कोरबा: छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ महीने बाद अब अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया तेज हो गई है. लॉकडाउन (Lockdown) में सबसे ज्यादा छोटे-मंझोले कारोबारी, बीपीएल और मध्यम वर्गीय परिवार के साथ स्ट्रीट वेंडर को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान कई परिवार के सामने भूखे मरने तक की नौबत आ गई थी. कोरोना संक्रमण कम होने के बाद प्रदेश में धीरे-धीरे जिले अनलॉक किए जा रहे हैं. बाजार खुल रही है. जिससे हर रोज कमा कर खाने वालों को उम्मीद जगी है. कोरबा में लॉकडाउन खुलते ही शहर के स्ट्रीट वेंडर्स का दर्द झलक उठा. कई स्ट्रीट वेंडर्स ने ETV भारत से अपना दर्द साझा किया. उनका कहना है कि अगर कुछ दिन और लॉकडाउन रहता तो वे कोरोना से नहीं भूख से ही मर जाते.
पॉजिटिव केस में गिरावट के बाद कोरबा कलेक्टर (Korba Collector) ने अनलॉक के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके बाद सभी प्रकार की स्थाई और अस्थाई दुकानें, शॉपिंग मॉल, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, ठेला-गुमटी, सुपरमार्केट, फल और सब्जी मंडी बाजार, अनाज मंडी, शो-रूम, क्लब, शराब दुकानें, सैलून, ब्यूटी पार्लर, स्पा, पार्क और जिम को भी खोलने की सशर्त अनुमति मिली है.
कर्ज में डूबे स्ट्रीट वेंडर्स
अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ETV भारत ने शहर के कुछ स्ट्रीट वेंडर्स से बातचीत की. अपना दर्द बया करते उनकी आंखें भर आईं. खासतौर पर फल के ठेले लगाने वाले, जूता-चप्पल बेचने वाले, फोटो फ्रेम की दुकान वाले, पान ठेले लगाकर अपनी आजीविका चलाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उनका कहना है कि सभी लॉकडाउन के दौरान कर्ज में डूब गए हैं. अब समझ नहीं आ रहा कि परिवार का भरण पोषण करें या किराया चुकता करें. परिवार और बच्चों का पेट पालना मुश्किल हो गया है. कुछ छोटे व्यवसायियों ने यह भी कहा कि जब रोजगार ही नहीं होगा तो परिवार को क्या खिलाएंगे ?
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सरकार को करना चाहिए रोजगार का इंतजाम
स्ट्रीट वेंडर्स ने कहा कि इस भीषण आपदा में अमीरों का खर्चा तो चल जाता है. वह बैठकर सालों तक जीवन का निर्वहन कर सकते हैं, लेकिन गरीब व्यक्ति की कमर टूट जाती है. इस विषय में सरकारों को सोचना चाहिए. स्थानीय प्रशासन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता. अधिकारी बिना सोचे समझे लॉकडाउन का आदेश लागू कर देते हैं. गरीब आदमी का जीवन कैसे आगे बढ़ेगा इस विषय में कोई नहीं सोचता.
नाइट कर्फ्यू के साथ संडे को Total Lockdown
अनलॉक के आदेश जारी करने के साथ ही जिले में कुछ पाबंदियां भी लागू रहेंगी. रविवार के दिन अस्पताल, क्लीनिक, मेडिकल दुकान, पेट्रोल पंप और शासकीय उचित मूल्य की दुकानों सहित दूध फल सब्जी और अनुमति प्राप्त अन्य वस्तुओं की ही डिलीवरी होगी. जबकि अनलॉक के बाद सभी मैरिज और सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल के संचालन पर रोक लगाई गई है. स्कूल और कॉलेज के छात्रों की भी छुट्टी होगी. छात्रावासों में केवल परीक्षा देने वाले विद्यार्थी ही रह सकेंगे. सभी तरह के पर्यटन के साथ ही जुलूस, धरना प्रदर्शन, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे.
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शादी में 50 लोगों को अनुमति
अनलॉक के बाद वैवाहिक कार्यक्रम में अधिकतम 50 लोग शामिल हो सकेंगे. जबकि अंत्येष्टि और दशगात्र जैसे दुख के कार्यक्रम में 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी. सभी होटल और रेस्टोरेंट में भी केवल ऑनलाइन डिलीवरी और टेक अवे की सुविधा होगी. होटल और रेस्टोरेंट में बैठकर भोजन करने की सुविधा भी नहीं दी गई है. सभी सरकारी कार्यालय भी आम लोगों के लिए बंद रहेंगे. इसके अलावा अनुमति प्राप्त सभी प्रतिष्ठानों को कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है.