कोरबा: केंद्र सरकार ने प्रदेश के जिलों में 3 मेडिकल कॉलेज की स्थापना को हरी झंडी दे दी है, जिसमें कोरबा भी शामिल है. ऊर्जाधानी को इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल सकती है.
DME (डायरेक्टोरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन) के निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए शहर के पास झगरहा स्थित आईटी कोरबा और इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन को अस्थायी तौर पर चिन्हित कर लिया गया है. जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए 25 एकड़ जमीन भी हस्तांतरित की जा चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से आदेश जारी किए जाने के पहले ही जिला प्रशासन ने कोरबा में मेडिकल कॉलेज के संचालन की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
लोगों को होगा फायदा
जिले में आईटी कोरबा और इंजीनियरिंग कॉलेज में साल दर साल छात्रों की संख्या घट रही है. इस करण स्थानीय प्रशासन की ओर से इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालन किसी और भवन में किए जाने का फैसला लिया गया है, जबकि मेडिकल कॉलेज के लिए आईटी कोरबा की बिल्डिंग को चुना गया है. डीएमई के अफसरों के साथ ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने आईटी कोरबा और इंजीनियरिंग कॉलेज का निरीक्षण किया था. यहां 50 एकड़ जमीन उपलब्ध थी. सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम मौजूद हैं. जिले में मेडिकल कॉलेज खुलते ही इसके जरिए कोरबा के साथ ही पड़ोसी जिले जांजगीर-चांपा को भी इसका फायदा मिलेगा.
केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान
शहर की 16 लाख की आबादी इस मेडिकल कॉलेज से लाभान्वित होगी. जानकारी के मुताबिक इस मेडिकल कॉलेज की लागत 325 करोड़ बताई जा रही है, जिसमें राज्य का 40 फीसदी अंशदान मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए प्रस्तावित है. कुल राशि में से 195 करोड़ केंद्र सरकार का अंशदान होगा, जबकि 130 करोड़ रुपए का अंशदान राज्य शासन को देना होगा. मेडिकल कॉलेज के लिए जहां 60 फीसदी बजट केंद्र से मिलेंगे, वहीं 40 फीसदी अंशदान का राज्य शासन को वहन करना होगा. कोरबा जिला डीएमएफ ही इस बजट की पूर्ति करने के लिए सक्षम है, इसलिए बजट की भी कोई परेशानी कोरबा में नहीं है.