ETV Bharat / state

कोरबा में गांववालों के लिए नजीर बनी 82 साल की मंगलासो बाई, प्रेरणा लेकर 332 लोगों ने लगवाया टीका

कोरबा में 82 साल की मंगलासो बाई से प्रेरणा लेकर गांव के 3 सौ से ज्यादा लोगों ने कोरोना टीका लगवाया है. पहले गांव के लोग टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे लेकिन मंगलासो बाई के टीका लगाने के बाद पहले की ही तरह स्वस्थ रहने के बाद गांव वाले जागरूक हुए और कोरोना का टीका लगवाया.

Taking inspiration from 82-year-old Mangalaso Bai in Korba villagers got Corona vaccine
मंगलासो बाई
author img

By

Published : May 19, 2021, 12:29 PM IST

Updated : May 19, 2021, 12:38 PM IST

कोरबा: जिले के करतला विकासखंड के औराई गांव की 82 वर्षीय बुजुर्ग मंगलासो बाई पूरे गांव के लिए नजीर बन गई हैं. कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक तरफ जहां भ्रांतियां फैली हुई हैं. वहीं 82 साल की मंगलासो ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाकर मिसाल कायम कर दी है. मंगलासो से प्रेरित होकर गांव के ऐसे लोग जो वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे, उन्होंने भी अब वैक्सीन लगवा ली है.

Taking inspiration from 82-year-old Mangalaso Bai in Korba villagers got Corona vaccine
मंगलासो बाई

मंगलासो बाई से प्रेरणा लेकर 332 लोगों ने लगवाया कोरोना टीका
मंगलासो बाई की प्रेरणा से गांव के 332 लोगों ने अब तक कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा लिया है. 45 वर्ष से अधिक उम्र के 273 और 18 साल से अधिक उम्र के 59 लोगों ने इस गांव में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बचाव कवच पहन लिया है.

देश की आजादी से पहले 1939 में जन्मी मंगलासो बाई करतला विकासखंड में धुर आदिवासी क्षेत्र की निवासी है. मंगलासो बाई अपने घर में अकेले ही रहती है और इस उम्र में भी पूरी सक्रियता के साथ दैनिक दिनचर्या के अपने सभी काम वह खुद ही करती हैं. उनके पास प्राथमिकता परिवार का राशनकार्ड है, जिस पर उन्हें हर महीने 10 किलो चावल मिलता है.

मार्च में लगवाया था पहला कोरोना टीका

मंगलासो बाई बताती हैं कि मार्च के महीने में जब कोरोना का टीका लगाने का काम गांव में शुरू हुआ तो लोग टीके के बारे में फैली भ्रांतियों से डर कर टीका लगवाने से कतराते थे. इन अफवाहों को दर किनार करते हुए मंगलासों बाई ने 13 मार्च को पहला कोरोना का टीका लगवाया. टीका लगाने के बाद थोड़ा बदन दर्द और सिर दर्द हुआ लेकिन दूसरे ही दिन शरीर दर्द ठीक हो गया. गांव वालों ने उन्हें पहले की तरह ही काम करते देखा. टीका लगने के बाद भी बुजुर्ग मंगलासो बाई के पहले की तरह ही काम करने, तबीयत ठीक रहने से लोगों में कोरोना वेक्सीन को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों पर विराम लग गया. 11 मई को उन्होंने कोरोना टीके का दूसरा डोज लगवाया. अब भी वे पूरी तरह स्वस्थ है.

गांव-गांव ईटीवी भारत: बेमेतरा के मारो गांव में अब तक शुरू नहीं हो पाया कोविड अस्पताल

गांवों वालों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए किया जागरूक

मंगलासो बाई ने लोगों को टीका लगाने को लेकर खूब समझाया. मंगलासो बाई के साथ मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी लोगों को कोरोना महामारी के बारे में बताया. कोरोना की भयावहता, बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में पूरी जानकारी ग्रामीणों को दी. मंगलासो बाई की प्रेरणा से इस गांव के 332 लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया है.

कोरोना संक्रमण इस क्षेत्र में ज्यादा नहीं है. फिर भी जिला प्रशासन ने बचाव के लिए यहां टीकाकरण अभियान चलाया है. 18 साल से अधिक 44 साल तक के अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल और फ्रंट लाईन वर्करों से लेकर 45 साल से अधिक के लोगों को तेजी से कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है.

कोरबा: जिले के करतला विकासखंड के औराई गांव की 82 वर्षीय बुजुर्ग मंगलासो बाई पूरे गांव के लिए नजीर बन गई हैं. कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एक तरफ जहां भ्रांतियां फैली हुई हैं. वहीं 82 साल की मंगलासो ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाकर मिसाल कायम कर दी है. मंगलासो से प्रेरित होकर गांव के ऐसे लोग जो वैक्सीन लगवाने से डर रहे थे, उन्होंने भी अब वैक्सीन लगवा ली है.

Taking inspiration from 82-year-old Mangalaso Bai in Korba villagers got Corona vaccine
मंगलासो बाई

मंगलासो बाई से प्रेरणा लेकर 332 लोगों ने लगवाया कोरोना टीका
मंगलासो बाई की प्रेरणा से गांव के 332 लोगों ने अब तक कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा लिया है. 45 वर्ष से अधिक उम्र के 273 और 18 साल से अधिक उम्र के 59 लोगों ने इस गांव में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बचाव कवच पहन लिया है.

देश की आजादी से पहले 1939 में जन्मी मंगलासो बाई करतला विकासखंड में धुर आदिवासी क्षेत्र की निवासी है. मंगलासो बाई अपने घर में अकेले ही रहती है और इस उम्र में भी पूरी सक्रियता के साथ दैनिक दिनचर्या के अपने सभी काम वह खुद ही करती हैं. उनके पास प्राथमिकता परिवार का राशनकार्ड है, जिस पर उन्हें हर महीने 10 किलो चावल मिलता है.

मार्च में लगवाया था पहला कोरोना टीका

मंगलासो बाई बताती हैं कि मार्च के महीने में जब कोरोना का टीका लगाने का काम गांव में शुरू हुआ तो लोग टीके के बारे में फैली भ्रांतियों से डर कर टीका लगवाने से कतराते थे. इन अफवाहों को दर किनार करते हुए मंगलासों बाई ने 13 मार्च को पहला कोरोना का टीका लगवाया. टीका लगाने के बाद थोड़ा बदन दर्द और सिर दर्द हुआ लेकिन दूसरे ही दिन शरीर दर्द ठीक हो गया. गांव वालों ने उन्हें पहले की तरह ही काम करते देखा. टीका लगने के बाद भी बुजुर्ग मंगलासो बाई के पहले की तरह ही काम करने, तबीयत ठीक रहने से लोगों में कोरोना वेक्सीन को लेकर फैले भ्रम और अफवाहों पर विराम लग गया. 11 मई को उन्होंने कोरोना टीके का दूसरा डोज लगवाया. अब भी वे पूरी तरह स्वस्थ है.

गांव-गांव ईटीवी भारत: बेमेतरा के मारो गांव में अब तक शुरू नहीं हो पाया कोविड अस्पताल

गांवों वालों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए किया जागरूक

मंगलासो बाई ने लोगों को टीका लगाने को लेकर खूब समझाया. मंगलासो बाई के साथ मितानीन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी लोगों को कोरोना महामारी के बारे में बताया. कोरोना की भयावहता, बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में पूरी जानकारी ग्रामीणों को दी. मंगलासो बाई की प्रेरणा से इस गांव के 332 लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया है.

कोरोना संक्रमण इस क्षेत्र में ज्यादा नहीं है. फिर भी जिला प्रशासन ने बचाव के लिए यहां टीकाकरण अभियान चलाया है. 18 साल से अधिक 44 साल तक के अंत्योदय, बीपीएल, एपीएल और फ्रंट लाईन वर्करों से लेकर 45 साल से अधिक के लोगों को तेजी से कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है.

Last Updated : May 19, 2021, 12:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.