कोरबा: निजी स्कूल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी के ढीले रवैये से पालक संघ बेहद खफा हैं. पालक संघ का साफतौर पर आरोप है कि धरना-प्रदर्शन के बाद डीईओ ने निजी स्कूलों को आदेश जारी कर कहा था कि किसी भी छात्र को ऑनलाइन क्लास से वंचित ना किया जाए. अगर ऐसा किया जाता है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अब जब छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है, तब डीईओ ने अपने ही आदेश से यू-टर्न लेते हुए साफ तौर पर मामले से पल्ला झाड़ लिया है.
पालकों का कहना है कि अब डीईओ का कहना है कि वे सिर्फ निजी स्कूलों से आग्रह कर सकते हैं, कार्रवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. पालक संघ ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है. वे न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी भी कर रहे हैं.
पालकों में आक्रोश
डीईओ के बयान से पालकों में भारी आक्रोश है. हाल ही में पालक संघ के दबाव में आकर ऑनलाइन शिक्षा से सभी स्कूली छात्रों को जोड़ने का आदेश तो शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया, लेकिन उस पर अब तक अमल नहीं कराया जा सका है. पालक संघ के सदस्यों ने जब इस संबंध में डीईओ से शिकायत की, तो उन्होंने कहा कि मैं किसी भी निजी स्कूल प्रबंधन पर दबाव नहीं डाल सकता. जिला शिक्षा अधिकारी के ऐसे बयान से जिले के हजारों पालकों में नाराजगी है.
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अभिभावक लेंगे न्यायालय की शरण
पालकों का कहना है कि कोरोना काल में सारे स्कूल बंद हैं, ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित हैं, तो एक निश्चित अनुपात में ही फीस भी ली जाए. उन्होंने कहा कि लेकिन स्कूल प्रबंधन पूरी फीस लेने पर आमादा है. इस समस्या के समाधान के लिए वह लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. शिक्षा विभाग का रवैया भी इस दिशा में संतोषजनक नहीं है. ऐसी परिस्थिति में वे न्यायालय जाएंगे, जिसकी तैयारी की जा रही है.