कोरबा: यूक्रेन रिटर्न एमबीबीएस छात्र के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सुनवाई की. इसमें छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पेरेंटस एंड स्टूडेंट एसोसिएशन के सदस्य भी जुड़े थे. छत्तीसगढ़ में यूक्रेन रिटर्न 207 छात्र मौजूद हैं. जिनके पेरेंटस उनके भविष्य लेकर चिंतित हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई सकारात्मक रही. कोर्ट ने शासन से जवाब मांगा है. अगली सुनवाई के लिए 5 सितंबर का दिन निर्धारित किया गया है.
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यह है प्रमुख मांग: छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पैरंटस एंड स्टूडेंटस एसोसिएशन ने इस संबंध में कई स्तर पर पत्राचार किया है. जिनकी ओर से शासन को सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया है कि 26 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता सुप्रिया कुमारी, रायपुर और रिया पुरोहित कोरबा की याचिका जस्टिस को हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मंजूर कर लिया था.
एसोसिएशन की मांग है कि छत्तीसगढ़ के 11 मेडिकल कॉलेजों में प्रदेश भर में यूक्रेन से लौटे 207 बच्चों को समायोजित किया जाए. जिसके लिए वह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं. एसोसिएशन ने यह भी बताया है कि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की है. एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात कर यूक्रेन से लौटे बच्चों के एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करवाने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब: एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली रिया पुरोहित के पिता सुनील पुरोहित भी ऑनलाइन सुनवाई में जुड़े थे. सुनील ने बताया कि "हमारे मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. सुनवाई बेहद सकारात्मक रही सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और नेशनल मेडिकल कमिशन से जवाब मांगा है. हमें उम्मीद है कि बच्चों के भविष्य को लेकर हमें न्याय मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी.
रायपुर में कर चुके हैं प्रदर्शन: यूक्रेन से छत्तीसगढ़ लौटे बच्चों की संख्या लगभग 207 है. यह सभी प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं. उन्होंने अपना एक संगठन खड़ा कर लिया है. हाल ही में छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पेरेंटस एंड स्टूडेंटस एसोसिएशन ने रायपुर जाकर मुख्यमंत्री निवास के समक्ष भी प्रदर्शन किया था. एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडविया और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर बच्चों के एमबीबीएस की अधूरी पढ़ाई पूरी कराने की मांग की है.