कोरबा : कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली बच्चे हुए हैं. खासतौर पर प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चे पढ़ाई से पूरी तरह से कट गए हैं. हालांकि शिक्षा विभाग ने मोहल्ला क्लास (mohalla class) और ऑनलाइन क्लास (online class) से कुछ भरपाई करने की कोशिश जरूर की, लेकिन यह कोशिश पूरी तरह साकार नहीं हो पाई. ऑनलाइन क्लासेस की क्या स्थिति है, यह बताने की जरूरत नहीं है. शिक्षा विभाग भी इस नुकसान को समझ रहा है. इस कोरोना काल में कितना नुकसान हुआ और बच्चों में शिक्षा का वर्तमान स्तर क्या है, उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास कितना रुका है? यह पता लगाने की कवायद की जा रही है. 10 सितंबर तक स्कूल शिक्षा विभाग बेसलाइन सर्वेक्षण (baseline survey) करेगा, जिसमें कोरोना काल में हुए शिक्षा के नुकसान का पता लगाया जाएगा.
बेसलाइन सर्वे में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है. इसमें हिंदी, गणित और अंग्रेजी विषय से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया जाएगा. इन्हीं विषयों के ज्ञान के आधार पर बच्चों की परीक्षा होगी. इस दौरान मौखिक प्रश्न भी किए जाएंगे, इसके अलावा शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों की शिक्षक जांच करेंगे. कोरोना काल में करीब 1 साल तक पढ़ाई पूरी तरह से बंद रही. अब सत्र 2021-22 प्रारंभ हो चुका है. जनरल प्रमोशन के बाद बच्चे आगे की कक्षाओं में पहुंच चुके हैं. धीरे-धीरे प्राइमरी और मिडिल स्तर की कक्षाएं भी राज्य सरकार ने शुरू करने का निर्णय लिया है.
बच्चे स्पेलिंग तक भूले
करीब 1 साल तक शिक्षा से कटे रहने के बाद भी बच्चों को जनरल प्रमोशन मिल गया है. हालांकि शिक्षा विभाग ने कई तरह की योजनाएं चलाकर उन्हें शिक्षा से जोड़े रहने का प्रयास जरूर किया है. जनरल प्रमोशन के बाद स्कूल पहुंचे बच्चे गणित के विषय में जोड़-घटाव के भी प्रश्न हल नहीं कर पा रहे हैं. वहीं हिंदी और अंग्रेजी विषय को ठीक तरह से लिखने में भी उन्हें परेशानी हो रही है. बच्चों में शिक्षा का वर्तमान स्तर जांचने के लिए ही बेसलाइन सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसे 10 सितंबर तक शिक्षा विभाग पूरा कर लेगा.
बच्चों को दिया जाएगा ग्रेड
प्राथमिक से मिडिल स्कूल के बच्चों को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है. इन बच्चों की परीक्षाएं ली जाएंगी. आकलन के बाद परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बच्चों को ए, ए प्लस, बी, बी प्लस, सी, सी प्लस, डी व ई ग्रेड प्रदान किये जाएंगे. छात्र अगर बेसलाइन के लिए निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं तो वह वर्तमान में जिस जिस कक्षा में अध्ययनरत हैं, उन्हें उस स्तर का नहीं माना जाएगा.