कोरबा: शहर से कुसमुंडा के बीच सर्वमंगला चौक से इमलीछापर तक 7 किलोमीटर की दूरी वाली सड़क का काम लगभग 2 साल से लटका हुआ है. काम बेहद धीमी गति से हो रहा है. निर्माणाधीन सड़क में सोमवार को बरसात के कारण कई वाहन फंस गये. सड़क में इतना पानी भर गया की गाड़ियां पार नहीं हो पा रही थी. कई लोगों ने इसका वीडियो बना लिया. जो अब जमकर वायरल हो रहा है.
खराब सड़क पर राजनीति: कोरबा जिले के पश्चिम क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने वाली कोरबा पश्चिम की लाइफ लाइन सड़क को लेकर खूब राजनीति भी हो चुकी है. 172 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन इमलीछापर- कुसमुंडा से होते हुए हरदीबाजार तक के 27 किलोमीटर लंबे सड़क का काम जारी है. फंड के अभाव में 2 से 3 बार नागपुर की ठेका कंपनी एसएमएस ने बंद कर दिया था.
कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे भारी वाहनों से सड़क व्यस्त: कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगे भारी वाहनों के दबाव के कारण सड़क बेहद व्यस्त रहता है. शहर से पश्चिम क्षेत्र के बीच करीब 20 हजार लोगों की आवाजाही रोज इस सड़क के जरिये ही होती है. वहीं वाहनों के गड्ढों में फंसने के कारण प्रतिदिन जाम की स्थिति निर्मित होगी.
इसी साल मई महीने में ठेका कंपनी ने काम बंद कर दिया था. कंपनी ने आरोप लगाया था कि 60 करोड़ का काम पूर्ण करने के बाद भी महज 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. हालांकि इसके बाद फिर से काम शुरू हुआ था लेकिन बरसात और कई तरह के व्यवहारों का कारण कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है. काम बेहद सुस्त गति से चल रहा है.
मंत्री ने कलेक्टर पर मढ़ा था आरोप: इसी सड़क का निर्माण कार्य बंद होने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने तत्कालीन कलेक्टर पर आरोप मढ़ा था. कहा था कि "व्यक्तिगत रुचि पूर्ण नहीं होने के कारण कलेक्टर, SECL से फंड जारी होने के बाद भी कंपनी को फंड जारी नहीं कर रही है. तल्ख बयान देते हुए मंत्री अग्रवाल ने कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे."