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Korba Ram Darbar : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने की राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा- कहा "राजधर्म ही राजनीति"

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Published : Jun 12, 2023, 7:23 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 9:15 AM IST

कोरबा में निर्मित भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा करने पूरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती कोरबा पहुंचे.स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने हाथों से मंदिर का दरवाजा खोला. श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया. फिर मंदिर परिसर में ही निर्मित विशाल दो डोम में धर्म सभा का आयोजन हुआ. इस दौरान हिंदू राष्ट्र का नारा भी गूंजता रहा.Ram Darbar in Korba

Ram Darbar in Korba
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने की राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने की राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

कोरबा : डीडीएम मार्ग में राजस्व मंत्री की मदद से बने राम दरबार मंदिर परिसर में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सोमवार को पूरा हुआ. शंकराचार्य की उपस्थिति में वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ राम दरबार के दरवाजे को खोला गया. प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. राम दरबार परिसर में धर्म सभा का भी आयोजन किया गया. इस दौरान शंकराचार्य ने बड़ी तादाद में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित किया.

आदिकाल से ही भारत रहा है जगतगुरु: धर्मसभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि "राजनीति को ही राजधर्म कहते हैं. भारत वर्ष आदि काल से ही जगत गुरू रहा है. इस दक्षता को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. पृथ्वी पर जब भी धर्म की हानि होती है. तब उसकी स्थापना करने भगवान ने भारत वर्ष में जन्म लिया है. भारत की पावन धरा पर केवल पुरूष ही नहीं बल्कि नारी शक्तियों के सम्मान के लिए भी प्रसिद्ध है. भारत वर्ष को कोई दिशाहीन करना चाहे तो यह संभव नहीं. हम विकास के पक्षधर हैं, लेकिन जिस ढंग से वर्तमान में विकास को परिभाषित किया जा रहा है. उससे विनाश का विष टपक रहा है. आध्यात्मिक विकास में ही मनुष्य की शांति का मार्ग समाया हुआ है.''


निश्चलानंद हैं हमारे प्रेरणा स्त्रोत : राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस दौरान निश्चलानंद महाराज को प्रेरणा स्त्रोत कहा. आपको बता दें कि राजनीति में प्रवेश के दौरान जय सिंह अग्रवाल को डॉ. चरणदास महंत ने कहा था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते केवल राजनीति नहीं करना है. बल्कि धार्मिक कार्यों को भी साथ लेकर चलना है. यही बातें जय सिंह अग्रवाल के लिए प्रेरणा बनीं हैं. इसके पहले भी लोगों की कल्पना के अनुसार जय सिंह अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर का निर्माण कराया है.

कारगर साबित हो रहा है मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना
औद्योगिक प्रदूषण के बाद भी कम नहीं हुआ है वनों का आकर्षण
अयोध्या की मिट्टी से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

भव्य आयोजन में जुटे दिग्गज : आयोजन के दौरान प्रदेश के गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास ने कहा कि ''गौमाता की स्तुति से ही भगवान राम का प्राकट्य हुआ है. रामचरित मानस में इसका इस बात उल्लेख करते हुए तुलसीदास जी ने लिखा है कि विप्र, धेनु, सुर, संत हित लीन्ह मनुज अवतार.'' इस अवसर पर उपस्थित बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने भी अपनी बात रखी. शंकराचार्य के प्राकट्य दिवस पर 16 जून को सभी श्रद्धालुओं को रायपुर आने के लिए भी आमंत्रित किया. कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की प्रभारी सचिव कुमारी शैलजा, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम मौजूद रहे.


पीले वस्त्र धारण कर कलश यात्रा में शामिल हुई महिलाएं : कोरबा शहर में सुबह से ही भक्ति और आस्था का उल्लास देखते ही बन रहा था. राजस्व मंत्री जय सिंह ने मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा विधानसभा क्षेत्र के श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया था. आयोजन आस्थामय बनाने के लिए चारों ओर के अलग-अलग बस्तियों से कांग्रेस नेत्रियों की नेतृत्व में कलश यात्रा निकाली गई. पीले वस्त्र धारण कर सिर में कलश लेकर कोहड़िया, मुड़ापार, पुरानी बस्ती, ढोंढीपारा के साथ नगर निगम के 58 वार्ड से भी महिलाएं आयोजन स्थल में पहुंची.

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने की राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

कोरबा : डीडीएम मार्ग में राजस्व मंत्री की मदद से बने राम दरबार मंदिर परिसर में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सोमवार को पूरा हुआ. शंकराचार्य की उपस्थिति में वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ राम दरबार के दरवाजे को खोला गया. प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. राम दरबार परिसर में धर्म सभा का भी आयोजन किया गया. इस दौरान शंकराचार्य ने बड़ी तादाद में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित किया.

आदिकाल से ही भारत रहा है जगतगुरु: धर्मसभा को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि "राजनीति को ही राजधर्म कहते हैं. भारत वर्ष आदि काल से ही जगत गुरू रहा है. इस दक्षता को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है. पृथ्वी पर जब भी धर्म की हानि होती है. तब उसकी स्थापना करने भगवान ने भारत वर्ष में जन्म लिया है. भारत की पावन धरा पर केवल पुरूष ही नहीं बल्कि नारी शक्तियों के सम्मान के लिए भी प्रसिद्ध है. भारत वर्ष को कोई दिशाहीन करना चाहे तो यह संभव नहीं. हम विकास के पक्षधर हैं, लेकिन जिस ढंग से वर्तमान में विकास को परिभाषित किया जा रहा है. उससे विनाश का विष टपक रहा है. आध्यात्मिक विकास में ही मनुष्य की शांति का मार्ग समाया हुआ है.''


निश्चलानंद हैं हमारे प्रेरणा स्त्रोत : राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस दौरान निश्चलानंद महाराज को प्रेरणा स्त्रोत कहा. आपको बता दें कि राजनीति में प्रवेश के दौरान जय सिंह अग्रवाल को डॉ. चरणदास महंत ने कहा था कि जनप्रतिनिधि होने के नाते केवल राजनीति नहीं करना है. बल्कि धार्मिक कार्यों को भी साथ लेकर चलना है. यही बातें जय सिंह अग्रवाल के लिए प्रेरणा बनीं हैं. इसके पहले भी लोगों की कल्पना के अनुसार जय सिंह अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर का निर्माण कराया है.

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भव्य आयोजन में जुटे दिग्गज : आयोजन के दौरान प्रदेश के गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास ने कहा कि ''गौमाता की स्तुति से ही भगवान राम का प्राकट्य हुआ है. रामचरित मानस में इसका इस बात उल्लेख करते हुए तुलसीदास जी ने लिखा है कि विप्र, धेनु, सुर, संत हित लीन्ह मनुज अवतार.'' इस अवसर पर उपस्थित बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने भी अपनी बात रखी. शंकराचार्य के प्राकट्य दिवस पर 16 जून को सभी श्रद्धालुओं को रायपुर आने के लिए भी आमंत्रित किया. कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की प्रभारी सचिव कुमारी शैलजा, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम मौजूद रहे.


पीले वस्त्र धारण कर कलश यात्रा में शामिल हुई महिलाएं : कोरबा शहर में सुबह से ही भक्ति और आस्था का उल्लास देखते ही बन रहा था. राजस्व मंत्री जय सिंह ने मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा विधानसभा क्षेत्र के श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया था. आयोजन आस्थामय बनाने के लिए चारों ओर के अलग-अलग बस्तियों से कांग्रेस नेत्रियों की नेतृत्व में कलश यात्रा निकाली गई. पीले वस्त्र धारण कर सिर में कलश लेकर कोहड़िया, मुड़ापार, पुरानी बस्ती, ढोंढीपारा के साथ नगर निगम के 58 वार्ड से भी महिलाएं आयोजन स्थल में पहुंची.

Last Updated : Jun 13, 2023, 9:15 AM IST
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