कोरबा: लैंको अमरकंटक पावर प्लांट लिमिटेड विस्थापितों को लैंको के ठेकेदारों के अंदर सुरक्षा गार्ड की नौकरी दी गई थी, जो 6 से 7 सालों तक चली. इसके बाद ठेके के कर्मचारी सुरक्षा गार्डों को बिना किसी कारण काम से निकाल दिए. निकाले गए ठेका सुरक्षा गार्डों ने एटक के बैनर तले लैंको गेट नंबर-1 पर धरना दिया.
ठेका सुरक्षा गार्ड अशोक कुमार ने बताया कि, सुरक्षा गार्डों की छंटनी करके 40- 45 सुरक्षा गार्डों को बाहर निकाल दिया गया है. कुछ पूछने पर लैंको अधिकारी गोलमोल जवाब देते हैं. अधिकारियों का कहना है कि लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण उन्हें निकाल दिया गया है. ठेका सुरक्षा गार्डों ने एकत्रित होकर लैंको गेट के सामने लैंको प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही उन्हें उनकी नौकरी दोबारा देने की मांग की.
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सुरक्षा गार्डों के साथ धोखाधड़ी
एटक संगठन के उपाध्यक्ष आरएल खन्ना ने बताया कि लैंको प्लांट ने विस्थापितों के साथ धोखाधड़ी की है. लैंको प्रबंधन लगातार गुंडागर्दी और मनमाने तरीके से काम कर रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि लैंको प्लांट में बाहर से लोगों को लाकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी दी जा रही है, मगर आसपास के भूस्थापित ग्रामीणें को बिना वजह नौकरी से निकाल दिया जा रहा है. सुरक्षा गार्ड की नौकरी से निकाल देने के बाद इन परिवार वालों के सामने दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ रहे हैं.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि अगर एटक संगठन वालों की मांग लैंको प्रबंधन पूरी नहीं करेगा, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस बारे में लैंको प्रबंधन के अधिकारी का कहना है कि एसआईएस कंपनी से किसी भी अधिकारी ने बाहर नहीं निकाला है. लैंको प्रबंधन की तरफ से लिस्ट निकाली गई है, उसके मुताबिक मजदूरों को निकाला गया है.