जिस गांव में किसान धान की खेती करने से डरते हैं, वहां नई तकनीक और आधुनिक पद्धति से धान की खेती कर अंजनी ने प्रदेश में एक नई मिसाल कायम की है. कोरबा जिले के दादरखुर्द की महिला किसान अंजनी राठिया समेत 50 किसानों को आधुनिक पद्धति से धान की खेती के लिए बताया गया था. गांव की जमीन रेतीली होने के कारण किसानों ने नई तकनीक को अपनाने से मना कर दिया.
अफसरों के समझाने पर तैयार हुईं अंजनी
किसानों का कहना था कि रेतीली जमीन पर पुराने तकनीक से खेती करना ही बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में नई तकनीक अपनाना उनके लिए मुनासिब नहीं होगा. जिसके बाद अधिकारियों के काफी समझाने के बाद अंजनी राठिया इस नई
अफसरों ने लगातार दिए निर्देश
अंजनी को खेती के दौरान कृषि विभाग से काफी मदद मिलती रही. कृषि विभाग के अधिकारी हर दिन खेतों में जाकर अंजनी को खेती के बारे में नई-नई जानकारियां देते थे. इस पूरे पद्धति को SRI यानी सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन कहा जाता है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि SRI विधि को छत्तीसगढ़ में लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कहीं भी समतल जमीन नहीं है.
पुरस्कार के लिए करेंगे प्रस्तावित
इस विधि से खेती करने के लिए हर 15-20 दिन में खेत को इतना सुखाना पड़ता है कि जमीन में दरार आ जाए. लेकिन कहते हैं 'जहां चाह है वहां राह है' अंजनी और कृषि विभाग के अधिकारियों ने इसे साबित कर दिखाया. अब अंजनी को इस बड़ी उपलब्धि के लिए कृषि विभाग के अधिकारी प्रधानमंत्री कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने पर विचार कर रहे हैं.