कोरबा: करतला विकासखंड के 3-4 गांव में होटल और दुकान संचालकों के मनमाने रवैये के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां ज्यादातर होटल और दुकान संचालक चिल्हर (सिक्का) नहीं ले रहे हैं. ऐसे में सामान लेने पहुंचे ग्राहकों को बैरंग लौटना पड़ रहा है.
लोगों को नकदी लेनदेन में राहत पहुंचाने के लिए रिजर्व बैंक ने एक, दो, पांच और 10 रुपये के सिक्कों को प्रचलन में लाया है, लेकिन बेहरचुवां और चैनपुर गांव के होटल और दुकान संचालकों के मनमाने रवैये के चलते ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साल 2016 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी कर पुराने एक हजार और 500 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद कर दिया है. इसके बाद से बाजारों में चिल्हर की किल्लत शुरू हो गई. रिजर्व बैंक ने लोगों की सहुलियत के लिए बड़ी संख्या में 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्के जारी किए. इसके बाद बाजार में हो रही चिल्हर की किल्लत से लोगों को राहत मिली, लेकिन अब कुछ दुकानदार सिक्का लेने से मना कर रहे हैं.
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बाजारों में उड़ाई जा रही अफवाह
बाजारों में सिक्का बंद होने की अफवाह उड़ाई जा रही है. इसके चलते कई छोटे व्यापारी भी सिक्के लेने से कतरा रहे हैं. होटल संचालक ने बताया है कि हमारे गांव बेहरचुवां, रामपुर, और चैनपुर में सिक्का नहीं लिए जा रहे हैं. होटल और राशन दुकान संचालक के सिक्के नहीं लेने से ग्राहकों को काफी दिक्कतें हो रही है.