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छठ महापर्व पर लगा श्रद्धालुओं का तांता, ट्रैफिक व्यवस्था फेल - खरना का अनुष्ठान किया गया

जिले में छठ महापर्व पर श्रद्धालुओं की आस्था देखी गई. साथ ही शहर के तालाबों और घाटों पर भीड़ नजर आई. भीड़ की वजह से शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था फेल साबित हुई.

छठ महापर्व पर लगा श्रद्धालुओं का तांता
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Published : Nov 2, 2019, 10:31 PM IST

कोरबा: सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले में भी श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था के साथ शनिवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाली व्रतियों ने कहा कि, छठी मां हर मनोकामना पूरी करती हैं.

शहर के ढेंगुरनाला पुल सहित दर्री डैम, जमनीपाली, बांकीमोंगरा, बाल्को नगर, गेवरा, दीपका, कुसमुंडा सहित शहर के शिव मंदिर, शहीद भगत सिंह कॉलोनी स्थित तालाब, मानिकपुर पोखरी, सर्वमंगला मंदिर और HTPP कॉलोनी आदि स्थानों पर छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इस दौरान पूर्वांचल के निवासी सपरिवार छठ घाटों पर मौजूद रहे.

खरना का होता है विशेष महत्त्व
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पहले शुक्रवार को खरना का अनुष्ठान किया गया था. जिसके विषय में मान्यता है कि, सूर्य देवता को यह पकवान बेहद पसंद है, गेहूं से बने ठेकुआ, टीकरी और फल भी सूर्य देवता को प्रिय होता है, इसलिए उनको नए फल चढ़ाए जाते हैं. लेकिन इन सबमें खरना का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण होता है.

पढे़: कोरिया: छठ घाट पर दिखी कड़ी सुरक्षा, तैनात रहे पुलिस बल और गोताखोर

पार्किंग ने लोगों को रुलाया
कोरबा को मिनी भारत के नाम से भी जाना जाता है. यहां पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. छठ घाटों पर होने वाली भीड़ के विषय में सभी को जानकारी रहती है. इसके बावजूद भी प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया था. जिसके कारण पार्किंग और ट्रैफिक से लोग काफी परेशान हुए. भीड़ अधिक होने से जिले में अव्यवस्था का माहौल रहा.

कोरबा: सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. जिले में भी श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था के साथ शनिवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाली व्रतियों ने कहा कि, छठी मां हर मनोकामना पूरी करती हैं.

शहर के ढेंगुरनाला पुल सहित दर्री डैम, जमनीपाली, बांकीमोंगरा, बाल्को नगर, गेवरा, दीपका, कुसमुंडा सहित शहर के शिव मंदिर, शहीद भगत सिंह कॉलोनी स्थित तालाब, मानिकपुर पोखरी, सर्वमंगला मंदिर और HTPP कॉलोनी आदि स्थानों पर छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इस दौरान पूर्वांचल के निवासी सपरिवार छठ घाटों पर मौजूद रहे.

खरना का होता है विशेष महत्त्व
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पहले शुक्रवार को खरना का अनुष्ठान किया गया था. जिसके विषय में मान्यता है कि, सूर्य देवता को यह पकवान बेहद पसंद है, गेहूं से बने ठेकुआ, टीकरी और फल भी सूर्य देवता को प्रिय होता है, इसलिए उनको नए फल चढ़ाए जाते हैं. लेकिन इन सबमें खरना का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण होता है.

पढे़: कोरिया: छठ घाट पर दिखी कड़ी सुरक्षा, तैनात रहे पुलिस बल और गोताखोर

पार्किंग ने लोगों को रुलाया
कोरबा को मिनी भारत के नाम से भी जाना जाता है. यहां पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. छठ घाटों पर होने वाली भीड़ के विषय में सभी को जानकारी रहती है. इसके बावजूद भी प्रशासन ने भीड़ को संभालने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया था. जिसके कारण पार्किंग और ट्रैफिक से लोग काफी परेशान हुए. भीड़ अधिक होने से जिले में अव्यवस्था का माहौल रहा.

Intro:कोरबा। सूर्योपासना का पर्व छठ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है जिले में भी श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था से शनिवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाली व्रतियों ने कहा कि छठी मां हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। और इसलिए ही उनके प्रति हमारी आस्था है। निर्जला व्रत होने के बावजूद एक पल भी ऐसा नहीं होता जो कष्टदायक लगे। भूख प्यास तक नहीं लगती, यह सब छठी मैया की कृपा है।




Body:शहर के ढेंगुरनाला पुल सहित दर्री डेम जमनीपाली, बांकीमोंगरा, बाल्को नगर, गेवरा, दीपका, कुसमुंडा सहित शहर के शिव मंदिर, शहीद भगत सिंह कॉलोनी स्थित तालाब, मानिकपुर पोखरी, सर्वमंगला मंदिर व एचटीपीपी कॉलोनी आदि स्थानों पर छठ घाट में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस दौरान पूर्वांचल के निवासी सपरिवार छठ घाटों पर मौजूद थे। बीच-बीच में जिले के वीआईपी भी श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे।

खरना का होता है विशेष महत्त्व
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पहले शुक्रवार को खरना का अनुष्ठान किया गया था। जिसके विषय में मान्यता है कि सूर्य सूर्य देवता को यह पकवान बेहद पसंद है, गेहूं से बने ठेकुआ, ठीकरी और फल भी सूर्य देवता को प्रिय होते हैं। इसलिए नए फल चढ़ाए जाते हैं लेकिन इन सबमें खरना का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण होता है


Conclusion:पार्किंग ने रुलाया
कोरबा को मिनी भारत के नाम से भी जाना जाता है। यहां पूर्वांचल के लोग काफी तादात में निवास करते हैं। छठ घाटों पर होने वाली भीड़ के विषय में सभी को जानकारी रहती है। इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा भीड़ को संभालने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। जिसके कारण पार्किंग व ट्रैफिक से लोग काफी परेशान हुए भीड़ अधिक होने से जिले में अव्यवस्था भरा माहौल रहा।

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