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कवर्धा हिंसा का पूरे छत्तीसगढ़ में विरोध, बीजेपी और विहिप ने बोला सरकार पर हमला

कवर्धा घटना को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है. इसको लेकर जगह-जगह विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया. विहिप इस मामले में प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगा रहा है.

VHP workers involved in huge Hindu Aakrosh Hunkar rally
विशाल हिंदू आक्रोश हुंकार रैली में शामिल विहिप कार्यकर्ता
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Published : Oct 12, 2021, 2:58 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 9:08 PM IST

कोरबा/रायपुर/बिलासपुर/बालोद : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में हुई घटना के बाद पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन (Protests Across The State) शुरू हो गया है. इसको लेकर मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने आक्रोश रैली (Aakrosh Rally) निकालकर विरोध जताया. विहिप का आरोप है कि प्रशासन ने इस मामले में एक पक्षीय कार्रवाई की है. इसको लेकर विहिप कार्यकर्ता जगह-जगह विशाल हिंदू आक्रोश हुंकार रैली (Huge Hindu Aakrosh Hunkar Rally) निकाली.

कोरबा में प्रदर्शन

कोरबा में विहिप कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

कवर्धा में 2 समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद कोरबा में विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर हिंदूवादी संगठनो ने जमकर प्रदर्शन किया. दोपहर को शुरू हुआ आंदोलन शाम तक चला. इस दौरान सुभाष चौक में लगाए गए बेरिकेड को लांघकर प्रदर्शनकारी कोसाबाड़ी चौक तक पहुंचे. जहां अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर आंदोलन समाप्त हुआ. हिंदूवादी संगठन नारेबाजी करते हुए सुभाष चौक में एकत्र हुए थे.

हिंदूवादी संगठनों का सरकार पर आरोप

भारी तादाद में एकत्र हुए समर्थक कवर्धा में हुए विवाद को लेकर हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि एक ही समुदाय के लोगों को टारगेट कर पुलिस कार्रवाई कर रही है. इससे हिंदूवादी संगठनों में गुस्सा है. इसके कारण ही हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी हिंदूवादी संगठनों को शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सुभाष चौक में सभी समर्थक एकत्र हुए, जहां जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. विभिन्न थानों के थानेदार और डीएसपी स्तर के अधिकारी के साथ पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात थे.

ज्ञापन सौंपने के बाद आंदोलन हुआ समाप्त

संगठन ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर पहले ही बता दिया था कि कोसाबाड़ी चौक तक प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन प्रशासन ने बीच रास्ते में सुभाष चौक में बैरिकेड लगाकर संगठन को रोक दिया. प्रदर्शनकारी आगे बढ़ना चाहते थे और इसी बात पर काफी देर तक बातचीत होती रही. अंत में पुलिस और प्रशासन की सहमति से सुभाष चौक के बैरिकेड को खोला गया. जिसे पार कर प्रदर्शनकारी कोसाबाड़ी चौक पहुंचे और प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर सुनील नायक ने ज्ञापन स्वीकार किया. हल्की धक्का-मुक्की भी प्रदर्शन के दौरान बेरीकेड पर तैनात पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच होती रही. प्रदर्शनकारियों ने पानी के बोतल, पाउच और जूता चप्पल भी फेंके. जिससे पुलिस कर्मियों में आक्रोश उत्पन्न हो गया. हालांकि अंत में कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ, बैरिकेड लांघकर ज्ञापन सौंपने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ.

बिलासपुर में विहिप कार्यकर्ताओं को स्कूल में किया नजरबंद

इधर, बिलासपुर में भी कवर्धा हिंसा मामले के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता मंगलवार को रैली निकालने के लिए छत्तीसगढ़ स्कूल में जमा हुए. लेकिन विहिप कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने स्कूल के गेट से बाहर ही नहीं निकलने दिया. प्रशासन ने सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग लगाकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को स्कूल में ही नजरबंद कर लिया. हालांकि विहिप कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल थे. कार्यकर्ताओं की मांग है कि वे इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन देंगे.

बिलासपुर में बीजेपी और विहिप का प्रदर्शन

प्रशासन ने नहीं दी रैली निकालने की परमिशन

बता दें कि विहिप कार्यकर्ताओं को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ स्कूल में विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कार्यकर्ताओं का जमा होकर वहां से रैली निकाल मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्टर कार्यालय जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने रैली निकालने की परमिशन नहीं दी और छत्तीसगढ़ स्कूल में ही जिला प्रशासन के दंडाधिकारी स्तर के अफसर को भेज कर मामले में ज्ञापन लिया. पूरे मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरा प्रकरण प्रशासन और राज्य सरकार की विफलता की वजह से भयावह रूप ले लिया है. पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई का विरोध भी धरमलाल कौशिक ने किया.

उन्होंने कहा कि पुलिस स्थानीय विधायक और प्रदेश के दूसरे नेताओं के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है, जिसका जीता जागता सबूत कवर्धा में दो पक्षों में इतना बड़ा विवाद होना है. विवाद के दिन पुलिस मौन होकर पूरे मामले को देखती रही और कार्रवाई नहीं की.

रायपुर में भाजपा सांसद और प्रवक्ता भी दे रहे कार्यकर्ताओं का साथ

वहीं राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता कवर्धा हिंसा के विरोध में एक दिन का धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में सैकड़ों विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता शामिल हैं. इतना ही नहीं विहिप कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा सांसद सुनील सोनी और भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद हैं.

रायपुर में बीजेपी का हल्ला बोल

बालोद में भी हुआ प्रदर्शन

कवर्धा में ध्वज लगाने को लेकर उपजे विवाद के बाद पकक्षपात पूर्व कार्रवाई के विरोध में बालोद में विरोध प्रदर्शन हुआ. इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद ने धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया. मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए संत त्रिवेणी दास जी महाराज ने यहां पर आम जनमानस को संबोधित किया. उन्होंने पूछा कि इस मसले पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्यों चुप हैं.

बालोद में विहिप का विरोध प्रदर्शन

कोरबा/रायपुर/बिलासपुर/बालोद : छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में हुई घटना के बाद पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन (Protests Across The State) शुरू हो गया है. इसको लेकर मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने आक्रोश रैली (Aakrosh Rally) निकालकर विरोध जताया. विहिप का आरोप है कि प्रशासन ने इस मामले में एक पक्षीय कार्रवाई की है. इसको लेकर विहिप कार्यकर्ता जगह-जगह विशाल हिंदू आक्रोश हुंकार रैली (Huge Hindu Aakrosh Hunkar Rally) निकाली.

कोरबा में प्रदर्शन

कोरबा में विहिप कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

कवर्धा में 2 समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद कोरबा में विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर हिंदूवादी संगठनो ने जमकर प्रदर्शन किया. दोपहर को शुरू हुआ आंदोलन शाम तक चला. इस दौरान सुभाष चौक में लगाए गए बेरिकेड को लांघकर प्रदर्शनकारी कोसाबाड़ी चौक तक पहुंचे. जहां अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर आंदोलन समाप्त हुआ. हिंदूवादी संगठन नारेबाजी करते हुए सुभाष चौक में एकत्र हुए थे.

हिंदूवादी संगठनों का सरकार पर आरोप

भारी तादाद में एकत्र हुए समर्थक कवर्धा में हुए विवाद को लेकर हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि एक ही समुदाय के लोगों को टारगेट कर पुलिस कार्रवाई कर रही है. इससे हिंदूवादी संगठनों में गुस्सा है. इसके कारण ही हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी हिंदूवादी संगठनों को शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सुभाष चौक में सभी समर्थक एकत्र हुए, जहां जमकर नारेबाजी की गई. इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. विभिन्न थानों के थानेदार और डीएसपी स्तर के अधिकारी के साथ पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात थे.

ज्ञापन सौंपने के बाद आंदोलन हुआ समाप्त

संगठन ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर पहले ही बता दिया था कि कोसाबाड़ी चौक तक प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन प्रशासन ने बीच रास्ते में सुभाष चौक में बैरिकेड लगाकर संगठन को रोक दिया. प्रदर्शनकारी आगे बढ़ना चाहते थे और इसी बात पर काफी देर तक बातचीत होती रही. अंत में पुलिस और प्रशासन की सहमति से सुभाष चौक के बैरिकेड को खोला गया. जिसे पार कर प्रदर्शनकारी कोसाबाड़ी चौक पहुंचे और प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर सुनील नायक ने ज्ञापन स्वीकार किया. हल्की धक्का-मुक्की भी प्रदर्शन के दौरान बेरीकेड पर तैनात पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच होती रही. प्रदर्शनकारियों ने पानी के बोतल, पाउच और जूता चप्पल भी फेंके. जिससे पुलिस कर्मियों में आक्रोश उत्पन्न हो गया. हालांकि अंत में कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ, बैरिकेड लांघकर ज्ञापन सौंपने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ.

बिलासपुर में विहिप कार्यकर्ताओं को स्कूल में किया नजरबंद

इधर, बिलासपुर में भी कवर्धा हिंसा मामले के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता मंगलवार को रैली निकालने के लिए छत्तीसगढ़ स्कूल में जमा हुए. लेकिन विहिप कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने स्कूल के गेट से बाहर ही नहीं निकलने दिया. प्रशासन ने सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग लगाकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को स्कूल में ही नजरबंद कर लिया. हालांकि विहिप कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल थे. कार्यकर्ताओं की मांग है कि वे इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन देंगे.

बिलासपुर में बीजेपी और विहिप का प्रदर्शन

प्रशासन ने नहीं दी रैली निकालने की परमिशन

बता दें कि विहिप कार्यकर्ताओं को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ स्कूल में विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कार्यकर्ताओं का जमा होकर वहां से रैली निकाल मुख्य मार्ग से होते हुए कलेक्टर कार्यालय जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने रैली निकालने की परमिशन नहीं दी और छत्तीसगढ़ स्कूल में ही जिला प्रशासन के दंडाधिकारी स्तर के अफसर को भेज कर मामले में ज्ञापन लिया. पूरे मामले में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरा प्रकरण प्रशासन और राज्य सरकार की विफलता की वजह से भयावह रूप ले लिया है. पुलिस की एक पक्षीय कार्रवाई का विरोध भी धरमलाल कौशिक ने किया.

उन्होंने कहा कि पुलिस स्थानीय विधायक और प्रदेश के दूसरे नेताओं के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है, जिसका जीता जागता सबूत कवर्धा में दो पक्षों में इतना बड़ा विवाद होना है. विवाद के दिन पुलिस मौन होकर पूरे मामले को देखती रही और कार्रवाई नहीं की.

रायपुर में भाजपा सांसद और प्रवक्ता भी दे रहे कार्यकर्ताओं का साथ

वहीं राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता कवर्धा हिंसा के विरोध में एक दिन का धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में सैकड़ों विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता शामिल हैं. इतना ही नहीं विहिप कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा सांसद सुनील सोनी और भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद हैं.

रायपुर में बीजेपी का हल्ला बोल

बालोद में भी हुआ प्रदर्शन

कवर्धा में ध्वज लगाने को लेकर उपजे विवाद के बाद पकक्षपात पूर्व कार्रवाई के विरोध में बालोद में विरोध प्रदर्शन हुआ. इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद ने धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन पर पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया. मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए संत त्रिवेणी दास जी महाराज ने यहां पर आम जनमानस को संबोधित किया. उन्होंने पूछा कि इस मसले पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी क्यों चुप हैं.

बालोद में विहिप का विरोध प्रदर्शन
Last Updated : Oct 12, 2021, 9:08 PM IST
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