कोरबा: दिसंबर के अंत में जिले में बेमौसम बरसात से सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है (vegetable crop damaged due to rain korba). कुछ समय पहले खरीफ मौसम में फसल आधारित बीमा योजना के तहत इसका बीमा भी किया गया था, लेकिन किसानों का कितना नुकसान हुआ है, अब कृषि विभाग और राजस्व विभाग मिलकर सर्वे कर आंकलन की योजना तैयार की है. जिससे किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा मिलने की उम्मीद है.
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जिले में बढ़ा था सब्जी का रकबा
वर्ष 2020 में 30 हजार 396 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सब्जी की किसानी होती थी, लेकिन उद्यानिकी के साथ ही कृषि विभाग द्वारा सब्जी की फसल को बढ़ावा दिया गया. जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2021 में जिले के हजारों किसानों द्वारा कुल 32 हजार 287 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सब्जी की फसल बोई गई थी. जिसमें मौसम आधारित खरीफ फसलों में शामिल टमाटर, अमरूद, बैगन, केला, पपीता, मिर्च और अदरक सहित आलू प्याज जैसी फसलें भी शामिल थी, लेकिन प्रतिकूल मौसम ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण इन फसलों को नुकसान पहुंचा है. जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
शहर से लगे इन गांवों में किसानों ने बोई सब्जी की फसल
सब्जी की पैदावार अधिक होने का कारण खासतौर पर शहर के आसपास बिक्री के लिए दीगर प्रांतों से आने वाले सब्जी में गिरावट हुई थी. शहर के आस-पास के गांव जैसे पंडरीपानी, बेला, बेंदरकोना, पंपहाउस आदि स्थानों पर बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती की गई थी. लॉकडाउन में भी यहां के किसानों ने सब्जी की आपूर्ति की थी, लेकिन अब उनके फसलों को नुकसान पहुंचा है. सब्जी की फसल का रकबा बढ़ने के बाद दलहन और तिलहन के रकबे में कुछ कटौती भी हुई है.
फसल | 2020 में रकबा (हेक्टेयर) | 2021 में रकबा (हेक्टेयर) |
धान | 1650 | 1650 |
तिलहन | 5121 | 4937 |
दलहन | 5592 | 5043 |
सब्जी | 30,396 | 32,287 |
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मिलकर करेंगे सर्वे
इस संबंध में कृषि अधिकारी एके शुक्ल (Agriculture Officer AK Shukla) ने बताया कि बेमौसम बरसात से किसानों की फसल नुकसानी के लिए राजस्व विभाग सबसे पहले रिपोर्ट तैयार करेगी. अनावरी रिपोर्ट मिल जाने के बाद पात्रता के आधार पर उनका मुआवजा प्रकरण तैयार किया जाता है. इसके लिए आंकलन की प्रक्रिया जारी है.