कोरबा: इंडस्ट्रियल एरिया होने के चलते शहर में आए दिन जाम के हालात बन जाते हैं. आम लोग तो इस जाम के हालात से हर दिन दो चार होते हैं लेकिन, जब जिले से एसपी ही जाम में फंस जाएं तो फिर क्या कहना. शुक्रवार की रात एसपी जितेंद्र शुक्ला परसाभाठा से गुजर रहे थे तभी उनका वाहन जाम में फंस गया. जाम इतना लंबा था कि एसपी खुद 30 से 40 मिनट तक गाड़ी में बैठे रहे और जब जाम में फंसे एसपी साहब को गुस्सा आया तो उन्होने तुरंत मौके पर बालको टीआई लक्ष्मण खूंटे को बुलाया और उनकी जमकर क्लास लगाई. जिसके बाद टीआई साहब डंडा लेकर खुद जाम खुलवाने के लिए गाड़ियों के काफिले के बीच घुस गए. टीआई साहब को देखते ही वाहन चालकों ने अपनी अपनी गाड़ी किनारे कर ली जिसके बाद एसपी साहब की गाड़ी वहां से निकल पाई.
जब जाम में फंस गए एसपी साहब: बालको प्लांट से रोजाना बड़ी संख्या में लोडेड वाहन निकलते हैं. भारी वाहनों के शहर के बीच से गुजरने के चलते हर दिन जाम के हालात बन जाते हैं. तो वहीं सड़कों की हालत खराब होने के चलते वाहन भी तेजी से नहीं निकल पाते, जिससे घंटों जाम के हालात शहर के बीचो बीच बने रहते हैं. एसपी जितेंद्र शुक्ला को भी परसाभाठा में रोज जाम लगने की खबर तब लगी जब वो सिविल ड्रेस में वहां से गुजर रहे थे और उसी वक्त जाम में फंस गये. खराब सड़क और भारी वाहनों के रोजाना यहां से गुजरने के चलते जाम रोज लगता है, प्रशासन को भी इस बात का पता है. जाम को हटाने और ट्रैफिक को सही रखने के लिए कोई कदम पुलिस की ओर से अबतक नहीं उठाया गया. पुलिस ने वहां पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए किसी की ड्यूटी लगाई होती तो शायद एसपी साहब जाम में नहीं फंसते.
एसपी साहब का बयान: एसपी जितेंद्र शुक्ला ने ईटीवी भारत को बताया कि मैं खुद ही बीती रात जाम में फंस गया था. सिविल ड्रेस में था. इसलिए मुझे परिस्थितियों का सही तरह सेअंदाजा हुआ, अन्यथा मैं भी यह समझ नहीं पता. मौके पर टीआई और बालको प्रबंधन को बुलवाया और उन्हें जनता को जाम से निजात दिलाने की दिशा में काम करने को कहा है. इसमें बालको प्रबंधन की भी लापरवाही दिखी है. उन्होंने अपने गार्ड को मौके पर तैनात नहीं किया था. पुलिस ने भी ट्रक चालकों को थाने बुलाया था. इससे भी जाम देर तक लग रहा. जाम न लगे इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर ठोस कार्रवाई करेंगे
राजस्व मंत्री फंस चुके हैं जाम में: लोगों का कहना है कि शुक्रवार के दिन बालको में साप्ताहिक बाजार लगता है. लिहाजा उस दिन गाड़ियों की भीड़ भी ज्यादा होती है, ऐसे में बालको प्रबंधन की ओर से वहां पर गार्ड को तैनात किया जाता है. पर जब एसपी साहब जाम में फंसे उस वक्त वहां कोई गार्ड मौजूद नहीं था. जाम में पहली बार कोई हाई प्रोफाइल शख्स फंसा हो ऐसा नहीं है. बीते दिनों ही प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी इसी जगह पर जाम में फंस गए थे और बड़ी मशक्कत के बाद जाम से बाहर निकल पाए थे. उस वक्त भी राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को ये निर्देश दिए थे कि वो जाम जैसे हालात यहां नहीं बनने दें, पर नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा.