ETV Bharat / state

Amit Shah korba visit: कोरबा पर टिकी केंद्र सरकार की नजरें, अमित शाह के दौरे का क्या है प्लान

छत्तीसगढ़ का कोरबा पिछले कुछ दिनों से केंद्र के लिए हॉट स्पॉट बना हुआ है. eyes of central government on korba चाहे केंद्रीय मंत्रियों का दौरा हो या केंद्रीय जांच एजेंसियों की छापेमारी की कार्रवाई या फिर कोल ब्लॉक का मुद्दा. इन सभी का केंद्र बिंदु ऊर्जाधानी यानी कोरबा ही रही है. अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) भी कोरबा आने वाले हैं. पिछली बार जब गिरिराज सिंह कोरबा आए थे तो प्रदेश के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफा दिया था.अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अमित शाह के दौरे के बाद एक बार फिर उथल पुथल होने की संभावना है. korba latest news

author img

By

Published : Jan 6, 2023, 6:09 PM IST

Updated : Jan 6, 2023, 8:16 PM IST

importance-of-amit-shah-visit
केंद्र सरकार की कोरबा पर नजर

कोरबा : ऊर्जाधानी में पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय मंत्रियों का दौरा हो रहा है. अक्टूबर 2021 में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी जिले के दौरे पर आए. अप्रैल 2022 में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, जुलाई में केंद्रीय पंचायत मंत्री और पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले गिरिराज सिंह ने ऊर्जाधानी का दौरा किया. अब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नंबर 2 की पोजीशन रखने वाले अमित शाह कोरबा आ रहे हैं. eyes of central government on korba गिरिराज जब कोरबा आकर गए थे तो उसी दिन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने विभाग से इस्तीफा दिया था. इसे इत्तेफाक कहा जाए या रणनीति. क्योंकि गिरिराज सिंह ने पंचायत के विकास कार्यों पर ही भूपेश सरकार को घेरा था. अब एक बार फिर Union Minister Amit Shah का कोरबा दौरा होने जा रहा है.

अक्टूबर 2022 में आए थे कोयला मंत्री : बीते 1 साल में केंद्र की नजर कोरबा जिले पर है. नियमित अंतराल पर मोदी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री लगातार कोरबा में दौरा करते रहे हैं. देशभर के बिजली संयंत्रों में चल रहे कोयला संकट के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का 21 अक्टूबर 2021 को कोरबा पहुंचे थे. इस दौरान कोयला मंत्री जोशी ने कोयले को लेकर एसईसीएल के अफसरों के साथ बैठक की. उसके बाद अकेले खदानों का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण तथ्य जुटाए. अब तक केंद्र सरकार जिस कोयला संकट की बात को नकार रही थी. अक्टूबर 2021 में पहली बार खुद केंद्रीय कोयला मंत्री ने कोरबा में ही कोयला संकट की बात को स्वीकारा किया था.


जलवायु मंत्री अश्विनी चौबे ने भी किया था दौरा : इसके बाद केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे 19 अप्रैल 2022 को कोरबा पहुंचे. उन्होंने स्थानीय प्रबुद्ध व्यक्तियों के साथ सबसे पहले चर्चा की. अश्विनी चौबे छत्तीसगढ़ में आकांक्षी जिलों की असलियत जानने जमीन पर उतरे थे. उन्होंने कोरबा में कहा था कि '' जब कोरबा हर इंडेक्स पर आगे बढ़ेगा तो भारत भी आगे बढ़ेगा.पर्यावरण प्रदूषण के मामले में कोरबा की स्थिति बेहद खराब है. मैं जब मॉर्निंग वॉक के लिए निकल रहा था तब यहां उड़ने वाली राख को देखकर अपना मन बदलना पड़ा.''



गिरिराज सिंह के दौरे के अंतिम दिन टीएस सिंहदेव ने दिया था इस्तीफा : केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 13 जुलाई 2022 को कोरबा दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने राज्य की बघेल सरकार को गौठानों को लेकर टारगेट किया था. साथ ही कहा कि "माल महाराज का और मिर्जा खेले होली." केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने इस दौरान राज्य शासन को जमकर कोसा था. खासतौर पर इस बात का प्रचार किया था कि कैसे छत्तीसगढ़ में लाखों गरीब अपने आवास से वंचित रह गए. उन्होंने कहा था कि" पीएम आवास के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार फेल है. राज्य की लापरवाही के कारण गरीबों को आवास से वंचित होना पड़ा." जिस दिन वह गए ठीक उसी दिन शाम को राज्य के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने पद से इस्तीफा दे दिया.


महंत ने कहा था पत्नी का काट रहे टिकट : अब जब अमित शाह कोरबा आ रहे हैं. तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत (Assembly Speaker Dr Charandas Mahant) का वह बयान भी याद किया जाना चाहिए. जब जुलाई 2022 में कोरबा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि "मध्य भारत के राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुल 65 लोकसभा सीटों में से उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत अकेली महिला सांसद हैं. बावजूद इसके लोग इनका टिकट काटने में लगे हुए हैं". इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. बात है भी सच है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर में अच्छे अच्छों के किले ढह गए थे. तब छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 2 कांग्रेस को मिली थी. चुनाव जीतने वालों में से एक थी कोरबा से ज्योत्सना महंत और दूसरे बस्तर से लोकसभा सांसद दीपक बैज.


कैसा है कोरबा लोकसभा का गणित : कोरबा लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ चरणदास महंत यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. लेकिन जब 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ तब दूसरे नंबर पर आने वाले डॉ बंशीलाल महतो को भाजपा ने फिर से रिपीट किया . इस बार उन्होंने डॉ चरणदास महंत को 4265 वोटों से हरा दिया. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर वाले दौर में भाजपा ने डॉ बंशीलाल महतो को टिकट न देकर अप्रत्याशित चेहरा ज्योतिनंद दुबे को मैदान में उतारा. जिनके प्रचार के लिए पीएम मोदी भी कोरबा आये थे. तब छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हो चुकी थी. 15 साल के बीजेपी शासन के बाद कांग्रेस सत्ता में काबिज हो चुकी थी. डॉ चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष बन चुके थे. इसलिए पार्टी ने उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत को लोकसभा का टिकट दिया. कोरबा लोकसभा में 8 विधानसभा की सीटें सम्मिलित हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योत्सना महंत ने 26 हजार वोटों से जीत दर्ज की और कोरबा लोकसभा से निर्वाचित हुई.


चुनावी राज्यों में उठापटक के लिए है पहचान : अमित शाह और इसके इर्द-गिर्द ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का थिंकटैंक काम करता है. अमित शाह को चुनावी राज्यों में उठापटक के लिए भी पहचाना जाता है. जब से अमित शाह के कोरबा आने की खबर सामने आई है. तभी से सभी आम और खास के जुबान पर एक चर्चा जो सबसे तेजी से फैल रही है, वो यह है कि कुछ बड़े चेहरे भाजपा में प्रवेश कर सकते हैं. इन चर्चाओं को तब और हवा मिलने लगी. जब कांग्रेस संगठन से समय-समय पर नाराजगी जाहिर करने वाले ढाई ढाई साल फॉर्मूले में सीएम पद के उम्मीदवार कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव ने यह कह दिया था, कि इस बार उनका चुनाव लड़ने का मन नहीं है. वह जनता से पूछ कर अंतिम निर्णय लेंगे. ऐसे में अमित शाह जब कोरबा आएंगे और यहां भाजपा पदाधिकारियों की बैठक लेंगे. तब किस तरह के मंत्र वह पदाधिकारियों को देंगे और क्या उठापटक होगा? यह सवाल सुलग रहे importance of amit shah visit हैं.

ये भी पढ़ें- कोरबा में अमित शाह का दौरा, जानिए कैसी है तैयारी

हारी हुई सीटों की सर्वे रिपोर्ट भी सौंपेंगे : मोदी लहर लोकसभा 2019 के चुनाव में अपने चरम पर थी. ऐसे में भाजपा जिन 144 सीटों को हार चुकी है.
उन पर भी शीर्ष संगठन की पैनी नजर है. कोरबा लोकसभा सीट की भी एक गोपनीय सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है. सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट भी अमित शाह को सौंपी जाएगी. जिसे भाजपा के भरोसेमंद नेताओं ने तैयार किया है. अमित शाह इन्हीं कुछ खास नेताओं से बातचीत करेंगे, प्रदेश में भाजपा संगठन को लेकर भी वह कोई अहम निर्णय ले सकते हैं.

कोरबा : ऊर्जाधानी में पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय मंत्रियों का दौरा हो रहा है. अक्टूबर 2021 में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी जिले के दौरे पर आए. अप्रैल 2022 में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, जुलाई में केंद्रीय पंचायत मंत्री और पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले गिरिराज सिंह ने ऊर्जाधानी का दौरा किया. अब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नंबर 2 की पोजीशन रखने वाले अमित शाह कोरबा आ रहे हैं. eyes of central government on korba गिरिराज जब कोरबा आकर गए थे तो उसी दिन पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने विभाग से इस्तीफा दिया था. इसे इत्तेफाक कहा जाए या रणनीति. क्योंकि गिरिराज सिंह ने पंचायत के विकास कार्यों पर ही भूपेश सरकार को घेरा था. अब एक बार फिर Union Minister Amit Shah का कोरबा दौरा होने जा रहा है.

अक्टूबर 2022 में आए थे कोयला मंत्री : बीते 1 साल में केंद्र की नजर कोरबा जिले पर है. नियमित अंतराल पर मोदी कैबिनेट के कद्दावर मंत्री लगातार कोरबा में दौरा करते रहे हैं. देशभर के बिजली संयंत्रों में चल रहे कोयला संकट के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का 21 अक्टूबर 2021 को कोरबा पहुंचे थे. इस दौरान कोयला मंत्री जोशी ने कोयले को लेकर एसईसीएल के अफसरों के साथ बैठक की. उसके बाद अकेले खदानों का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण तथ्य जुटाए. अब तक केंद्र सरकार जिस कोयला संकट की बात को नकार रही थी. अक्टूबर 2021 में पहली बार खुद केंद्रीय कोयला मंत्री ने कोरबा में ही कोयला संकट की बात को स्वीकारा किया था.


जलवायु मंत्री अश्विनी चौबे ने भी किया था दौरा : इसके बाद केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे 19 अप्रैल 2022 को कोरबा पहुंचे. उन्होंने स्थानीय प्रबुद्ध व्यक्तियों के साथ सबसे पहले चर्चा की. अश्विनी चौबे छत्तीसगढ़ में आकांक्षी जिलों की असलियत जानने जमीन पर उतरे थे. उन्होंने कोरबा में कहा था कि '' जब कोरबा हर इंडेक्स पर आगे बढ़ेगा तो भारत भी आगे बढ़ेगा.पर्यावरण प्रदूषण के मामले में कोरबा की स्थिति बेहद खराब है. मैं जब मॉर्निंग वॉक के लिए निकल रहा था तब यहां उड़ने वाली राख को देखकर अपना मन बदलना पड़ा.''



गिरिराज सिंह के दौरे के अंतिम दिन टीएस सिंहदेव ने दिया था इस्तीफा : केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह 13 जुलाई 2022 को कोरबा दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने राज्य की बघेल सरकार को गौठानों को लेकर टारगेट किया था. साथ ही कहा कि "माल महाराज का और मिर्जा खेले होली." केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने इस दौरान राज्य शासन को जमकर कोसा था. खासतौर पर इस बात का प्रचार किया था कि कैसे छत्तीसगढ़ में लाखों गरीब अपने आवास से वंचित रह गए. उन्होंने कहा था कि" पीएम आवास के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार फेल है. राज्य की लापरवाही के कारण गरीबों को आवास से वंचित होना पड़ा." जिस दिन वह गए ठीक उसी दिन शाम को राज्य के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने पद से इस्तीफा दे दिया.


महंत ने कहा था पत्नी का काट रहे टिकट : अब जब अमित शाह कोरबा आ रहे हैं. तब विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत (Assembly Speaker Dr Charandas Mahant) का वह बयान भी याद किया जाना चाहिए. जब जुलाई 2022 में कोरबा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि "मध्य भारत के राज्य छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुल 65 लोकसभा सीटों में से उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत अकेली महिला सांसद हैं. बावजूद इसके लोग इनका टिकट काटने में लगे हुए हैं". इस बयान ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. बात है भी सच है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर में अच्छे अच्छों के किले ढह गए थे. तब छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 2 कांग्रेस को मिली थी. चुनाव जीतने वालों में से एक थी कोरबा से ज्योत्सना महंत और दूसरे बस्तर से लोकसभा सांसद दीपक बैज.


कैसा है कोरबा लोकसभा का गणित : कोरबा लोकसभा के अस्तित्व में आने के बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में डॉ चरणदास महंत यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. लेकिन जब 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ तब दूसरे नंबर पर आने वाले डॉ बंशीलाल महतो को भाजपा ने फिर से रिपीट किया . इस बार उन्होंने डॉ चरणदास महंत को 4265 वोटों से हरा दिया. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर वाले दौर में भाजपा ने डॉ बंशीलाल महतो को टिकट न देकर अप्रत्याशित चेहरा ज्योतिनंद दुबे को मैदान में उतारा. जिनके प्रचार के लिए पीएम मोदी भी कोरबा आये थे. तब छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हो चुकी थी. 15 साल के बीजेपी शासन के बाद कांग्रेस सत्ता में काबिज हो चुकी थी. डॉ चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष बन चुके थे. इसलिए पार्टी ने उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत को लोकसभा का टिकट दिया. कोरबा लोकसभा में 8 विधानसभा की सीटें सम्मिलित हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योत्सना महंत ने 26 हजार वोटों से जीत दर्ज की और कोरबा लोकसभा से निर्वाचित हुई.


चुनावी राज्यों में उठापटक के लिए है पहचान : अमित शाह और इसके इर्द-गिर्द ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का थिंकटैंक काम करता है. अमित शाह को चुनावी राज्यों में उठापटक के लिए भी पहचाना जाता है. जब से अमित शाह के कोरबा आने की खबर सामने आई है. तभी से सभी आम और खास के जुबान पर एक चर्चा जो सबसे तेजी से फैल रही है, वो यह है कि कुछ बड़े चेहरे भाजपा में प्रवेश कर सकते हैं. इन चर्चाओं को तब और हवा मिलने लगी. जब कांग्रेस संगठन से समय-समय पर नाराजगी जाहिर करने वाले ढाई ढाई साल फॉर्मूले में सीएम पद के उम्मीदवार कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव ने यह कह दिया था, कि इस बार उनका चुनाव लड़ने का मन नहीं है. वह जनता से पूछ कर अंतिम निर्णय लेंगे. ऐसे में अमित शाह जब कोरबा आएंगे और यहां भाजपा पदाधिकारियों की बैठक लेंगे. तब किस तरह के मंत्र वह पदाधिकारियों को देंगे और क्या उठापटक होगा? यह सवाल सुलग रहे importance of amit shah visit हैं.

ये भी पढ़ें- कोरबा में अमित शाह का दौरा, जानिए कैसी है तैयारी

हारी हुई सीटों की सर्वे रिपोर्ट भी सौंपेंगे : मोदी लहर लोकसभा 2019 के चुनाव में अपने चरम पर थी. ऐसे में भाजपा जिन 144 सीटों को हार चुकी है.
उन पर भी शीर्ष संगठन की पैनी नजर है. कोरबा लोकसभा सीट की भी एक गोपनीय सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है. सूत्रों की मानें तो यह रिपोर्ट भी अमित शाह को सौंपी जाएगी. जिसे भाजपा के भरोसेमंद नेताओं ने तैयार किया है. अमित शाह इन्हीं कुछ खास नेताओं से बातचीत करेंगे, प्रदेश में भाजपा संगठन को लेकर भी वह कोई अहम निर्णय ले सकते हैं.

Last Updated : Jan 6, 2023, 8:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.