सीमित है.

कालाबाजारी जोरों पर

सामानों की कमी के कारण मुनाफाखोरी के मामले सामने आ रहे हैं. प्रशासनिक अमले ने ऐसे कुछ मामलों में जुर्माने की कार्रवाई भी की है. लेकिन जरूरी सामानों की सप्लाई चेन को सही किए बिना कालाबाजारी को रोक पाना लगभग नामुमकिन है. खुदरा व्यापारियों तक निर्बाध रूप से आवश्यक राशन का सामान पहुंच सके इसकी ठोस व्यवस्था अब तक नहीं बन सकी है.

पढ़ें: कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के बाद रामसागर पारा में ढील, पटरी पर लौट रहा जीवन

बड़े व्यापारियों की परेशानी

हैंड वॉश, पैड और डायपर जैसे हाइजीन उत्पादों के थोक व्यापारी ओमप्रकाश कहते हैं कि हमें सामान पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है. ट्रांसपोर्टेशन के भी ज्यादातर माध्यम फिलहाल ठप हैं. जब हमें ही सामान नहीं मिलेगा तो हम छोटे दुकानदारों तक सामान कैसे पहुंचा पाएंगे?

आम लोगों को आवश्यक सामग्रियां कैसे मिलेंगी? दुकान खोलने के लिए सिर्फ 3 घंटे का ही समय निर्धारित है. इसमें या तो हम सामान के आर्डर ले सकते हैं, या फिर सामान डिस्पैच कर सकते हैं. समस्याएं कई हैं लेकिन समाधान नहीं दिख रहा.

स्थिति अभी साफ नहीं

जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल कहते हैं कि छोटे दुकानों तक सामान पहुंचाने के लिए लेबर नहीं मिल रहे हैं. लॉकडाउन में कोई भी काम करने को तैयार नहीं है. परिवहन की जाने वाली गाड़ियों को रोका जा रहा है. थोक व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. खुदरा व्यापारी भी परेशान हैं. यही हाल रहा तो आने वाले समय में परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं.

कोरबा: लॉकडाउन में परिवहन न होने से थोक व्यापारियों से होकर खुदरा व्यापारियों के जरिए लोगों तक पहुंचने वाले राशन की चेन टूट गई है. छोटे खुदरा व्यापारियों तक आवश्यक राशन का सामान न पहुंच पाने के कारण लोगों को सामान नहीं मिल रहा है. सामान पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्ट के ज्यादातर साधन बंद हैं. इसके कारण थोक व्यापारियों से लेकर लोगों तक सभी की चिंता बढ़ गई है.

लॉकडाउन में सप्लाई ठप

छोटे व्यापारियों के पास नहीं है सप्लाई

लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहने के निर्देश हैं. अब लोग बड़े दुकानों को छोड़कर गलियों के छोटे दुकानों से सामान ले रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन की समय अवधि को बढ़ाने के बाद से छोटे व्यापारी परेशान हैं. दरअसल राशन समाग्रियों की सही सप्लाई बड़े व्यापारियों से छोटे व्यापारियों तक नहीं हो पा रही है. छोटी दुकानों तक आवश्यक सामानों की आपूर्ति हो या फिर अंतर्राज्यीय परिवहन सभी फिलहाल बेहद सीमित है.

कालाबाजारी जोरों पर

सामानों की कमी के कारण मुनाफाखोरी के मामले सामने आ रहे हैं. प्रशासनिक अमले ने ऐसे कुछ मामलों में जुर्माने की कार्रवाई भी की है. लेकिन जरूरी सामानों की सप्लाई चेन को सही किए बिना कालाबाजारी को रोक पाना लगभग नामुमकिन है. खुदरा व्यापारियों तक निर्बाध रूप से आवश्यक राशन का सामान पहुंच सके इसकी ठोस व्यवस्था अब तक नहीं बन सकी है.

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बड़े व्यापारियों की परेशानी

हैंड वॉश, पैड और डायपर जैसे हाइजीन उत्पादों के थोक व्यापारी ओमप्रकाश कहते हैं कि हमें सामान पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है. ट्रांसपोर्टेशन के भी ज्यादातर माध्यम फिलहाल ठप हैं. जब हमें ही सामान नहीं मिलेगा तो हम छोटे दुकानदारों तक सामान कैसे पहुंचा पाएंगे?

आम लोगों को आवश्यक सामग्रियां कैसे मिलेंगी? दुकान खोलने के लिए सिर्फ 3 घंटे का ही समय निर्धारित है. इसमें या तो हम सामान के आर्डर ले सकते हैं, या फिर सामान डिस्पैच कर सकते हैं. समस्याएं कई हैं लेकिन समाधान नहीं दिख रहा.

स्थिति अभी साफ नहीं

जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल कहते हैं कि छोटे दुकानों तक सामान पहुंचाने के लिए लेबर नहीं मिल रहे हैं. लॉकडाउन में कोई भी काम करने को तैयार नहीं है. परिवहन की जाने वाली गाड़ियों को रोका जा रहा है. थोक व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. खुदरा व्यापारी भी परेशान हैं. यही हाल रहा तो आने वाले समय में परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं.

Last Updated : Apr 25, 2020, 1:31 PM IST
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