कोरबा: मोदी सरकार के मंत्री छत्तीसगढ़ में आकांक्षी जिलों की असलियत जानने जमीन पर उतरे हैं. इसी सिलसिले में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण के केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे कोरबा पहुंचे. उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास ही हमारी सरकार का मुख्य मकसद है. विचारधाराएं भले अलग हो सकती है लेकिन विकास की विचारधारा एक ही है. जब कोरबा हर इंडेक्स पर आगे बढ़ेगा तो भारत भी आगे बढ़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने ईटीवी भारत से भी खास बातचीत की.
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सवाल : आकांक्षी जिलों के लिए अधिसूचित इंडेक्स में केंद्र और राज्य के बीच टकराव की स्थिति निर्मित होती है?
जवाब : कहीं कोई टकराव की स्थिति नहीं है. जो हमसे टकराएगा वह चूर-चूर हो जाएगा.
सवाल : प्रदेश में जो कोल ब्लॉक का मामला है, वह लगातार सुर्खियों में है पहले इसे वन स्वीकृति नहीं दी गई थी, बाद में फिर अनुमति दी गई, हाथी रिजर्व का एरिया भी प्रभावित हो रहा है?
जवाब : देखिए, जो भी हमारे पर्यावरण और वन पर्यावरण का नियम है, नियमसंगत जो भी राज्य सरकार अनुशंसा करके भेजती है, हम लोग उस पर विचार करते हैं. एक्सपर्ट कमेटी बनी हुई है. जो पर्यावरण का परमिशन देती है या फॉरेस्ट का परमिशन देती है. कोई भी ऐसा गलत काम ना हो, कोई भी नियम विरुद्ध काम ना हो इस पर भी हमारी पैनी नजर बनी रहती है. इन सभी मापदंडों पर पूरी तरह से विचार करने के बाद जो भी उचित होता है, राज्य सरकार के रिकमंडेशन के आधार पर, उसे हम अनुमति देते हैं.
सवाल : प्रदूषण के मामले में कोई ठोस कार्ययोजना है आपके पास? कोरबा बुरी तरह से प्रदूषित शहर है.
जवाब : देश के जो सर्वाधिक 132 प्रदूषित शहर हैं, उसमें हमने कोरबा को भी शामिल किया है. उसके तहत बहुत सारे काम करेंगे. काफी तरह से विकास करने का काम हो रहा है. वित्त आयोग द्वारा कुछ करोड़ रुपए हमने केंद्र से जारी भी किए हैं. इस पर हमारा पूरा ध्यान है. इसको मैंने भी स्वयं अनुभव किया है कि प्रदूषण हमारे लिए बहुत बड़ा चैलेंज है. फिर चाहे वह कोरबा में फ्लाई ऐश का मामला हो या फिर अन्य. इसे हम कैसे दूर कर सकते हैं, इस पर विचार किया जाएगा. रायपुर और बिलासपुर में उच्चाधिकारियों की मीटिंग भी लूंगा.