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गिधौरी के ग्रामीण 40 सालों से अनोखे तरीके से मना रहे नागपंचमी का त्योहार

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Published : Jul 26, 2020, 3:32 AM IST

Updated : Jul 26, 2020, 11:23 AM IST

ग्राम पंचायत गिधौरी में पिछले 40 साल से नाग पंचमी का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है. यहां के लोग बेहद अनोखे तरीके से इस त्योहार को मनाते हैं.

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40 सालों से अनोखे तरीके से मना रहे नागपंचमी का त्योहार

कोरबा: ग्राम पंचायत गिधौरी में नागपंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी नागपंचमी के अवसर पर गांव के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. करीब 40 साल से नाग पंचमी मनाने का इस गांव में ऐसा ही रिवाज है. गांव के लोग इस रीत को इतने सालों से निभाते आ रहे हैं. बता दें कि, इस पर्व का ग्रामीणों को सालभर इंतजार रहता है.

इस गांव में पिछले 40 साल के ग्रामीण नागपंचमी के दिन सांप को पकड़कर उसे गांव में लाते हैं और फिर सभी एक जगह इकट्ठा होकर ढोल नगाड़े के साथ नागपंचमी का त्योहार मनाते हैं. जिन सांपों को ग्रामीण पकड़कर लाते हैं, उन्हें चारों तरफ गिरे हुए ग्रामीणों के बीच में छोड़ दिया जाता है. ग्रामीणों का ऐसा मानना है कि, इस दौरान सांप किसी को नहीं डंसता है.
पढ़ें: संसदीय सचिव बनने के बाद पहली बार अपने शहर पहुंचे यूडी मिंज, कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

ग्राम पंचायत गिधौरी के एक बुजुर्ग ने बताया कि हम लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, यहा नाग पंचमी का त्योहार 40 साल से यहां इसी तरह से मनाया जाता है. नाग पंचमी के अवसर पर ढोल नगाड़े के साथ सभी ग्रामीण एकजुट होकर खुशियां मनाते हुए नाचते, गाते हैं. गांव की परंपरा के प्रति ग्रामीणों की अपार आस्था को इसी से समझी जा सकती है कि अगर यहां किसी को सांप काट लेता है, तो उसे ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र ना ले जाकर खुद ही झाड़ फूंक कर ठीक करते हैं. अभी तक इसी तरह से परंपरा चलती आ रही है. हलांकि सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को फौरन ही अस्पताल में ले जाकर इलाज कराना चाहिए, ऐसा न करना जानलेवा हो सकता है.

नोट: ETV भारत किसी भी तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है.

कोरबा: ग्राम पंचायत गिधौरी में नागपंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी नागपंचमी के अवसर पर गांव के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. करीब 40 साल से नाग पंचमी मनाने का इस गांव में ऐसा ही रिवाज है. गांव के लोग इस रीत को इतने सालों से निभाते आ रहे हैं. बता दें कि, इस पर्व का ग्रामीणों को सालभर इंतजार रहता है.

इस गांव में पिछले 40 साल के ग्रामीण नागपंचमी के दिन सांप को पकड़कर उसे गांव में लाते हैं और फिर सभी एक जगह इकट्ठा होकर ढोल नगाड़े के साथ नागपंचमी का त्योहार मनाते हैं. जिन सांपों को ग्रामीण पकड़कर लाते हैं, उन्हें चारों तरफ गिरे हुए ग्रामीणों के बीच में छोड़ दिया जाता है. ग्रामीणों का ऐसा मानना है कि, इस दौरान सांप किसी को नहीं डंसता है.
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ग्राम पंचायत गिधौरी के एक बुजुर्ग ने बताया कि हम लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, यहा नाग पंचमी का त्योहार 40 साल से यहां इसी तरह से मनाया जाता है. नाग पंचमी के अवसर पर ढोल नगाड़े के साथ सभी ग्रामीण एकजुट होकर खुशियां मनाते हुए नाचते, गाते हैं. गांव की परंपरा के प्रति ग्रामीणों की अपार आस्था को इसी से समझी जा सकती है कि अगर यहां किसी को सांप काट लेता है, तो उसे ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र ना ले जाकर खुद ही झाड़ फूंक कर ठीक करते हैं. अभी तक इसी तरह से परंपरा चलती आ रही है. हलांकि सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को फौरन ही अस्पताल में ले जाकर इलाज कराना चाहिए, ऐसा न करना जानलेवा हो सकता है.

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Last Updated : Jul 26, 2020, 11:23 AM IST
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