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कोरिया: कोयला मजदूर संघ का कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन

कोरिया में कोयला खदान मजदूर संघ ने कमर्शियल माइनिंग के विरोध में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है. साथ ही प्रधानमंत्री के नाम 9 सूत्रीय मांग को लेकर बैकुंठपुर क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है.

Protest against commercial mining
कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
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Published : Jun 11, 2020, 2:30 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 7:45 PM IST

कोरिया : बैकुंठपुर क्षेत्र में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ ने कामर्शियल माइनिंग के विरोध में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था, जिसका बुधवार को पहला दिन था. साथ ही संघ ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर बैकुंठपुर क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है.

कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

एसईसीएल कर्मचारी संगठन ने कॉमर्शियल माइनिंग, खदानों की नीलामी, सीआईएल से सीएमपीडीआई को अलग करने का प्रस्ताव, श्रमिकों के मौलिक अधिकारों में कटौती कर निययोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर श्रम कानून में किए गए संसोधन आदि फैसले के खिलाफ दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.

पढ़ें:-लिपिकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 50 लाख का बीमा कराने की मांग

संगठन की ये हैं मांगे

संगठन ने ज्ञापन में कोल इंडिया लिमिटेड और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया को रोकने. कामर्शियल माइनिंग, निजी एजेंसियों को कोल ब्लाकों की नीलामी बंद कराने, श्रमिकों के अधिकारों की कटौती करने वाले श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने जैसी मांगे शामिल हैं. इस विरोध प्रदर्शन में एचएमएस, सीटू, एटक के पदाधिकारी, श्रमिक नेता और कार्यकर्ता शामिल है.

पढ़ें:- कोरबा : कमर्शियल माइनिंग के विरोध में मजदूर संघ के अधिकारी ने अकेले दिया धरना

बता दें देशभर के विभिन्न कोल खदानों पर निजीकरण का रास्ता केंद्र सरकार ने खोल दिया है. साथ ही शत-प्रतिशत FDI के अलावा कॉमर्शियल माइनिंग को भी हरी झंडी दे दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले से मजदूर संगठन नाखुश हैं और लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. बुधवार को एसईसीएल कोरबा एरिया स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के सामने बीएमएस के आंदोलन को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनुमति नहीं दी गई, जिसे देखते हुए संघ के एकमात्र पदाधिकारी मिथिलेश दुबे ने अकेले ही कमर्शियल माइनिंग के विरोध में झंडा उठाया और धरने में शामिल हुए.

कोरिया : बैकुंठपुर क्षेत्र में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ ने कामर्शियल माइनिंग के विरोध में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था, जिसका बुधवार को पहला दिन था. साथ ही संघ ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर बैकुंठपुर क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है.

कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

एसईसीएल कर्मचारी संगठन ने कॉमर्शियल माइनिंग, खदानों की नीलामी, सीआईएल से सीएमपीडीआई को अलग करने का प्रस्ताव, श्रमिकों के मौलिक अधिकारों में कटौती कर निययोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर श्रम कानून में किए गए संसोधन आदि फैसले के खिलाफ दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.

पढ़ें:-लिपिकों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 50 लाख का बीमा कराने की मांग

संगठन की ये हैं मांगे

संगठन ने ज्ञापन में कोल इंडिया लिमिटेड और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया को रोकने. कामर्शियल माइनिंग, निजी एजेंसियों को कोल ब्लाकों की नीलामी बंद कराने, श्रमिकों के अधिकारों की कटौती करने वाले श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने जैसी मांगे शामिल हैं. इस विरोध प्रदर्शन में एचएमएस, सीटू, एटक के पदाधिकारी, श्रमिक नेता और कार्यकर्ता शामिल है.

पढ़ें:- कोरबा : कमर्शियल माइनिंग के विरोध में मजदूर संघ के अधिकारी ने अकेले दिया धरना

बता दें देशभर के विभिन्न कोल खदानों पर निजीकरण का रास्ता केंद्र सरकार ने खोल दिया है. साथ ही शत-प्रतिशत FDI के अलावा कॉमर्शियल माइनिंग को भी हरी झंडी दे दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले से मजदूर संगठन नाखुश हैं और लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. बुधवार को एसईसीएल कोरबा एरिया स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के सामने बीएमएस के आंदोलन को कोरोना वायरस के मद्देनजर अनुमति नहीं दी गई, जिसे देखते हुए संघ के एकमात्र पदाधिकारी मिथिलेश दुबे ने अकेले ही कमर्शियल माइनिंग के विरोध में झंडा उठाया और धरने में शामिल हुए.

Last Updated : Jun 11, 2020, 7:45 PM IST
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