कोरबा : पटवारियों के बाद अब सचिवों ने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दो साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद सचिव चाहते हैं कि उन्हें भी सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन और विरोध रैली निकाले जाने के बाद शनिवार से उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है. शनिवार से पंचायत सचिव संघ की करतला जनपद ऑफिस के पास हड़ताल हो रही है. सचिवों ने सांकेतिक धरना-प्रदर्शन और विरोध रैली निकालकर सरकार को जगाने का प्रयास किया.
जिले के सभी पांचों ब्लाॅक में सचिव हड़ताल कर रहे हैं. करतला विकासखंड में भी पंचायत सचिव जनपद कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं. सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करेगी, तब तक वे हड़ताल पर बैठेंगे.
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पदोन्नति और क्रमोन्नति की मांग
पंचायत सचिवों का कहना है कि जमीनी स्तर पर उन्होंने बेहतरीन काम किया है. पंचायत सचिव के साथ नियुक्त कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी का शासन द्वारा शासकीयकरण कर दिया गया है. केवल पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित हैं. अंशदायी पेंशन योजना का भी लाभ पंचायत सचिवों को नहीं मिल पा रहा है.
पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित
सचिवों का कहना है कि जमीनी स्तर पर वह ईमानदारी से कार्यों का पूरा कर रहे हैं. वे राज्य और केंद्र सरकार की सेवाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करते हैं. वह ग्रामीण अंचलों में योजनाओं को पहुंचा रहे हैं. पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त सभी कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है. केवल पंचायत सचिव शासकीयकरण से वंचित हैं.
'मांग जल्द हो पूरी'
पंचायत सचिव को उम्मीद है कि उनकी यह मांगें जल्द से जल्द पूरी कर दी जाएंगी. उनकी मांगों पर जल्द से जल्द गंभीरता दिखाई जाए.